नोबेल अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन पर जमीन कब्जाने का आरोप, यूनिवर्सिटी ने जारी किया नोटिस

बंगाल की यूनिवर्सिटी का आरोप है कि अमर्त्य सेन ने एक जमीन पर कथित रूप से अवैध कब्जा किया गया है. नोटिस जारी कर उनसे पूछा गया है कि जमीन को खाली नहीं करने पर उनके खिलाफ बेदखल का आदेश क्यों नहीं जारी किया जाए.

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नोबेल विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन नोबेल विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन

ऋत्तिक मंडल

  • कोलकाता,
  • 19 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 11:01 PM IST

पश्चिम बंगाल की विश्व भारती यूनिवर्सिटी ने नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन को एक नोटिस जारी किया है. जिसमें उनसे नोटिस जा जवाब 24 मार्च तक देने और 29 मार्च को यूनिवर्सिटी के ज्वाइंट रजिस्ट्रार के सामने पेश होने को कहा गया है. ये जमीन को कब्जाने के आरोप में कारण बताओं जारी किया गया है. 

यूनिवर्सिटी का आरोप है कि उन्होंने एक जमीन पर कथित रूप से अवैध कब्जा किया गया है. नोटिस जारी कर उनसे पूछा गया है कि जमीन को खाली नहीं करने पर उनके खिलाफ बेदखल का आदेश क्यों नहीं जारी किया जाए. 

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नोटिस में कहा गया है, "यदि आप और आपके अधिकृत प्रतिनिधि उक्त तारीख पर पेश नहीं होते हैं तो समझा जाएगा कि आप जानबूझकर नोटिस का जवाब नहीं देना चाहते और आपके खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी."

वहीं 89 वर्षीय सेन, जो अब विदेश में रहते हैं, या उनके परिवार के सदस्यों की तरफ से फिलहाल इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. यूनिवर्सिटी का दावा है कि अमर्त्य सेन ने सैंटिनिकेटन परिसर में 1.38 एकड़ जमीन पर कब्जा किया हुआ है, जबकि कानूनन वह 1.25 एकड़ के मालिक हैं. इससे पहले अर्थशास्त्री ने दावा किया था कि सैंटिनिकेटन परिसर में इस जमीन को उनके ने खरीदा था, जबकि कुछ अन्य जमीनों को पट्टे पर लिया गया था.

विश्व भारती के प्रवक्ता महुआ बनर्जी ने दावा किया है कि सेन ने न तो यूनिवर्सिटी द्वारा भेजे गए पहले के किसी भी पत्र का जवाब दिया और न ही कोई अनुवर्ती कार्रवाई की है, जिसके चलते उनके खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.

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उन्होंने कहा, "हमें कोई समस्या नहीं है, अगर वह अपनी जगह किसी और को पक्ष रखने के लिए भेजते हैं. हमें उम्मीद है कि वह इस बार नोटिस का जवाब देंगे."

ममता बनर्जी को बताया था विपक्ष का पीएम चेहरा

बता दें कि इसी साल की शुरुआत में अमर्त्य सेन ने कहा था कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में क्षेत्रीय दलों की भूमिका बेहद अहम होगी. 90 वर्षीय अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने ये भी कहा कि तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी में भारत का अगला प्रधानमंत्री बनने की क्षमता है, लेकिन इससे पहले ये भी सुनिश्चित करना जरूरी है कि क्या पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बीजेपी को लेकर जनता की निराशा को अपनी ताकत में तब्दील कर सकेंगी? उन्होंने कहा था कि ये सोचना गलत है कि 2024 का लोकसभा चुनाव पूरी तरह से भाजपा के पक्ष में होगा. बल्कि आगामी आम चुनाव में कई क्षेत्रीय दलों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी. 

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