सुप्रीम कोर्ट ने मुफ्त योजनाओं पर टिप्पणी की है, जिसमें कहा गया है कि इनकी वजह से लोग काम करने से कतराने लगे हैं. कोर्ट का मत है कि बेहतर होता यदि लोगों को मुख्यधारा से जोड़ा जाता. महाराष्ट्र, दिल्ली और कर्नाटक जैसे राज्यों में मुफ्त योजनाओं के कारण वित्तीय बोझ बढ़ रहा है.