चंडीगढ़: हरियाणा को विधानभा भवन के लिये जमीन के मुद्दे पर बवाल, सुनील जाखड़ ने कही ये बात

सुनील जाखड़ ने पंचकुला में आज तक से बात करते हुए कहा,'हां, मैं चंडीगढ़ में हरियाणा की अपनी विधानसभा के निर्माण के लिए चंडीगढ़ हरियाणा को जमीन देने के फैसले का विरोध करता हूं. चंडीगढ़ पंजाब का है और कोई भी पंजाबी इसे बर्दाश्त नहीं करेगा.'

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Sunil Jakhar Sunil Jakhar

असीम बस्सी

  • चंडीगढ़,
  • 14 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 3:11 PM IST

हरियाणा को अलग विधानसभा के लिए चंडीगढ़ में जमीन देने के मुद्दे ने पंजाब में तूल पकड़ लिया है. इस मामले पर विधानसभा में भी हंगामा हो चुका है. अब पंजाब के बीजेपी चीफ सुनील जाखड़ का भी इस मुद्दे पर बयान आया है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा है कि वह पंजाब बीजेपी चीफ के पद से इस्तीफा दे चुके हैं.

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सुनील जाखड़ ने पंचकुला में आज तक से बात करते हुए कहा,'हां, मैं चंडीगढ़ में हरियाणा की अपनी विधानसभा के निर्माण के लिए चंडीगढ़ हरियाणा को जमीन देने के फैसले का विरोध करता हूं. चंडीगढ़ पंजाब का है और कोई भी पंजाबी इसे बर्दाश्त नहीं करेगा. मैंने प्रधानमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करने और इस फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है.

पीएम मोदी को करना चाहिए हस्तक्षेप

उन्होंने आगे कहा,'चंडीगढ़ पर पंजाब का पूरा अधिकार है. पीएम मोदी ने पंजाब के लिए बहुत कुछ किया है. मुझे लगता है कि पंजाब के हित में उन्हें इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए. हरियाणा के नेताओं को हरियाणा में ही अपनी विधानसभा बनानी चाहिए. पंजाब में लोकसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पाने के बाद मैंने पंजाब भाजपा प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया था. मैंने अपना इस्तीफा जेपी नड्डा को दे दिया है और अब पार्टी नेतृत्व को फैसला लेना है.'

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हमें इसकी जरूरत: किरण चौधरी 

जाखड़ के बयान पर राज्यसभा सांसद किरण चौधरी ने कहा है हरियाणा को अपनी नई विधानसभा बनाने का अधिकार है. नई विधानसभा बनाए जाने पर कर्मचारियों ने कहा है कि चंडीगढ़ में पंजाब और हरियाणा का 60-40 का रेशियो है. आने वाले टाइम में जिस तरीके से परिसीमन होगा, उसमें विधानसभा बढ़ाने की जरूरत है तो जो हरियाणा को जमीन मिली है वह सही है. जिस तरीके से पंजाब इसका विरोध कर रहा है वह करता रहे, लेकिन हमें इसकी जरूरत है.

अनिल विज का भी आया बयान

वहीं, अनिल विज ने कहा है कि पंजाब और हरियाणा के विभाजन के बाद विधानसभा का गठन किया गया था. हमारे पास वर्तमान में 90 सदस्य हैं और परिसीमन के बाद यह 120 हो जाएंगे. वे इस विधानसभा में फिट नहीं हो पाएंगे. जब तक पंजाब और एसवाईएल के तहत हिंदी भाषी क्षेत्र के मुद्दे हल नहीं होते, तब तक यह मुद्दा बना रहेगा.
 

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