अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग ने अपनी नई रिपोर्ट में अडानी ग्रुप और SEBI चीफ माधबी पुरी बुच के बीच कनेक्शन का दावा किया है. रिपोर्ट में जिक्र है कि जिन ऑफशोर संस्थाओं का इस्तेमाल अडानी मनी साइफनिंग स्कैंडल में हुआ, उसमें SEBI अध्यक्ष की हिस्सेदारी थी. हालांकि, सेबी चीफ माधबी पुरी बुच ने इन आरोपों का खंडन किया है और उन्होंने कहा है कि फंड में उनका निवेश सेबी में शामिल होने से दो साल पहले ही किया गया था. इन आरोप-प्रत्यारोपों के बीच ये जानना जरूरी है कि आखिर माधबी पुरी कौन हैं और वह किन पदों पर काम कर चुकी हैं.
कौन हैं सेबी चीफ माधबी पुरी
माधबी पुरी 1 मार्च, 2022 से भारत के मार्केट रेगुलेटर यानी सेबी की पहली महिला चेयरपर्सन हैं. उन्होंने IIM अहमदाबाद से पढ़ाई की है और सेबी की सबसे कम उम्र की प्रमुख हैं. इससे पहले वह सेबी की पूर्णकालिक सदस्य रहीं थी और बाजार नियमन, निवेश प्रबंधन और आईटी संबंधी विभागों का कामकाज देखतीं थी. रिपोर्ट के अनुसार, माधबी पुरी बुच ने साल 1989 में ICICI बैंक के साथ अपने करियर की शुरुआत की थी.
साल 1993 से साल 1995 के बीच माधबी पुरी बुच ने इंग्लैंड के वेस्ट चेशायर कॉलेज में बतौर लेक्चरर काम किया. इसके बाद 12 साल तक उन्होंने कई कंपनियों के सेल्स, मार्केटिंग और प्रोडक्ट डेवलपमेंट डिपार्टमेंट में अपनी सेवाएं दी थी.
ब्रिक्स बैंक में भी सलाहकार
साल 2013 से साल 2017 तक उन्होंने ब्रिक्स देशों के समूह की ओर से बनाए गए न्यू डेवलपमेंट बैंक में बतौर एडवाइजर काम किया. इसके बाद साल 2017 में उन्हें सेबी के पूर्णकालिक सदस्य के तौर पर नियुक्त किया गया था. साल 2018 में उन्होंने सहारा ग्रुप के खिलाफ आदेश पारित किया था. साल 2022 में उन्होंने सेबी के अध्यक्ष के तौर पर अपना कार्यभार संभाला था.
बता दें कि माधबी पुरी का जन्म 1966 में हुआ था. माधबी पुरी बुच की स्कूलिंग मुंबई और दिल्ली में हुई है. उन्होंने डीयू के सेंट स्टीफंस कॉलेज से मैथमेटिक्स की पढ़ाई की है. इसके बाद उन्होंने IMM अहमदाबाद से पढ़ाई की.
माधबी पुरी बुच के बारे में 4 खास बातें
पहली महिला सेबी अध्यक्ष: माधबी पुरी बुच ने 1 मार्च 2022 को सेबी चीफ के रूप में कामकाज शुरू किया था. वह सेबी का नेतृत्व करने वाली पहली महिला हैं.
सबसे कम उम्र की सेबी प्रमुख: अपनी नियुक्ति के समय वह सेबी की प्रमुख बनने वाली सबसे कम उम्र की व्यक्ति थीं.
निजी क्षेत्र का अनुभव: वह प्राइवेट सेक्टर से सेबी अध्यक्ष का सफर तय करने वाली पहली शख्स हैं. इन्होंने देश-विदेश में कई प्राइवेट सेक्टर्स में काम किया है.
सेबी की पिछली भूमिका: अध्यक्ष बनने से पहले, वह सेबी में पूर्णकालिक सदस्य थीं, जहां उन्होंने बाजार विनियमन, निवेश प्रबंधन और आईटी जैसे महत्वपूर्ण विभागों का प्रबंधन किया.
अंतरराष्ट्रीय अनुभव: बुच ने अंतरराष्ट्रीय कंपनियों या बैंकों में भी काम किया है, जिसमें शंघाई में न्यू डेवलपमेंट बैंक के सलाहकार के रूप में और ग्रेटर पैसिफिक कैपिटल के सिंगापुर कार्यालय के प्रमुख के रूप में काम किया है.
कौन हैं धवल पुरी
माधबी पुरी बुच के पति धवल बुच की पहचान एक अनुभवी बिजनेसमैन के रूप में है. रिपोर्ट के अनुसार, धवल बुच मौजूदा समय में ब्लैकस्टोन और अल्वारेज एंड मार्सल में वरिष्ठ सलाहकार हैं. वह गिल्डन के बोर्ड में गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में भी कार्यरत हैं. धवल बुच का यूनिलीवर के साथ तीन दशक लंबा करियर रहा है. धवल बुच आईआईटी दिल्ली से पढ़े हैं. उन्होंने 1984 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की.
यह भी पढ़ें: 'SEBI जॉइन करने से दो साल पहले किया था निवेश', हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर बुच दंपति ने दी सफाई
दंपति ने आरोपों का किया खंडन
बुच दंपति ने हिंडनबर्ग की ओर से लगाए गए आरोपों का खंडन किया है. बुच दंपति ने कहा कि उन्होंने 2015 में 360 वन एसेट एंड वेल्थ मैनेजमेंट (जो पहले आईआईएफएल वेल्थ मैनेजमेंट थी) द्वारा प्रबंधित आईपीई प्लस फंड 1 में निवेश किया था. यह निवेश उनकी तरफ से माधबी के पूर्णकालिक सदस्य के रूप में SEBI जॉइन करने से दो साल पहले तब किया गया था जब दोनों निजी नागरिक के रूप में सिंगापुर में रहते थे. बयान के अनुसार, इस फंड में निवेश करने का फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि मुख्य निवेश अधिकारी अनिल आहूजा स्कूल और आईआईटी दिल्ली से धवल के बचपन के दोस्त हैं और सिटीबैंक, जेपी मॉर्गन और 3i ग्रुप पीएलसी के पूर्व कर्मचारी के रूप में उनके पास कई दशकों का मजबूत निवेश करियर था.
'हमारा जीवन खुली किताब'
आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने रविवार की सुबह-सुबह जारी एक बयान में कहा कि 10 अगस्त को आई हिंडनबर्ग रिपोर्ट में लगाए गए आरोप आधारहीन हैं और इनमें किसी भी तरह की कोई सच्चाई नहीं है. हमारा जीवन और फाइनेंस खुली किताब की तरह है. हमें जो भी खुलासे करने की जरूरत थी, वो सारी जानकारियां बीते सालों में सेबी को दी गई हैं.
Hindenburg ने क्या आरोप लगाए?
हिंडनबर्गकी ओर से शनिवार को जारी की गई रिपोर्ट में दावा करते हुए कहा गया कि व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों से खुलासा होता है कि माधबी बुच और उनके पति धवल बुच ने 5 जून, 2015 को सिंगापुर में आईपीई प्लस फंड 1 के साथ अपना अकाउंट खोला. इसमें दंपति का कुल निवेश 10 मिलियन डॉलर आंका गया है. हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया कि ऑफशोर मॉरीशस फंड की स्थापना इंडिया इंफोलाइन के माध्यम से अडानी ग्रुप के एक निदेशक ने की थी और यह टैक्स हेवन मॉरीशस में रजिस्टर्ड है.
aajtak.in