Vande Chair Car, Vande Metro and Vande Sleepers: अगले साल से देश में चलेंगी तीन तरह की वंदे भारत ट्रेनें, जानिए वंदे चेयर कार-वंदे मेट्रो-वंदे स्लीपर ट्रेनों में अंतर

भारतीय रेलवे देश में वंदे भारत के नेटवर्क को बढ़ाने का कार्य कर रहा है. इस बीच रेल मंत्री ने कहा है कि जल्द ही भारत में वंदे स्लीपर ट्रेनें और वंदे मेट्रो ट्रेनें भी पटरियों पर दौड़ेंगी. आइए जानते हैं रेल मंत्री ने क्या दी जानकारी.

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Vande Bharat Trains (Representational Image) Vande Bharat Trains (Representational Image)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 26 मई 2023,
  • अपडेटेड 2:18 PM IST

भारतीय रेलवे यात्रियों की सुविधा को बढ़ाने के लिए लगातार कार्य करता रहता है. इसी कड़ी में भारतीय रेलवे वंदे भारत ट्रेनों के नेटवर्क को बढ़ाने का काम भी कर रहा है. अभी देश में 17 वंदे भारत चेयर कार ट्रेनें चल रही हैं. यात्रियों की सुविधा बढ़ाने के लिए भारतीय रेलवे अब वंदे भारत स्लीपर ट्रेनें और वंदे भारत मेट्रो चलाने की भी तैयारी कर रहा है. अगले साल तक देश में तीन तरह की वंदे भारत ट्रेनें दौड़ेंगी. 

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शताब्दी, राजधानी और लोकल ट्रेनों की जगह लेंगी वंदे भारत ट्रेनें

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को कहा कि अगले साल फरवरी से मार्च के बीच देश में तीन तरह की वंदे भारत- वंदे चेयर कार, वंदे स्लीपर और वंदे मेट्रो ट्रेनें पटरियों पर दौड़ेंगी. ये स्वदेशी सेमी-हाई स्पीड ट्रेनें, शताब्दी, राजधानी और लोकल ट्रेनों की जगह लेने के लिए तैयार की जा रही हैं. इन ट्रेनों को चेन्नई में इंटीग्रेटेड कोच फैक्ट्री में बनाया जा रहा है. 

वंदे चेयर कार-वंदे मेट्रो-वंदे स्लीपर ट्रेनों में अंतर

पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में अश्विनी वैष्णव ने कहा कि अगले तीन से चार सालों तक रेलवे ट्रैक्स को इस तरह अपडेट कर दिया जाएगा कि वंदे भारत ट्रेनें अपनी अधिकतम स्पीड 160 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकेंगी. उन्होंने बताया कि वंदे भारत ट्रेनों को तीन फार्मेट में चलाया जाएगा. इसमें वंदे मेट्रो चेयर कार 100 से 550 किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए हैं. वंदे स्लीपर ट्रेनें 550 किलोमीटर से ऊपर की दूरी तय करने के लिए लाई जाएंगी. वहीं, वंदे मेट्रो 100 किलोमीटर से कम की दूरी के लिए लाई जाएंगी. 

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तेजी से चल रहा काम

स्लीपर कोच वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें 200 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पटरियों पर दौड़ेंगी. इसके लिए दिल्ली-कोलकाता और दिल्ली-मुबंई के बीच रेलवे ट्रैक्स को रिपेयर किया जा रहा है. साथ ही, सिग्नल सिस्टम और पुलों को भी ठीक किया जा रहा है. इसके अलावा दोनों रेल मार्गों पर 1,800 करोड़ रुपये की लागत से टक्कर रोधी तकनीकी ढाल लगाई जा रही है. अधिकारियों ने यह भी बताया कि अगले दो वर्षों में 400 ट्रेनें तैयार की जाएंगी.

देशभर में चल रहीं 17 वंदे भारत ट्रेनें

बता दें, कल पीएम मोदी ने उत्तराखंड राज्य को पहली वंदे भारत ट्रेन की सौगत दी है. ये ट्रेन देहरादून से दिल्ली के आनंद विहार टर्मिनल के बीच चलेगी. ये ट्रेन बुधवार को छोड़कर बाकी सभी छह दिन चलाई जाएगी. जो देहरादून से सुबह 7 बजे चलेगी और 11.45 बजे आनंद विहार टर्मिनल पहुंचेगी. इसके बाद शाम 5.50 बजे आनंद विहार से चलकर रात 10.35 बजे देहरादून पहुंचेगी. 314 किलोमीटर का ये सफर वंदे भारत ट्रेन 4 घंटे 45 मिनट में तय करेगी. देशभर में अब तक कुल 17 वंदे भारत ट्रेन चलाई जा रही हैं.

 

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