बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने की यूपी सरकार की तारीफ, कही ये बात

कोर्ट ने कहा कि हम उत्तर प्रदेश राज्य द्वारा दायर हलफनामे में अपनाए गए रुख की सराहना करते हैं. साथ ही कहा कि हम अखिल भारतीय स्तर पर कुछ दिशा-निर्देश बनाने का प्रस्ताव करते हैं, इससे याचिका में उठाए गए मुद्दों के संबंध में चिंताओं का ध्यान रखा जा सकेगा.

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सांकेतिक तस्वीर (PTI Photo) सांकेतिक तस्वीर (PTI Photo)

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 02 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 10:49 PM IST

सुप्रीम कोर्ट में बुलडोजर मामलों की सुनवाई हुई. बुलडोजर एक्शन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपने लिखित आदेश में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दायर हलफनामे की सराहना की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यूपी सरकार ने हलफनामा दायर किया है. इसमें सरकार ने कहा कि अचल संपत्तियों को सिर्फ कानून द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार ही ध्वस्त किया जा सकता है. उत्तर प्रदेश की ओर से गृह विभाग के विशेष सचिव ने यह हलफनामा दायर किया है.

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कोर्ट ने कहा कि हम उत्तर प्रदेश राज्य द्वारा दायर हलफनामे में अपनाए गए रुख की सराहना करते हैं. साथ ही कहा कि हम अखिल भारतीय स्तर पर कुछ दिशा-निर्देश बनाने का प्रस्ताव करते हैं, इससे याचिका में उठाए गए मुद्दों के संबंध में चिंताओं का ध्यान रखा जा सकेगा. 

कोर्ट ने कहा कि इस बाबत सुप्रीम कोर्ट में आए पक्षकारों के वकील अपने सुझाव दें, ताकि न्यायालय उचित दिशा निर्देश तैयार कर सके. ये दिशा निर्देश अखिल भारतीय स्तर पर लागू होंगे.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम सभी पक्षों से अनुरोध करते हैं कि वे अपने सुझावों की एक प्रति मध्य प्रदेश राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता नचिकेता जोशी को उनकी ईमेल आईडी sr.adv.nachiketajoshi@gmail.com पर भी भेजें. 

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई पर गंभीर सवाल उठाए हैं. कोर्ट ने कहा कि सिर्फ आरोपी होने के आधार पर किसी के घर को गिराना उचित नहीं है. अदालत ने शासन और प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर कोई व्यक्ति दोषी भी है, तो भी उसके घर को गिराया नहीं जा सकता. 

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सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस बात को स्वीकार किया और कहा कि अपराध में दोषी साबित होने पर भी घर नहीं गिराया जा सकता. उन्होंने स्पष्ट किया कि जिनके खिलाफ कार्रवाई हुई है, वे अवैध कब्जे या निर्माण के कारण निशाने पर हैं, न कि अपराध के आरोप की वजह से एक्शन हुआ है. 

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