प्रकाश सिंह बादल का पद्म विभूषण वापस होगा या नहीं? राष्ट्रपति ने MHA से मांगा जवाब

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से पद्म विभूषण वापस लिया जा सकता है? इसके लिए राष्ट्रपति ने बकायदा गृह विभाग को पत्र भेज दिया है.

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2016 में प्रकाश सिंह बादल को पद्म विभूषण मिला था (फाइल फोटो) 2016 में प्रकाश सिंह बादल को पद्म विभूषण मिला था (फाइल फोटो)

सतेंदर चौहान

  • चंडीगढ़,
  • 05 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 11:01 AM IST
  • कृषि कानूनों के विरोध में बादल ने लौटाया था अवार्ड
  • अभी पद्म विभूषण अवार्ड को सरकार ने वापस नहीं लिया है

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से पद्म विभूषण वापस लिया जा सकता है? इसके लिए राष्ट्रपति ने बकायदा गृह विभाग को पत्र भेज दिया है. इस संबंध में एक आरटीआई चंडीगढ़ से राष्ट्रपति भवन में डाली गई थी, जिसका जवाब देते हुए राष्ट्रपति भवन से जारी की गई ईमेल पर कहा गया है कि इसके लिए बकायदा गृह विभाग को पत्र भेज दिया गया है.

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गौरतलब है कि प्रकाश सिंह बादल को 2015 में पद्म विभूषण दिया गया था और पिछले साल किसान आंदोलन के चलते सबसे पहले उन्होंने पद्म विभूषण वापस करने की घोषणा की थी और बकायदा राष्ट्रपति को पत्र भी लिखा गया था. फिलहाल पद्म विभूषण वापस लिया जाना है या नहीं लिया जाना है, अब यह फैसला गृह विभाग ने करना है.

आपको बता दें कि पिछले साल दिसंबर में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री व अकाली दल के सरपरस्त प्रकाश सिंह बादल ने केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के विरोध में पद्म विभूषण सम्मान लौटा दिया था. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लिखे पत्र में प्रकाश सिंह बादल ने कहा था कि वह जो हैं किसानों की वजह से हैं.

अपनी चिट्ठी में प्रकाश सिंह बादल ने लिखा था कि किसान खुद के अधिकार को बचाए रखने के लिए भीषण ठंड में कड़ा संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन उनकी बातों को नहीं सुना जा रहा, शांति और सांप्रदायिक सद्भाव के पंथक आदर्शों के बाद किसान मेरा उनका जुनून रहा है, ऐसे में मुझे पद्म विभूषण अवार्ड रखने का कोई अधिकार नहीं है.

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प्रकाश सिंह बादल पंजाब के पांच बार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. जब केंद्र सरकार तीनों कृषि बिल लेकर आई थी तो उन्होंने कहा था कि किसानों की आशंकाओं को दूर किया जाना चाहिए. सरकार ने इसका आश्वासन दिया था, लेकिन बाद में आशंकाओं को दूर किए बिना केंद्र सरकार ने बिल को लोकसभा और राज्यसभा से पास करा दिया.

 

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