'इमरान समेत जेल में बंद हजारों लोगों को रिहा करें', जस्टिस काटजू की पाकिस्तान के चीफ जस्टिस को सलाह 

सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने पाकिस्तान के चीफ जस्टिस काजी फैज ईसा को चिट्टी लिखी है. इसमें जस्टिस काटजू ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान समेत हजारों लोगों को जेल से रिहा करने की सलाह दी है.

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जस्टिस काटजू ने पाकिस्तान के चीफ जस्टिस को दी सलाह (फाइल फोटो) जस्टिस काटजू ने पाकिस्तान के चीफ जस्टिस को दी सलाह (फाइल फोटो)

गीता मोहन

  • नई दिल्ली,
  • 18 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 2:05 PM IST

सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने पाकिस्तान के चीफ जस्टिस काजी फैज ईसा को चिट्टी लिखी है. इसमें जस्टिस काटजू ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को जेल से रिहा करने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि 9 मई की घटना के बाद पाकिस्तान में फासीवादी राज कायम हो गया है. 

जस्टिस काटजू ने अपनी चिट्ठी में लिखा, मैंने आपका शपथग्रहण इंटरनेट पर देखा. आप शपथ के समय अपनी पत्नी के साथ खड़े हुए थे. आपके इस अच्छे मैं प्रभावित हुआ. हालांकि मैं बताता हूं कि आपको दो टेस्ट से गुजरना होगा.  

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उन्होंने आगे कहा, आपने संविधान को बनाए रखने की शपथ ली है, जिसमें पाकिस्तान के नागरिकों के जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार जैसे मौलिक अधिकार शामिल हैं. 

जस्टिस काटजू ने चिट्ठी में क्या लिखा?

जस्टिस काटजू ने कहा पाकिस्तान के चीफ जस्टिस को लिखा, "जैसा कि आप जानते हैं कि 9 मई की घटनाओं के बाद पाकिस्तान में फासीवादी सत्ता कायम हुई, जिसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान, कई पीटीआई कार्यकर्ता समेत 10 हजार से ज्यादा लोग (महिलाओं समेत) गिरफ्तार किए गए. इन्हें पीटा गया, बेरहमी से प्रताड़ित किया गया और कई लोगों को मार डाला गया. इसलिए यह आपका कर्तव्य है कि इन 10 हजार लोगों को तुरंत जेल से रिहा कराया जाए. उन्हें पर्याप्त मुआवजा दिया जाए और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों को उचित सजा दी जाए." 

चिट्ठी में काटजू ने दूसरी मांग क्या रखी?

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इसके बाद रिटायर्ड जस्टिस ने दूसरी मांग बताते हुए कहा कि पाकिस्तान के संविधान को लागू करना आपका कर्तव्य है क्योंकि आपने इसे बनाए रखने की शपथ ली है. इसके अनुच्छेद 224(2) में कहा गया है कि संसद भंग होने के 90 दिनों के भीतर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव होने चाहिए और यहां तक ​​कि राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने भी इसका प्रस्ताव रखा है. इसलिए अनुच्छेद 224(2) को लागू करना आपका कर्तव्य है.  

अगर हुए फेल तो न्यायिक इतिहास के कूड़ेदान में नाम 

जस्टिस काटजू ने कहा कि अगर आप इन दोनों टेस्ट को पूरा करने में विफल होते हैं तो आपका नाम न्यायिक इतिहास के कूड़ेदान में डाल दिया जाएगा और पाकिस्तान के चीफ जस्टिस के रूप में आपका 13 महीने का कार्यकाल बड़ी विफलता के रूप में चिन्हित किया जाएगा. ठीक वैसे ही जैसे आपसे पहले रिटायर्ड चीफ जस्टिस बंदियाल, जो रीढ़विहीन और कायर साबित हुए थे. उन्होंने अपनी शपथ के साथ धोखा दिया और केवल अपने वेतन, भत्ते और पेंशन को लेकर चिंतित थे. 

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