छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़ जिले से मानवता को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां मृतक युवक की लाश को कंधा देने परिवार का कोई भी सदस्य नहीं आया. इसके बाद पुलिस ने शव का अंतिम संस्कार किया. प्रभारी सचिन सिंह ने मृत युवक के दो साल के मासूम बच्चे को गोद में लेकर मुखाग्नि दी.
बताया जा रहा है कि ग्वालियर के रहने वाले निक्की वाल्मीकि और कोरबा की रहने वाली सविता ने अंतर्जातीय विवाह किया था. इससे नाराज होकर दोनों के परिजनों ने उनका सामाजिक बहिष्कार कर दिया था. दंपत्ति मनेंद्रगढ़ के बाद रायपुर में रहकर मजदूरी करने लगे थे.
अंतिम संस्कार के लिए परिवार का कोई सदस्य नहीं आया
कुछ दिन से निक्की की तबीयत खराब चल रही थी. इसका असर उसके काम पर पढ़ रहा था. मालिक ने एक वाहन से पति-पत्नी को मनेंद्रगढ़ भेज दिया. मगर, रास्ते में ही निक्की की मौत हो गई.
फिर ड्राइवर ने निक्की की लाश के साथ उसकी पत्नी को बिलासपुर रतनपुर के पास सड़क किनारे उतार दिया. आस-पास के ग्रामीणों की मदद से किसी तरह सविता अपने पति का शव लेकर अस्पताल पहुंची.
पुलिस की मदद से हुआ मृतक का अंतिम संस्कार
पोस्टमार्टम के बाद शव को एंबुलेंस के जरिए मृतक के शव को मनेंद्रगढ़ के लिए रवाना कर दिया. पति की लाश के साथ सविता खड़ी थी. तभी कुछ पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और उन्होंने उससे पूछताछ की. उसने बताया कि पति की मौत हो गई है और उसके पास शव का अंतिम संस्कार कराने की व्यवस्था नहीं है.
महिला ने बताया कि उसके पास एक रुपये भी नहीं हैं. पुलिसकर्मियों ने इस घटना की जानकारी थाना प्रभारी को दी. इसके बाद थाना प्रभारी सचिन सिंह मौके पर पहुंचे और महिला के पति का अंतिम संस्कार कराया. उन्होंने दो साल के बच्चे से मुखाग्नि दिलवाई.
महेंद्र नामदेव