नए खुलासे से 'अदाणी' को कितना नुकसान होगा?

नए खुलासे से 'अदाणी' को कितना नुकसान होगा, कश्मीर में चुनाव पर मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में क्या जवाब दिया, सब्सिडी बांटने में UPA से कितना आगे मोदी सरकार, क्या पाकिस्तान छोड़ने वाले हैं इमरान ख़ान, सुनिए 'दिन भर' में.

Advertisement
din bhar din bhar

सूरज कुमार

  • ,
  • 31 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 9:06 PM IST

 

हिंडनबर्ग के बाद नई मुसीबत

I.N.D.I.A गठबंधन की आज मुंबई में बैठक होनी है.. ये ख़बर आज सुबह से समाचार चैनलों में हल्ला काट रही थी. लेकिन शाम होते होतेराहुल गांधी का प्रेस कांफ्रेंस सबके लिए आउट ऑफ सिलेबस आ गया. बात अडानी की हुई की. ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट की. जिसकी एक रिपोर्ट आई.रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अडाणी ग्रुप के निवेशकों ने गुपचुप तरीके से खुदअपने शेयरों को खरीदकर बाजार में लाखों डॉलर का निवेश किया.

Advertisement

वहीं गठबंधन की बैठक में ये तय होना है कि कौन सा दल, कहां से, कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगा. तो सबसे पहले तो बैठक पर ही बात करते हैं कि आजऔर कल की मीटिंग में किन किन मुद्दों पर क्लारिटी आने की संभावना है. क्लिक कर के सुनिए दिन भर में.

 अब आरोप के बारे में बता दिया गया लेकिन ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शनरिपोर्टिंग प्रोजेक्ट की रिपोर्ट में क्या है, क्लिक कर सुनिए दिन भर में.

 

कश्मीर में चुनाव पर मोदी सरकार का जवाब

जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाना सही था या ग़लत. पिछले चार सालों से गली मोहल्लों गुमटियों तक पर होते हुए ये बहस अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुकी है. सुनवाई को 13 दिन हो चले हैं. 28 अगस्त को ही कोर्ट ने कहा कि आर्टिकल 35A से नागरिकों के अधिकारों का हनन होता था. CJI ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 35A के तहत जम्मू-कश्मीर के लोगों को विशेषाधिकार मिले थे, लेकिन इसी आर्टिकल के कारण देश के लोगों के तीन बुनियादी अधिकार छीन लिए गए. कल केंद्र से सरकार से सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- कश्मीर में चुनाव कब होंगे और इसे राज्य का दर्जा कब दिया जाएगा. जवाब आज आया है. सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को बताया कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव तीन स्तरों पर होंगे- पहला पंचायत स्तर पर, दूसरा नगर निकाय और फिर विधानसभा चुनाव मगर जम्मू-कश्मीर को राज्य कब बनाया जाएगा इसकी तारीख़ नहीं बता सकते.

Advertisement

इसके अलावा केंद्र ने कोर्ट को बताया कि 2018 की तुलना में 2023 में आतंकवादी घटनाओं में 45.2% की कमी आई है और घुसपैठ 90% तक कम हुई है. तो अब तक 13 दिनों की सुनवाई का पूरा लब्बोलुबाब क्या रहा, क्लिक कर सुनिए दिन भर में.

 

पाकिस्तान छोड़ने वाले हैं इमरान ख़ान?

अब बात पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की. जहां पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है. जैसे ही किसी केस में उन्हें राहत मिलती है, वैसे ही किसी और मामले में उनकी गिरफ्तारी हो जाती है. मौजूदा वक्त में उनके खिलाफ 100 से भी ज्यादा मामले दर्ज हैं. इनमें उनके ऊपर राजद्रोह से लेकर आतंकवाद तक के आरोप लगे हैं. इस बीच पाकिस्तानी मीडिया की तरफ से एक खबर आई. द डेली पाकिस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक इमरान खान और पाकिस्तानी फौज के बीच एक डील के लिए बातचीत चल रही है. इस बातचीत के तहत  इमरान खान जेल से रिहा हो सकते है .लेकिन बदले में इमरान को पाकिस्तान और पॉलिटिक्स दोनों छोड़ना पड़ सकता है. द डेली जंगके मुताबिक फौज भी इमरान को मुल्क से रवानगी की मंजूरी देने पर विचार कर रही है. इन दावों में कितना सच और कितना फ़साना लगता है, क्लिक कर सुनिए दिन भर में.

Advertisement

 

सब्सिडी बांटने में UPA से आगे मोदी सरकार?

कांग्रेस ने पिछले 75 सालों में क्या किया है. ये सवाल आपको बीजेपी नेता अक्सर पूछते मिल जाएंगे. अगले साल लोकसभा चुनाव हैं तो इस पर ज़ोर और ज्यादा हो गया है. लेकिन एक डिमेरिट भी है. इंडिया गठबंधन अब केंद्र सरकार से कह रहा है कि... साल तो आपके भी दस हो गए हैं शासन के... आपने क्या किया देश के लिए. तो मोटामोटी बात ये है कि अभी एक दिन पहले ही केंद्र सरकार ने रसोई गैस पर 200 रुपए सब्सिडी देने का ऐलान किया. इसके बाद से ही बीजेपी और कांग्रेस में रार छिड़ गई कि सब्सिडी तुमने ज्यादा दी या हमने ज्यादा.

हालांकि ये कहानी नई नहीं है. 2019 लोकसभा चुनाव के वक्त भी हाल कुछ ऐसा ही था. 2019 के आंकड़े बताते हैं कि तब पांच सालों में टैक्स और GDP में 200 बेसिस अंक का सुधार हुआ था जिसे बीजेपी ने ज़ोर शोर से उछाला भी लेकिन कांग्रेस ने नोटबंदी से इकॉनमी ग्रोथ में धीमी पड़ी रफ्तार को मुद्दा बना दिया. तो ले देकर मामला ये है कि कोई न कोई ऐसे बिंदु ज़रूर रहे जहां दोनों पार्टियों ने एक दूसरे को घेरा है. तो अब क्योंकि लोकसभा चुनाव दरवाज़े पर है तो मनमोहन और मोदी सरकार के दस सालों की एक तुलना करते हैं. सबसे पहले कैपिटल एक्सपेंडिचर को समझते हैं कि इसका मनमोहन और मोदी सरकार के दस सालों में कैसा परफॉर्मेंस रहा, क्लिक कर सुनिए दिन भर में.

Advertisement

 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement