जनसंख्या नीति पर चर्चा में कहा गया कि 'हम दो हमारे दो' का नारा तब दिया गया था जब देश की आबादी लगभग 70 करोड़ थी और शिशु मृत्यु दर आज से ढाई गुना अधिक थी. इसके साथ ही वर्तमान में रोजगार की कमी और गिरती शिशु मृत्यु दर पर चिंता व्यक्त की गई.