अंतर्जातीय विवाह के मुद्दे से शुरू हुई बहस जल्द ही स्कूलों में धार्मिक शिक्षा और आधुनिक शिक्षा के विषयों पर केंद्रित हो गई. चर्चा के दौरान, प्रतिभागियों ने सरकारी स्कूलों में गीता या कुरान जैसे धार्मिक ग्रंथों को पढ़ाने की आवश्यकता पर सवाल उठाए, खासकर जब उत्तराखंड जैसे राज्यों में शिक्षा व्यवस्था में शिक्षकों की कमी जैसी गंभीर समस्याएं हैं.