दो दशक बाद राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे एक मंच पर आए. यह एकजुटता मराठी अस्मिता के नाम पर एक नई लड़ाई के रूप में सामने आई है. दोनों भाई, जो कभी साथ थे और फिर उनके रास्ते जुदा हो गए थे, अब 20 साल बाद फिर एक साथ नजर आ रहे हैं.