'यह न्याय की दिशा में अहम कदम...', तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर बोला अमेरिका

26/11 मुंबई हमले के मुख्य साजिशकर्ताओं में शामिल तहव्वुर हुसैन राणा को अमेरिका से भारत लाए जाने को अमेरिकी प्रशासन ने "न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम" बताया है. गुरुवार को अमेरिकी न्याय विभाग ने इस प्रत्यर्पण को लेकर अपना पहला आधिकारिक बयान जारी किया.

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आतंकी तहव्वुर राणा आतंकी तहव्वुर राणा

नलिनी शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 10 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 9:35 PM IST

मुंबई हमले के एक मुख्य साजिशकर्ता तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन ने 2008 के मुंबई हमलों के पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम करार दिया है. गुरुवार को अमेरिकी न्याय विभाग ने अपनी पहली आधिकारिक प्रतिक्रिया में कहा कि तहव्वुर राणा का भारत को प्रत्यर्पण 26/11 हमलों के छह अमेरिकी और अन्य अनेक पीड़ितों के लिए न्याय की दिशा में एक अहम कदम है, जिनकी जान इस "जघन्य हमले" में गई थी.

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'आज तक' से विशेष बातचीत में अमेरिकी न्याय विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि तहव्वुर हुसैन राणा को भारत प्रत्यर्पित कर दिया गया है, जहां वह 2008 के मुंबई आतंकी हमलों में अपनी कथित संलिप्तता से जुड़े 10 आपराधिक आरोपों का सामना करेगा.

अमेरिका का बयान

न्याय विभाग की प्रवक्ता निकोल नवास ऑक्समैन ने कहा, "अमेरिका ने कल कनाडाई नागरिक और पाकिस्तान में जन्मे तहम्मुर हुसैन राणा को भारत प्रत्यर्पित किया है. यह 2008 के मुंबई आतंकी हमलों में उसकी कथित भूमिका से संबंधित 10 आपराधिक आरोपों का सामना करने के लिए किया गया है. राणा का प्रत्यर्पण छह अमेरिकी नागरिकों और अन्य निर्दोष पीड़ितों को न्याय दिलाने की दिशा में अहम कदम है."

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कौन है राणा

तहव्वुर हुसैन राणा, जो 26/11 मुंबई आतंकी हमलों का एक प्रमुख आरोपी है, गुरुवार शाम को एक विशेष विमान से दिल्ली पहुंचा. 64 वर्षीय यह कनाडाई नागरिक मूल रूप से पाकिस्तानी है. सालों की कानूनी और कूटनीतिक कोशिशों के बाद उसे भारत लाया गया है. राणा पर आरोप है कि उसने 2008 के मुंबई हमलों के लिए लॉजिस्टिक सहायता प्रदान की थी, जिसमें 160 से अधिक लोग मारे गए थे. इनमें अमेरिकी, ब्रिटिश और इजरायली नागरिक शामिल थे.

इस हमले को पाकिस्तान स्थित इस्लामी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 सदस्यों ने कई जगहों पर गोलीबारी और बम विस्फोटों के जरिए अंजाम दिया था. राणा का डेविड कोलमैन हेडली के साथ करीबी संबंध था, जो इस हमले का एक अन्य प्रमुख साजिशकर्ता था. राणा ने एक इमिग्रेशन सर्विसेज बिजनेस चलाया था, जिसे आतंकी गतिविधियों के समर्थन के लिए एक मुखौटा के रूप में इस्तेमाल किया गया.

पीएम के अमेरिकी दौरे पर ट्रंप ने की थी घोषणा

राणा के प्रत्यर्पण की घोषणा उस समय हुई जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी में अमेरिकी राजधानी का दौरा किया था. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 14 फरवरी को मोदी के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "हम एक बहुत हिंसक शख्स को तत्काल भारत को वापस दे रहे हैं ताकि वह भारत में न्याय का सामना कर सके." राणा को लॉस एंजिल्स के मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में रखा गया था और भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि के तहत कानूनी प्रक्रियाएं शुरू की गई थीं. इस सप्ताह अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने उसकी प्रत्यर्पण रोकने की याचिका को खारिज कर दिया, जिसके बाद यह प्रक्रिया पूरी हुई.

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भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अन्य खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर इस प्रत्यर्पण प्रक्रिया का नेतृत्व किया. राणा को आतंकवाद-निरोधी कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है और उसे दिल्ली की तिहाड़ जेल में रखा जाएगा, जहां उसके ठहरने की सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं. यह कदम भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक और कानूनी जीत माना जा रहा है, जो 26/11 हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाने की दिशा में लंबे समय से प्रयासरत था.
 

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