सुप्रीम कोर्ट के विस्तार की योजना, 27 अतिरिक्त अदालतें, 4 रजिस्ट्रार अदालतें बनेंगी: CJI

डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि पहले चरण में संग्रहालय और एनेक्सी बिल्डिंग को ध्वस्त कर 15 कोर्ट रूम, न्यायाधीशों के चैंबर, एससीबीए लाइब्रेरी, एससीबीए और एससीएओआरए के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सचिव के कार्यालयों, एससीबीए कार्यकारी बैठक के लिए एक नई इमारत का निर्माण किया जाएगा

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सुप्रीम कोर्ट के विस्तार की योजना सुप्रीम कोर्ट के विस्तार की योजना

सृष्टि ओझा

  • नई दिल्ली,
  • 15 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 11:39 PM IST

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर घोषणा की कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय के विस्तार के लिए एक योजना तैयार की गई है. सीजेआई ने कहा कि 27 अतिरिक्त अदालतों, 51 न्यायाधीशों के चैंबर, 4 रजिस्ट्रार कोर्ट रूम, 16 रजिस्ट्रार चैंबर और वकीलों और वादियों के लिए अन्य आवश्यक सुविधाओं के लिए एक नई इमारत का निर्माण करके सुप्रीम कोर्ट का विस्तार करने की योजना है.  

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CJI ने अदालतों को सुलभ और समावेशी बनाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि हमें प्राथमिकता के आधार पर अपने अदालती बुनियादी ढांचे को दुरुस्त करने की जरूरत है. CJI ने कहा कि भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए न्यायिक बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण पर जोर दिया जा रहा है.

डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि पहले चरण में संग्रहालय और एनेक्सी बिल्डिंग को ध्वस्त कर 15 कोर्ट रूम, न्यायाधीशों के चैंबर, एससीबीए लाइब्रेरी, एससीबीए और एससीएओआरए के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सचिव के कार्यालयों, एससीबीए कार्यकारी बैठक के लिए एक नई इमारत का निर्माण किया जाएगा. इसके अलावा वकीलों और वादियों के लिए कमरा, कैंटीन, लेडीज़ बार रूम और अन्य सुविधाओं पर जोर दिया जाएगा.

अगले चरण में, 12 कोर्ट रूम, जजों के चैंबर, रजिस्ट्रार कोर्ट और एससीबीए और एससीओआरए के लिए लाउंज के वास्ते नए भवन के दूसरे भाग के निर्माण के लिए मौजूदा कोर्ट परिसर के कुछ हिस्से को ध्वस्त किया जाएगा. मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि नई इमारत भारतीय लोगों की संवैधानिक आकांक्षाओं, विश्वासों और प्राथमिकताओं को दिखाएगी.

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सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि न्यायिक प्रक्रियाओं के आसपास की अक्षमता और अस्पष्टता को खत्म करने के लिए टेक्नोलॉजी के तौर पर हमारे पास सबसे अच्छा विकल्प है. उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी की पूरी क्षमता का उपयोग करना होगा.

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ई-कोर्ट परियोजना के तीसरे चरण पर काम कर रहा है. जिसका उद्देश्य देश भर की सभी अदालतों को आपस में जोड़कर, कागज रहित अदालत के बुनियादी ढांचे की स्थापना, अदालत के रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण और भारत में अदालतों के कामकाज में क्रांतिकारी बदलाव लाना है.

CJI ने कहा कि हमारा उद्देश्य एक ऐसी न्यायिक प्रणाली बनाना है जो न्याय चाहने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए अधिक सुलभ और किफायती हो. उन्होंने कहा कि जब से मैंने भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदभार संभाला है, सुप्रीम कोर्ट ने कई आईटी परियोजनाएं विकसित की हैं. जैसे कि आरटीआई के लिए ऑनलाइन पोर्टल, ईएससीआर, अधिवक्ताओं के लिए ऑनलाइन उपस्थिति पोर्टल.

भारत के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की हालिया पहल जैसे अदालती कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग, अंग्रेजी से स्थानीय भाषाओं में फैसले का अनुवाद और अदालती कार्यवाही की लाइव ट्रांसक्रिप्शन हमारी कानूनी प्रक्रियाओं की पारदर्शिता में योगदान देगी.

 

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