जब लक्षद्वीप पहुंचे थे तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी, 2019 में मोदी ने बोला था हमला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लक्षद्वीप दौरा चर्चा में है. पीएम ने लोगों से वहां छुट्टियां मनाने के लिए आने की अपील की है. मोदी के इस दौरे के बाद 36 साल पहले राजीव गांधी की फैमिली ट्रिप भी खबरों में आ गई है. तब राजीव अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और ससुराल से आए मेहमानों के साथ छुट्टियां मनाने के लिए लक्षद्वीप पहुंचे थे.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साल 2024 और राजीव गांधी साल 1987 में लक्षद्वीप दौरे पर पहुंचे थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साल 2024 और राजीव गांधी साल 1987 में लक्षद्वीप दौरे पर पहुंचे थे.

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 05 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 4:11 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे के बाद राजीव गांधी परिवार की विजिट भी चर्चा में आ गई है. 36 साल पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी अपने परिवार, रिश्तेदारों और कुछ दोस्तों के साथ यहां पहुंचे थे. वे वहां 10 दिन से ज्यादा वक्त तक रुके थे. इस दौरान इस वीवीआईपी विजिट के लिए जिस तरह के इंतजाम हुए थे उसे लेकर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 के चुनाव में कांग्रेस पर हमला बोला था और ये मामला उस समय खूब सुर्खियों में रहा था.

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बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 जनवरी को लक्षद्वीप दौरे पर पहुंचे थे. वे दोपहर लक्षद्वीप आए और वहां अगत्ती में एक जनसभा को संबोधित किया था. उसके बाद शाम को समुद्र किनारे पहुंचे. काफी समय लक्षद्वीप की सुदंरता निहारी. वहां रात गुजारी. 3 जनवरी को लक्षद्वीप में एक हजार 150 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया. बाद में वो केरल रवाना हो गए थे. पीएम मोदी ने अपने लक्षद्वीप दौरे से जुड़ी कुछ दिलचस्प तस्वीरें शेयर की थीं. पीएम ने वहां समुद्र किनारे सैर की थी और स्नॉर्कलिंग करने की भी खूबसूरत फोटो शेयर की थीं.

पीएम ने लक्षद्वीप के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए देश के लोगों से खास अपील भी की है. पीएम मोदी ने फोटो शेयर की और लिखा, जो लोग एडवेंचर करना चाहते हैं, उनकी लिस्ट में लक्षद्वीप होना चाहिए. मैंने स्नॉर्कलिंग का प्रयास किया. यह आनंददायक अनुभव था. पीएम मोदी ने समुद्र किनारे सैर करने की तस्वीरें भी शेयर की हैं. फोटो में पीएम कुर्सी पर बैठे समुद्र का नजारा देखते नजर आ रहे हैं.

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2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे की तस्वीरों के साथ अब साल 1987 में राजीव गांधी की वहां छुट्टियों की तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल हो रही हैं. राजीव गांधी तब परिवार और अपने ससुराल से आए मेहमानों और दोस्तों के साथ यहां छुट्टियां मनाने आए थे. 

इंडिया टुडे मैगजीन की रिपोर्ट के अनुसार, 1987 में गांधी परिवार अपने कुछ भारतीय और विदेशी दोस्तों को कोचीन से 465 किमी पश्चिम में लक्षद्वीप द्वीपसमूह के बंगाराम के द्वीप पर ले गया था. 

उस समय इस दौरे की जो वीवीआईपी व्यवस्थाएं हुईं इस पर काफी विवाद हुआ था. विवाद का एक मुद्दा आईएनएस विराट का इस्तेमाल करना भी था. पीएम की सुरक्षा के लिए आईएनएस विराट को 10 दिन के लिए अरब सागर में ले जाया गया था. 

समुद्र में आईएनएस विराट का दैनिक खर्च बहुत ज्यादा होता है क्योंकि विराट एस्कॉर्ट जहाजों के पूरे दल के साथ यात्रा करता है. आईएनएस विराट भारतीय नौसेना का प्रमुख विमानवाहक पोत है, इसे 1987 में कमीशन किया गया था और लगभग 30 वर्षों तक इसने सेवा प्रदान की है. 

'तब व्हेल को बचाने पर चर्चा में आए थे राजीव'

पत्रकार अनीता प्रताप ने एक बयान में कहा था कि राजीव गांधी द्वारा लक्षद्वीप में छुट्टियां मनाने के लिए युद्धपोत आईएनएस विराट का उपयोग करने से कुछ विवाद पैदा हो गया था, लेकिन यह जल्द ही खत्म हो गया था. क्योंकि यह एक मौजूदा प्रधानमंत्री का मामला था, इसलिए नौसेना चुप थी. तब बोफोर्स घोटाले की खबरें आ चुकी थीं. मीडिया का ध्यान बोफोर्स घोटाले जैसी अन्य कहानियों पर चला गया था. 

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पत्रकार अनीता प्रताप ने साल 1988 में राजीव गांधी परिवार की छुट्टियों की इस स्टोरी को ब्रेक किया था. जब उनसे पूछा गया कि क्या यह स्टोरी तब भी उतनी ही विवादास्पद थी, इस पर अनीता प्रताप कहती हैं, बिल्कुल नहीं. यह भले ही अजीब लगे, लेकिन उस समय जो बात अधिक विवादास्पद थी- वह थी राजीव गांधी द्वारा एक व्हेल को बचाना. क्योंकि वह एक डॉल्फिन थी, जिसे उन्होंने बचाया था.

मई 2019 में पीएम मोदी ने बोला था हमला

2019 के चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी दिल्ली के रामलीला मैदान में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने रैली में राजीव गांधी की इस यात्रा पर हमला बोलते हुए कहा था, क्या आपने कभी सुना है कि कोई छुट्टियों का आनंद लेने के लिए आईएनएस विराट का इस्तेमाल करता है? यह तब हुआ था, जब राजीव गांधी इस देश के पीएम थे. 

मोदी ने कहा, आईएनएस विराट, जिसे समुद्री सीमाओं पर तैनात किया गया था, 10 दिनों की छुट्टियों की सुविधा के लिए भेजा गया था. राजीव गांधी आईएनएस विराट पर छुट्टियों पर अपने ससुराल वालों को साथ ले गए थे. राजीव गांधी के ससुराल वाले इटली के नागरिक थे. आईएनएस विराट में विदेशियों को प्रवेश की अनुमति दी गई, क्या यह राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता नहीं था? उन्होंने राष्ट्र को पहले और भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को बाद में रखा. 

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पीएम मोदी का कहना था कि राजीव गांधी और उनके परिवार ने छुट्टियों में आईएनएस विराट का इस्तेमाल एक टैक्सी के रूप में किया था. अपने परिवार और दोस्तों के रहने को आरामदायक बनाने के लिए नौसेना के कर्मचारियों और हेलीकॉप्टर को भी लगाया था.

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