राजस्थान में रार
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा कुछ दिनों में राजस्थान में कदम रखने वाली है. मगर इससे पहले गहलोत एक बार फिर आक्रामक हो गए हैं. एक इंटरव्यू में कल उन्होंने पायलट को गद्दार करार देते हुए यहां तक कह दिया कि पायलट किसी भी हाल में राजस्थान के मुख्यमंत्री नहीं बन सकते. बात बढ़ी तो पायलट का बयान भी आया. उन्होंने गहलोत के बयान का खंडन किया और कहा कि आगामी विधानसभा सामने है, ऐसे में इस तरह की बयानबाजी से बचना चाहिए.
बस एक महीने पहले की ही बात है जब राजस्थान में उहापोह में फंसे गहलोत ने सोनिया गांधी से माफी मांगी थी और कहा था कि वो कांग्रेस के खिलाफ बग़ावत करने की सोच भी नहीं सकते..मगर महीने भर बाद ही उनके तेवर वापस बदल गए हैं. गहलोत के इस बयान पर हालांकि हाईकमान अब तक ख़ामोश है मगर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने इस मसले पर आजतक से बात की.
हमने हाल ही में देखा कि राजस्थान के बागी विधायकों पर एक्शन न होने की वजह से अजय माकन ने राजस्थान प्रभारी पद से इस्तीफा दे दिया. बावजूद इसके हाईकमान का राजस्थान पर रिएक्शन नहीं आया. मतलब एक तरह से देखें तो ये साफ है कि हाईकमान चुनाव से पहले पार्टी इक्वेशन बिगाड़ना नहीं चाहती. इसके अलावा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का यहां क्या रोल रहेगा, इसपर भी सबकी नज़र है
तो सबसे पहले ये समझते हैं कि हाल के दिनों में ही नरम दिख रहे अशोक गहलोत अचानक से आक्रामक क्यों दिखाई देने लगे, ‘दिन भर’ में सुनने के लिए क्लिक करें.
गुजरात चुनाव में मुस्लिम फैक्टर
अब राजस्थान से छुट कर गुजरात चलते हैं जहां हफ्ते भर बाद एक दिसंबर को पहले चरण के चुनाव होने है. बीजेपी कांग्रेस से इतर आम आदमी पार्टी भी गुजरात चुनाव में हाथ आज़मा रही है जिसका सीधा नुकसान कांग्रेस को हो सकता है. ऐसा कई एक्सपर्ट्स दावा कर रहे हैं क्योंकि दोनों ही पार्टी सेम सेक्सन के लोगों को टारगेट कर रही है.
राज्य के मुस्लिम वोटर्स जो हमेशा से कांग्रेस के वफादार कहे जाते रहे हैं, उसे आम आदमी पार्टी अपनी ओर लाने की कोशिश में है और अब ओवैसी की एंट्री ने मामले को दिलचस्प मोड़ दे दिया है. AIMIM गुजरात में 40 सीटों पर हाथ आज़मा रही है जिससे मुस्लिम वोटर्स बिखर सकते हैं.
कांग्रेस ने इस बार छह मुस्लिम प्रत्याशी उतारे हैं मगर पिछले विधानसभा चुनाव में ये आंकड़ा दस था. बीजेपी ने एक भी मुस्लिम कैंडिडेट को टिकट नहीं दिया है वहीं आम आदमी पार्टी ने तीन सीटों पर मुस्लिम कैंडिडेट खड़े किए हैं. ‘दिन भर’ में सुनने के लिए क्लिक करें
महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद
कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच दशकों पुराना सीमा विवाद फिर भड़क उठा है. सुप्रीम कोर्ट में ये लड़ाई चल ही रही है, अब दोनों तरफ की सरकारों ने बयानों से भी एक दूसरे का मुकाबले करने की ठानी है. कर्नाटक सीएम बासवराज बोम्मई ने पुराने विवाद को ये कह कर हवा दी कि महाराष्ट्र के सांगली ज़िले के 40 गांव कर्नाटक में मिलना चाहते हैं और दावा भी किया कि गांवों ने इस मामले में एक प्रस्ताव पारित किया है. बस इसके बाद तो मराठी सियासत के सूरमाओं ने अंगड़ाई ली और इधर से बयान जारी होने शुरू हुए. सीएम शिंदे ने कहा कि इन 40 गांवों में पानी की किल्लत है और उनकी मांग काफी पुरानी है. हम लोग एक भी गांव को जाने नहीं देंगे बल्कि समस्या को सुलझाएंगे. मगर विपक्ष कहां मानता. उसे मिल गया मौका. पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने मौजूदा सीएम पर तंज़ कसे. ‘दिन भर’ में सुनने के लिए क्लिक करें
भारत के हार की वज़ह
ऑकलैंड में इंडिया और न्यूजीलैंड के बीच वनडे सीरीज का पहला मैच था आज, जिसमें केन विलियम्सन की टीम ने भारत को 7 विकेट से हरा दिया. शिखर धवन की अगुआई में खेल रही इंडियन टीम ने टॉस हारकर पहले बैटिंग करते हुए 7 विकेट के नुक़सान पर 306 रनों का टारगेट सेट किया. शिखर धवन, शुभमन गिल और श्रेयस अय्यर की फिफ्टी और अंत में वाशिंगटन सुंदर के कैमियो की बदौलत भारत इस स्कोर तक पहुंचा. जवाब में न्यूजीलैंड ने 3 विकेट खोकर इस टारगेट को चेज़ कर लिया. विकेटकीपर टॉम लैथम ने 104 गेंदों पर 145 रन की नाबाद पारी खेली और कप्तान विलियम्सन 94 पर नॉट आउट रहे. लैथम को मैन ऑफ़ द मैच घोषित किया गया. तो ठीक ठाक स्कोर बनाने के बाद टीम इंडिया से कहाँ चूक हुई? एक वक्त 88 रन पर 3 विकेट गए थे न्यूजीलैंड के. उसके बाद लैथम और विलियम्सन ने 221 रनों की पार्टनरशिप कर दी. इंडियन बॉलर्स इसके बाद विकेट क्यों नहीं निकाल पाए? ‘दिन भर’ में सुनने के लिए क्लिक करें
सूरज कुमार