मोदी सरकार OBC आरक्षण का हिसाब किताब बदल देगी?

G20 समिट को लेकर क्या है व्यापारियों की चिंताएं, स्पेशल सेशन में बदलेगा ओबीसी आरक्षण का हिसाब-किताब, क्या है राहुल गांधी की भारत जोड़ों यात्रा 2.0 का स्टेटस, अगस्त में कम बारिश क्या पड़ेगी आपकी जेब पर भारी, सुनिए 'दिन भर' में.

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चेतना काला

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  • 07 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 9:05 PM IST

दिल्ली इन दिनों देखने लायक है. G20 समिट की तैयारियों से सजी राजधानी की रौनक कुछ यूं है कि कनॉट प्लेस, जनपथ, लोक कल्याण मार्ग जैसी जगहों के रास्तों पर घेराबंदी है लेकिन दिल्ली वाले थोड़ा कष्ट सहकर, कह रहे हैं अरे कुछ दिनों की ही तो बात है, इतना बड़ा समागम हो रहा हमारे यहां. दूसरा, कई आँखों को लुभाने वाले बदलाव भी दिख रहे हैं. जैसे गोल चक्करों पर लगे फव्वारों में पानी आ गई है, लाइट्स लग गई है. रोड लाइट्स के खंभो पर मोर, कमल, योग के चमकते हुए बोर्ड्स हैं. दीवारों पर नई पेंटिंग्स है और इन सबकी निगरानी करने के लिए हर किनारे पर 5 से 6 पुलिस कर्मी.कल से ग्लोबल लीडर्स भी दिल्ली पहुंचने लगे हैं. कल नाइजीरिया के प्रेसीडेंट बोला अहमद तिनिबु भारत पहुंचे. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन जो आज आने वाले थे, अब कल आएंगे. इसके बाद जो बाइडेन और पीएम मोदी की द्विपक्षीय मीटिंग होगी. G20 समिट की तैयारियों ग्राउन्ड क्या तैयारियां हैं, सुनिए 'दिन भर' में. 

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अब बात संसद के स्पेशल सेशन को लेकर. जिसकी घोषणा के बाद पोलिटिकल पार्टीज, पत्रकार, अपने-अपने सूत्र भिंड़ा कर सत्र का एजेंडा डिकोड करने की कोशिश कर रहे हैं. वन नेशन, वन इलेक्शन, महिला आरक्षण की अटकलबाजियों के बीच अब इस कड़ी में नया मुद्दा जुड़ा है ओबीसी आरक्षण का. ये बात लम्बे अरसे से होती रही कि अन्य पिछड़ा वर्ग यानि ओबीसी केटेगरी को मिलने वाले आरक्षण का लाभ मुट्ठी भर लोगों तक ही पहुंच पा रहा है. असल में जो लोग इसके हक़दार हैं, रिजर्वेशन के लाभ से वे वंचित रह जाते हैं. इस मसले को हल करने के लिए सरकार ने अक्टूबर 2017 में रोहिणी कमीशन बनाया था. आयोग को ये काम सौंपा गया कि केंद्र की ओबीसी लिस्ट में शामिल करीब ढाई हजार OBC जातियों की सब-कैटेगरी बनाई जाए. उसके बाद 27 फीसदी कोटा को उनके अनुपात कुछ इस तरह बांटा जाए कि वो असल मायने में वंचित जातियों के साथ न्याय हो. कहा जा रहा है कि स्पेशल सेशन में मोदी सरकार इसी तुरुप के पत्ते को निकाल सकती है. रोहिणी कमीशन अपनी स्टडी और रिकमेंडेशन में क्या तय करने की ओर बढ़ रहा है, सुनिए 'दिन भर' में. 

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ठीक साल भर पहले, आज ही के दिन, जिस कांग्रेस पार्टी पर ये आरोप लगता था कि वो ज़मीन पर नहीं उतरते. उनके प्रदर्शनों, रैलियों में कोई क्रिएटिविटी नहीं. उन्होंने राहुल गांधी की अगुवाई में भारत जोड़ो यात्रा निकाली जिसमें सब कुछ था जो एक पार्टी के काडर में नई जान फूंक दे. कन्याकुमारी से निकल कर लगभग 12 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों को होते हुए, तकरीबन साढ़े तीन हजार किलोमीटर की दूरी तय कर, यात्रा श्रीनगर पहुंची तो ख़ूब ढोल ताशे के साथ लिखा जाने लगा कि राहुल का आम लोगों से कनेक्ट फिर एक बार बहाल हो गया है.लेकिन साल भर बाद आज 7 सितंबर, 2023 को भारत जोड़ो यात्रा की जब पहली सालगिरह थी तो कांग्रेस कार्यकर्ता इस मौके पर देश भर में पैदल मार्च को निकले. लेकिन उनके नेता, यात्रा के हीरो रहे राहुल गांधी ऐसे किसी भी आयोजन में शामिल नहीं हो रहे. वो विदेश यात्रा पर हैं. शुरुआत जिसकी बेल्जियम से उन्होंने की. सवाल है कि जो राजनीतिक पकड़ राहुल गांधी, कांग्रेस ने ने इस यात्रा के बाद हासिल की थी, क्या वो कहीं गुम हो गई या वो किसी न किसी फॉर्म में अब भी बरकरार है, सुनिए 'दिन भर' में. 

पूरे देश भर में इस वक्त मौसम का अजीब हाल है. कहीं बारिश बहुत ज़्यादा हुई है तो कहीं बेहद कम. मौसम विभाग के मुताबिक बीता अगस्त का महीना, बारिश के लिहाज से, अब तक का सबसे सूखा महीना रहा है. कहां तो अगस्त में उम्मीद थी 255 mm बारिश की लेकिन हुई कितनी 162 mm. यानि उम्मीद से 36 प्रतिशत कम.ये परेशानी और भी गंभीर हो जाती है जब हम cwc यानि Central Water Commission के आँकड़े पढ़ते हैं. कमीशन की मानें तो अगस्त में बारिश की कमी की वजह से देश भर के जलाशयों में पानी के भंडार का लेवल भी नीचे आ गया है.अगस्त के अंत तक भारत के 150 जलाशयों में 113 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी उपलब्ध था. ये वाटर लेवेल अपनी सामान्य लिमिट से 10 प्रतिशत कम है. इस कमी की मार सबसे अधिक दक्षिणी राज्यों में हैं. लेकिन उत्तर भारत भी इस समस्या से अछूता नहीं. पानी के भंडार को लेकर कहां, क्या हाल है, सुनिए 'दिन भर' में.

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