पोप फ्रांसिस ने की इस भारतीय संत की तारीफ, बोले- भेदभाव खत्म करने के लिए बड़ा काम किया

पोप ने कहा कि श्री नारायण गुरु ने अपने संदेश के माध्यम से सामाजिक और धार्मिक जागृति को बढ़ावा देने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया. पोप ने कहा कि गुरु ने अपने संदेश में कहा था कि सभी मनुष्य, चाहे उनकी जातीयता, उनकी धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराएं कुछ भी हों, लेकिन एक ही मानव परिवार के सदस्य हैं.

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पोप फ्रांसिस (फाइल फोटो- AP) पोप फ्रांसिस (फाइल फोटो- AP)

aajtak.in

  • तिरुवनंतपुरम ,
  • 01 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 4:36 PM IST

ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस ने भारत के संत श्री नारायण गुरु की सराहना करते हुए कहा कि उनका सार्वभौमिक मानव एकता का संदेश आज प्रासंगिक है, वो भी तब जब हर जगह नफरत बढ़ रही है. पोप ने एर्नाकुलम जिले के अलुवा में श्री नारायण गुरु के सर्व-धर्म सम्मेलन के शताब्दी समारोह के अवसर पर शनिवार को वेटिकन में जुटे धर्मगुरुओं और प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए ये बात कही.

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पोप ने कहा कि आज दुनिया की अशांत स्थिति की एक वजह धर्मों की शिक्षाओं को न अपनाना भी है.

पोप ने कहा कि श्री नारायण गुरु ने अपने संदेश के माध्यम से सामाजिक और धार्मिक जागृति को बढ़ावा देने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया. पोप ने कहा कि गुरु ने अपने संदेश में कहा था कि सभी मनुष्य, चाहे उनकी जातीयता, उनकी धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराएं कुछ भी हों, लेकिन एक ही मानव परिवार के सदस्य हैं.

पोप फ्रांसिस ने कहा कि गुरु ने इस बात पर भी जोर दिया था कि किसी भी तरह से और किसी भी स्तर पर किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए, लेकिन दुख की बात है कि भेदभाव, बहिष्कार, तनाव, नस्ल, रंग, भाषा और धर्म के आधार पर हिंसा-आधारित मतभेद की घटनाएं बढ़ रही हैं, खासकर गरीबों, शक्तिहीनों और बिना आवाज़ वाले लोगों को ऐसी घटनाओं का सामना करना पड़ रहा है. 

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पोप ने कहा कि हमने कहा कि ईश्वर ने सभी मनुष्यों को अधिकारों, कर्तव्यों और सम्मान में समान बनाया है, और उन्हें भाई-बहनों के रूप में एक साथ रहने के लिए बुलाया है. पोप ने कहा कि धर्मों की महान शिक्षाओं का पालन करने में विफलता आज हमारी दुनिया में मौजूद संकट के लिए जिम्मेदार है. पोप ने विविधता में एकता को मजबूत करने, मतभेदों के बीच सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व को बढ़ावा देने और कठिनाइयों के बावजूद शांतिदूत के रूप में काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया. 

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