चुनाव आयोग ने कहा कि एक पीपीटी के माध्यम से चुनाव आयोग के आंकड़ों को गलत तरीके से विश्लेषित करके और गलत आंकड़े पेश करके भ्रम फैलाया जा रहा है. इन गंभीर विषयों पर बिना हलफनामे के चुनाव आयोग को काम नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह संविधान और कानून के विरुद्ध होगा.