SC ने स्वीकार की NRC अधिसूचना के खिलाफ JUH-AASU की याचिका

असम में नेशनलर जिस्टर ऑफ सिटीजन के कॉर्डिनेटर हितेश शर्मा ने गुवाहाटी हाईकोर्ट को जानकारी दी थी कि पिछले साल जो लिस्ट जारी की गई, वो अंतिम नहीं है. अभी फाइनल लिस्ट जारी होना बाकी है. 

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सुप्रीम कोर्ट (पीटीआई) सुप्रीम कोर्ट (पीटीआई)

अनीषा माथुर

  • नई दिल्ली,
  • 13 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 5:09 PM IST
  • हितेश देव सरमा की ओर से जारी की गई थी अधिसूचना
  • कोर्ट ने सरमा के खिलाफ अवमानना ​​याचिका खारिज की
  • JUH का आरोप, मुसलमानों को बाहर करने की साजिश

सुप्रीम कोर्ट ने जमीयत उलेमा हिंद (JUH) और ऑल असम स्टूडेंट यूनियन (AASU) की ओर से असम राज्य के NRC कोऑर्डिनेटर हितेश देव सरमा द्वारा जारी अधिसूचना के खिलाफ याचिका पर विचार करने के लिए सहमति जता दी है. जमीयत उलेमा हिंद ने पिछले साल विवादित अधिसूचना के खिलाफ देश की सबसे बड़ी अदालत की ओर रुख किया था.

हितेश देव सरमा ने अधिसूचना जारी करते हुए सभी जिला रजिस्ट्रार से एनआरसी सूचियों में शामिल उन व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है, जिन्हें विदेशी और डीवोटर घोषित किया गया है और ट्रिब्यूनल के समक्ष मामले लंबित हैं.

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कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया है कि पिछले राज्य कोऑर्डिनेटर ने भी पुन: सत्यापन का काम किया था. अब सूची में नाम कड़ी जांच के बाद शामिल किए गए हैं.

जमीयत उलेमा हिंद (JUH) ने यह भी आरोप लगाया कि असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) के जरिए मुसलमानों को बाहर करने का एक नया खेल शुरू हो गया है.

अवमानना ​​याचिका खारिज

मुख्य न्यायाधीश (CJI) बेंच यह देखेगी कि इस संबंध में जो कुछ भी किया जा रहा है, वह किसी उद्देश्य से परे है या नहीं. हालांकि कोर्ट ने हितेश देव सरमा के खिलाफ अवमानना ​​याचिका खारिज कर दिया है.

सुप्रीम कोर्ट ने जमीयत उलेमा हिंद और AASU से NRC कोऑर्डिनेटर की ओर से 13 अक्टूबर, 2020 जारी अधिसूचना को चुनौती देने के लिए याचिका बदलने को कहा है.

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इस बीच पिछले दिनों असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन के कॉर्डिनेटर हितेश शर्मा ने गुवाहाटी हाईकोर्ट को जानकारी दी थी कि पिछले साल जो लिस्ट जारी की गई, वो अंतिम नहीं है. अभी फाइनल लिस्ट जारी होना बाकी है. 

अंग्रेजी डेली अखबार इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, हाईकोर्ट में दाखिल किए गए हलफनामे में बताया गया कि 31 अगस्त, 2019 को जो लिस्ट जारी की गई, उसमें करीब 4,700 नामों में गड़बड़ी है. ऐसे में उस लिस्ट को फाइनल नहीं माना जाए.

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