Enemy Property: चीन-PAK की नागरिकता ले चुके 12 हजार लोगों की एक लाख करोड़ की प्रॉपर्टी बेचेगी मोदी सरकार

केंद्र सरकार चीन और पाकिस्तान की नागरिकता ले चुके लोगों की प्रॉपर्टी बेचने की तैयारी में है. 12 हजार से अधिक संपत्तियों की बिक्री की जानी है जिनका अनुमानित मूल्य एक लाख करोड़ रुपये से अधिक बताया जा रहा है.

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अचल संपत्तियां बेचने की तैयारी में सरकार (प्रतीकात्मक तस्वीर) अचल संपत्तियां बेचने की तैयारी में सरकार (प्रतीकात्मक तस्वीर)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 20 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 7:25 PM IST

चीन और पाकिस्तान की नागरिकता ले चुके लोगों पर अब सरकार की नजरें टेढ़ी हो गई हैं. गृह मंत्रालय ने उन लोगों को संपत्ति से बेदखल करने और बेचने की प्रक्रिया शुरू कर दी है जिन लोगों ने पाकिस्तान या चीन में से किसी भी देश की नागरिकता ले ली है. गृह मंत्रालय की ओर से ये कार्रवाई इनेमी प्रॉपर्टी एक्ट के तहत की जा रही है.

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समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक देश में ऐसी 12611 संपत्तियां ऐसी हैं जो इनेमी प्रॉपर्टी एक्ट के तहत आती हैं. इन संपत्तियों की अनुमानित कीमत एक लाख करोड़ रुपये से भी अधिक बताई जा रही है. गौरतलब है कि इनेमी प्रॉपर्टी एक्ट के तहत आने वाली संपत्ति की देखरेख की जिम्मेदारी कस्टोडियन ऑफ इनेमी प्रॉपर्टी फॉर इंडिया (CEPI) के पास है जिसकी स्थापना भी इसी एक्ट के तहत की गई थी.

गृह मंत्रालय की एक अधिसूचना के मुताबिक इनेमी प्रॉपर्टी के निस्तारण को लेकर गाइडलाइंस में बदलाव किए गए हैं. इस तरह की संपत्तियों को खाली कराने और बिक्री की प्रक्रिया अब जिलाधिकारी या डिप्टी कमिश्नर का सहयोग लेकर शुरू की जा सकेगी. ऐसी स्थिति में जब संपत्ति की कीमत एक करोड़ रुपये से कम हो, कस्टोडियन की ओर से सबसे पहले कब्जाधारक को ही ये संपत्ति खरीदने का प्रस्ताव दिया जाएगा.

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कस्टोडियन की ओर से मिला प्रस्ताव कब्जाधारक की ओर से ठुकरा दिया जाता है तब उसका निस्तारण गाइडलाइंस के मुताबिक प्रक्रिया का पालन करते हुए किया जाएगा. इसी तरह जिन संपत्तियों का अनुमानित मूल्य एक करोड़ रुपये से अधिक और सौ करोड़ रुपये से कम है, उनका निस्तारण सीईपीआई की ओर से ई-नीलामी के जरिए या केंद्र सरकार इनेमी प्रॉपर्टी डिस्पोजल कमेटी की ओर से निर्धारित दरों पर किया जा सकता है.

गृह मंत्रालय की ओर से ये भी कहा गया है कि CEPI की ओर से द मेटल स्क्रैप ट्रेड कॉरपोरेशन लिमिटेड के ई-ऑक्शन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया जाएगा. सरकार अब तक इनेमी प्रॉपर्टी से 3400 करोड़ रुपये से अधिक कमा चुकी है जिसमें शेयर और सोना जैसी चल संपत्तियां शामिल थीं.

गृह मंत्रालय करा रहा इनेमी प्रॉपर्टी का सर्वे

गृह मंत्रालय की ओर से देश के 20 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में इनेमी प्रॉपर्टी का सर्वे कराया जा रहा है जिसका लक्ष्य इन संपत्तियों की पहचान करना है. डायरेक्टरेट जनरल ऑफ डिफेंस इस्टेट्स (डीजीडीई) की ओर से कराए जा रहे अपनी तरह के इस पहले सर्वे में चिह्नित की गई संपत्ति की वर्तमान स्थिति और कीमत का आकलन सीईपीआई की ओर से किया जाएगा.

सरकार ने 2020 में बनाया था मंत्रियों का समूह

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सरकार ने गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में साल 2020 में ही ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स का गठन कर दिया था जिसका उद्देश्य इनेमी प्रॉपर्टी के मोनेटाइजेशन की निगरानी करना था. सीईपीआई के पास जो 12611 इनेमी प्रॉपर्टी हैं, उनमें से सबसे ज्यादा 12485 पाकिस्तानी नागरिकों से संबंधित हैं जबकि 126 चीनी नागरिकों से जुड़ी हैं.

किस राज्य में कितनी इनेमी प्रॉपर्टी

सबसे ज्यादा इनेमी प्रॉपर्टी उत्तर प्रदेश में है. यूपी में 6255 इनेमी प्रॉपर्टी है. इसके बाद पश्चिम बंगाल (4088 प्रॉपर्टीज) का नंबर आता है. इसी तरह दिल्ली में 659, गोवा में 295, महाराष्ट्र में 208, तेलंगाना में 158, गुजरात में 151, त्रिपुरा में 105, बिहार और मध्य प्रदेश में 94-94, छत्तीसगढ़ में 78 और हरियाणा में 71 इनेमी प्रॉपर्टीज हैं. केरल में 71, उत्तराखंड में 69, तमिलनाडु में 67, मेघालय में 57, असम में 29, कर्नाटक में 24, राजस्थान में 22, झारखंड में 10, दमन और दीव में चार, आंध्र प्रदेश और अंडमान निकोबार द्वीप समूह में एक-एक इनेमी प्रॉपर्टीज हैं.

 

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