'निर्दोष हूं, कोई गुनाह नहीं किया...,' पूजा खेडकर की जमानत याचिका पर दिल्ली कोर्ट में कल सुनवाई

दिल्ली पुलिस ने पूजा खेडकर के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की है, जिसमें आरोप है कि उन्होंने तय सीमा से ज्यादा यूपीएससी अटेम्प्ट किए थे. हालांकि, पूजा खेडकर ने गिरफ्तारी से बचने के लिए दिल्ली की अदालत में याचिका दायर की थी, जिसपर कोर्ट बुधवार को सुनवाई करेगा.

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पूजा खेडकर (Credits: PTI) पूजा खेडकर (Credits: PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 30 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 4:39 PM IST

प्रोबेशनरी आईएएस पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका पर दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सुनवाई बुधवार के लिए टाल दी है. गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्होंने कोर्ट में अर्जी दायर की थी, जिसमें उन्होंने कहा कि वह एक युवा हैं और उनका कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं है. याचिका में कहा गया है कि उनके बैकग्राउंड को देखते हुए यह समझा जा सकता है कि वह सबूतों को प्रभावित नहीं करेंगी.

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पूजा खेडकर ने अपनी अर्जी में कहा कि उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया है और उनके खिलाफ आरोपों को साबित करने के लिए एफआईआर में पर्याप्त सबूत नहीं हैं. उनका कहना है कि उन्होंने कोई जालसाजी नहीं की है और सभी दस्तावेजों को संबंधित अधिकारियों द्वारा प्रमाणित किया गया था. ऐसे में धोखाधड़ी की कोई संभावना नहीं है.

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पूजा खेडकर पर यूपीएससी का आरोप, एफआईआर दर्ज

दिल्ली पुलिस ने पूजा खेडकर के खिलाफ यूपीएससी की शिकायत पर एक एफआईआर दर्ज की है. आरोप है कि उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तय सीमा के परे परीक्षा दिया था. इन आरोपों पर पूजा खेडकर ने सुप्रीम कोर्ट के 2021 के एक कथित फैसले का हवाला दिया है, जिसमें कोर्ट ने माना था कि PwBD कैटगरी के लिए परीक्षा में बैठने की सीमा एससी-एसटी कैटगरी के कैंडिडेट्स जितनी होगी, जो कि असीमित है.

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पूजा खेडकर ने अपने बचाव में क्या कहा?

गिरफ्तारी से बचने की कोशिश में प्रोबेशनरी आईएएस का कहना है कि जो भी दस्तावेज उनके पास थे उसे पुलिस ने पहले ही बरामद कर लिए हैं. इस केस में आगे किसी दस्तावेज बरामद करने की कोई जरूरत नहीं है. उनका कहना है कि वह निर्दोष हैं और उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है.

यूपीएससी की शिकायत पर पूजा खेडकर क्या बोलीं?

अपनी याचिका में पूजा खेडकर ने आरोपों को दरकिनार करते हुए दावा किया है कि वह PwBD कैटगरी में आती हैं. पूजा खेडकर पर अपनी विकलांगता और जातीय सर्टिफिकेट में जालसाजी करने का आरोप है. उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में बैठने से पहले खुद को 'पिछड़ा' (ओबीसी) श्रेणी से संबंधित दिखाते हुए एक फर्जी प्रमाणपत्र जमा किया था.

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2007 में एक मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई के दौरान, उन्हें जाति आरक्षण का लाभ लेने के लिए ओबीसी घुमंतू जनजाति-III श्रेणी के तहत भर्ती कराया गया था, जो सिर्फ बंजारी समुदाय के लिए आरक्षित है. उन्होंने आरक्षण पाने के लिए फर्जी जातीय पहचान प्रमाण पत्र के बाद फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था.

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