गणपति विसर्जन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने NGT के आदेश पर लगाई रोक, जानें क्या है मामला

NGO ने CJI के सामने NGT के 30 अगस्त के आदेश को उठाते हुए कहा कि NGT ने पुणे में गणपति विसर्जन के लिए ढोल ताशा समूह में लोगों की संख्या को प्रतिबंधित करने का लिखित आदेश दिया है. गणेश प्रतिमा विसर्जन के लिए NGT लोगों की संख्या को कैसे सीमित कर सकता है?

Advertisement
सुप्रीम कोर्ट ने NGT के एक फैसले पर रोक लगा दी है सुप्रीम कोर्ट ने NGT के एक फैसले पर रोक लगा दी है

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 12 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 4:36 PM IST

गणपति विसर्जन के लिए ढोल ताशा के साथ 30 से ज्यादा लोगों को जाने से प्रतिबंधित करने के NGT के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. अब पुणे मे 30 से ज्यादा लोग ढोल ताशा के साथ गणपति विसर्जन में भाग ले सकेंगे. बता दें कि एक NGO की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार, पुणे म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन, पुलिस कमिशनर पुणे समेत अन्य को नोटिस जारी किया है.

Advertisement

NGO ने CJI के सामने NGT के 30 अगस्त के आदेश को उठाते हुए कहा कि NGT ने पुणे में गणपति विसर्जन के लिए ढोल ताशा समूह में लोगों की संख्या को प्रतिबंधित करने का लिखित आदेश दिया है. गणेश प्रतिमा विसर्जन के लिए NGT लोगों की संख्या को कैसे सीमित कर सकता है?

एनजीटी के आदेश के खिलाफ पुणे स्थित 'ढोल-ताशा' ग्रुप की याचिका पर दोपहर 2 बजे सुनवाई करने का फैसला किया गया था. मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने इस पर राज्य के अधिकारियों को नोटिस भी जारी किया.

सुनवाई के दौराव एडवोकेट अमित पई ने कहा कि 'ढोल-ताशा' का पुणे में 100  साल से भी अधिक समय से बहुत गहरा सांस्कृतिक महत्व रहा है और इसकी शुरुआत लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने की थी. उन्होंने कहा कि एनजीटी के 30 अगस्त के निर्देश का ऐसे समूहों पर असर पड़ेगा.

Advertisement

बेंच ने कहा कि इसे लेकर नोटिस जारी करें. सूचीबद्ध होने के अगले दिन तक निर्देश संख्या 4 (ढोल-ताशा समूहों में व्यक्तियों की संख्या) के संचालन पर रोक रहेगी. उन्हें अपना ढोल-ताशा करने दें. यह पुणे का दिल है.

एनजीटी ने पुणे पुलिस को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि प्रत्येक समूह में ढोल-ताशा-जंज के सदस्यों की कुल संख्या 30 से अधिक न हो. इस पर जल्द सुनवाई की मांग करते हुए वकील ने शीर्ष अदालत से कहा था कि गणपति उत्सव चल रहा है, इसलिए यह जरूरी है. 

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement