'ऑपरेशन सिंदूर' नाम पर प्राइवेट कंपनियों की नजर... ट्रेडमार्क के लिए आवेदन कर जताया मालिकाना हक

कुछ निजी कंपनियों और व्यक्तियों ने इस नाम को ट्रेडमार्क कराने के लिए आवेदन दिया है. इन दावों के पीछे मंशा यह बताई जा रही है कि वे इस नाम के व्यावसायिक इस्तेमाल पर अधिकार चाहते हैं. ट्रेडमार्क कानून विशेषज्ञ एडवोकेट सफीर आनंद ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जब कोई व्यक्ति ट्रेडमार्क के लिए आवेदन करता है, तो वह यह दावा करता है कि यह नाम या पहचान उसने बनाई है और वह चाहता है कि अन्य लोग इसका इस्तेमाल न करें.

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ऑपरेशन सिंदूर के ट्रेडमार्क के लिए प्राइवेट कंपनियों ने आवेदन किया है ऑपरेशन सिंदूर के ट्रेडमार्क के लिए प्राइवेट कंपनियों ने आवेदन किया है

सृष्टि ओझा

  • नई दिल्ली,
  • 08 मई 2025,
  • अपडेटेड 4:28 PM IST

भारतीय सेना के हालिया सैन्य अभियान 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर अब ट्रेडमार्क विवाद खड़ा हो गया है. कुछ निजी कंपनियों और व्यक्तियों ने इस नाम को ट्रेडमार्क कराने के लिए आवेदन दिया है. इन दावों के पीछे मंशा यह बताई जा रही है कि वे इस नाम के व्यावसायिक इस्तेमाल पर अधिकार चाहते हैं.

ट्रेडमार्क कानून विशेषज्ञ एडवोकेट सफीर आनंद ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जब कोई व्यक्ति ट्रेडमार्क के लिए आवेदन करता है, तो वह यह दावा करता है कि यह नाम या पहचान उसने बनाई है और वह चाहता है कि अन्य लोग इसका इस्तेमाल न करें.

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सरकारी दावे नहीं, लेकिन नाम पर अधिकार की कोशिश

एडवोकेट आनंद ने स्पष्ट किया कि भारत सरकार ने इस नाम पर कोई ट्रेडमार्क दावा नहीं किया है. उन्होंने कहा, "यह नाम सेना के ऑपरेशन के लिए दिया गया है, न कि किसी ब्रांड या कंपनी के लिए. लेकिन अब जो आवेदन हुए हैं, वे लोग इसे निजी संपत्ति के रूप में दर्ज करवाने की कोशिश कर रहे हैं."

उन्होंने कहा, "मैं 'ऑपरेशन सिंदूर' नाम का इस्तेमाल प्रेरणा के तौर पर कर सकता हूं, लेकिन जैसे ही मैं इसे 'मालिकाना हक' के तौर पर पेश करता हूं, यह एक बहस का विषय बन जाता है."

क्या फिल्म या किताब का टाइटल भी रोका जा सकता है?

सफीर आनंद के अनुसार, किसी भी टाइटल को लेकर फिल्म या किताब बनाई जा सकती है, उसके लिए ट्रेडमार्क जरूरी नहीं होता. लेकिन अगर इस नाम को क्लास 41 (जो शिक्षा और मनोरंजन दोनों को कवर करता है) के तहत ट्रेडमार्क मिल गया, तो यह दूसरों को इसके व्यावसायिक इस्तेमाल से रोक सकता है. खासतौर पर शैक्षिक या मनोरंजन संबंधी कार्यक्रमों के लिए.

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उन्होंने कहा, "अगर मान लिया जाए कि यह ट्रेडमार्क मंजूर हो गया, तो इससे अन्य लोग इस नाम का व्यावसायिक रूप से उपयोग नहीं कर पाएंगे, खासकर शिक्षा और मीडिया जैसे क्षेत्रों में."

ट्रेडमार्क के दुरुपयोग की आशंका

ट्रेडमार्क एक बार मिल जाने पर अनिश्चितकालीन (perpetual) हो सकता है, बशर्ते समय-समय पर इसका नवीनीकरण होता रहे. यही वजह है कि ऑपरेशन सिंदूर जैसे सैन्य अभियान के नाम पर ट्रेडमार्क दावे को लेकर विशेषज्ञों में चिंता देखी जा रही है.

एडवोकेट आनंद का मानना है कि ट्रेडमार्क कार्यालय ऐसी याचिकाओं को स्वीकार नहीं करेगा, क्योंकि यह सार्वजनिक महत्व के सैन्य अभियान का नाम है और इसका व्यावसायिक दोहन नहीं होना चाहिए.

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