तमिलनाडु (Tamilnadu) के शिवगंगा में एक मंदिर के सुरक्षा गार्ड अजीत (27) की कथित हिरासत में मौत के मामले में दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश करते समय उसे मिर्गी का दौरा पड़ा था. इंडिया टुडे द्वारा एक्सक्लूसिव तौर पर एक्सेस की गई एफआईआर में कहा गया है कि यह घटना तब हुई जब अजीत कुमार को एक गौशाला में ले जाया गया, जहां उसने चोरी के आभूषण छिपाने का दावा किया. अब मामले की जांच को CID के हाथ सौंप दिया गया है और गिरफ्तार किए गए पांच पुलिसकर्मियों को 15 अगस्त तक के लिए न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है.
पोस्टमार्टम के दौरान अजीत कुमार के शरीर पर करीब 17 जगहों पर चोट के निशान मिले हैं. इसके साथ गंभीर आंतरिक चोटें भी हैं.
अजीत कुमार की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर विपक्षी नेताओं ने हैरानी जताया और सीएम स्टालिन के शासन में मौत को पुलिस अत्याचार बताया है.
क्या है पूरा मामला?
अजीत को पिछले हफ्ते पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था, जब एक महिला ने आरोप लगाया था कि मदापुरम कालियाम्मन मंदिर में दर्शन के दौरान उसने अजीत से कार पार्क करने के लिए कहा था, जिसके बाद उसकी कार से 80 ग्राम सोने के गहने गायब हो गए. अजीत मंदिर में गार्ड के तौर पर काम करता था.
हालांकि, उसे गाड़ी चलाना नहीं आता था, इसलिए उसने कार पार्क करने के लिए किसी और से मदद मांगी. अजीत को 27 जून को हिरासत में लिया गया था. शनिवार को उसकी मौत हो गई. उसके परिवार ने आरोप लगाया है कि हिरासत में उसे प्रताड़ित किया गया.
एफआईआर में क्या दर्ज किया गया?
हेड कॉन्स्टेबल कन्नन द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के बाद एफआईआर दर्ज की गई. FIR के मुताबिक, थिरुपुवनम इंस्पेक्टर और पुलिस उपाधीक्षक द्वारा अजीत से पूछताछ करने के निर्देश दिए गए थे. पूछताछ के दौरान, अजीत ने कथित तौर पर कई नाम बताए, लेकिन आखिरकार उसने खुद ही आभूषण चुराने की बात कुबूल की.
एफआईआर में कहा गया है कि अजीत को फिर उस जगह ले जाया गया, जहां उसने आभूषण छिपाने का दावा किया था. जब वह आभूषण निकालने के लिए एस्बेस्टस शीट हटा रहा था, तो उसने भागने की कोशिश की, लेकिन फिसल गया.
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हेड कॉन्स्टेबल कन्नन ने कहा कि बाद में वह अन्य आरोपियों को उनके संबंधित परिवारों को सौंपने के लिए घटनास्थल से चला गया. अजीत को चार पुलिसकर्मियों - प्रभु, आनंद, राजा और शंकरमणिकंदन की हिरासत में छोड़ दिया गया. कन्नन ने कहा कि जब वह गया तो स्वस्थ था.
कन्नन ने दावा किया कि उसे कान्स्टेबल प्रभु का फोन आया, जिसने उसे बताया कि अजीत को फिर से भागने की कोशिश करते वक्त दौरा पड़ा था. इसके बाद मंदिर के गार्ड को थिरुपुवनम अस्पताल ले जाया गया और फिर शिवगंगई सरकारी अस्पताल में ट्रांसफर कर दिया गया. शिवगंगई अस्पताल के अधिकारियों ने अगले दिन सुबह 11.45 बजे अजीत को मृत घोषित कर दिया.
प्रमोद माधव