'...फिर नहीं आओगे जीत कर', लोकसभा में विपक्षी सांसदों से क्यों बोलीं पीठासीन रमा देवी?

लोकसभा में हंगामा कर रहे विपक्ष को आसन की ओर से नसीहत दी गई. पीठासीन रमा देवी ने हंगामा कर रहे विपक्षी सांसदों को वोट की याद दिलाई और कहा कि फिर जीत कर नहीं आओगे.

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रमा देवी रमा देवी

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 29 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 2:22 PM IST

संसद में राहुल गांधी की अयोग्यता और अडानी मुद्दे को लेकर सियासी संग्राम जारी है. विपक्षी सांसदों ने लोकसभा से राज्यसभा तक हंगामा किया, वेल में आकर नारेबाजी की. नारेबाजी के बीच लोकसभा से दो विधेयक पारित भी किए गए. इस बीच एक वाकया ऐसा भी हुआ, जब लोकसभा में पीठासीन रमा देवी ने विपक्षी सांसदों से कहा कि फिर जीत कर नहीं आओगे.

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दरअसल हुआ ये कि सुबह 11 बजे लोकसभा की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई, विपक्षी सांसद वेल में आ गए और नारेबाजी शुरू कर दी. विपक्ष के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी. लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे जब दोबारा शुरू हुई, विपक्ष के सदस्य फिर हंगामा करने लगे.

पीठासीन रमा देवी ने सदस्यों से अपने नाम के आगे अंकित पत्र सदन पटल पर रखने के लिए कहा. लोकसभा में हंगामे के बीच दो विधेयक भी पेश हुए. भूपेंद्र यादव ने फॉरेस्ट (कन्जर्वेशन) अमेंडमेंट बिल 2023 लोकसभा में पेश किया. हंगामे और नारेबाजी के बीच ही भूपेंद्र यादव ने संसदीय समिति की सिफारिशों के साथ जैव विविधता संशोधन विधेयक 2022 और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कॉम्पिटिशन (अमेंडमेंट) बिल 2022 विचार और पारित किए जाने के लिए पेश किया.

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लोकसभा में इन विधेयकों पर वोटिंग हो रही थी तभी विपक्ष के सांसद स्पीकर आसन के सामने तख्तियां लहराने लगे और नारेबाजी तेज कर दी. इस पर पीठासीन रमा देवी ने विपक्षी सांसदों को टोका. रमा देवी ने हंगामा कर रहे विपक्षी सांसदों की ओर मुखातिब होते हुए कहा कि क्या यही करने के लिए आप लोगों को जनता ने भेजा है, यही करने के लिए जनता भेजी है?

रमा देवी ने कहा कि फिर नहीं आओगे जीत कर. विधेयकों पर वोटिंग जारी रही और विपक्ष का हंगामा भी. रमा देवी ने कहा कि हो गया, आप लोगों का विरोध हो गया. उन्होंने कहा कि अब कृपया अपनी सीट पर जाकर बैठ जाइए. आप लोग भी वोट लेकर आए हैं. पीठासीन ने कहा कि कब तक बोलिएगा. जो बोलना है, अपनी सीट पर बैठकर बोलिए.

पीठासीन की ओर से ये कहे जाने के बाद वेल में आकर हंगामा कर रहे विपक्षी सांसदों की ओर से आवाज आई कि सरकार अडानी को बचा रही है. विपक्षी सदस्यों ने कहा कि केंद्रीय मंत्री अडानी की वकालत कर रहे हैं. विपक्षी सदस्यों ने ये भी सवाल किया कि 20 हजार करोड़ रुपये किसके हैं? विपक्षी सांसद वी वांट जेपीसी के नारे लगाते रहे.

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