प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात के 125वें संस्करण में जम्मू-कश्मीर की दो अहम उपलब्धियों पर विशेष जोर दिया. उन्होंने कहा कि पुलवामा में पहला डे-नाइट क्रिकेट मैच होना इस बात का प्रतीक है कि अब घाटी नई दिशा में आगे बढ़ रही है और बदलाव साफ दिखाई दे रहा है. इसके साथ ही श्रीनगर की डल झील पर देश का पहला 'खेलो इंडिया वॉटर स्पोर्ट्स फेस्टिवल' आयोजित हुआ, जिसमें 800 से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया. महिला खिलाड़ियों की बड़ी भागीदारी ने भी सभी का ध्यान खींचा. पीएम मोदी ने इसे जम्मू-कश्मीर की बदलती तस्वीर का अहम संकेत बताया.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "बाढ़ और बारिश से हुई इस तबाही के बीच जम्मू-कश्मीर ने दो बेहद खास उपलब्धियां हासिल कीं. बहुत से लोगों ने इस पर ध्यान नहीं दिया, लेकिन आपको यह जानकर खुशी होगी. पुलवामा में रिकॉर्ड संख्या में लोग स्टेडियम में जुटे. यहां पहला डे-नाइट क्रिकेट मैच खेला गया. पहले यह असंभव लगता था लेकिन अब मेरा देश बदल रहा है. यह मैच 'रॉयल प्रीमियर लीग' का हिस्सा है, जिसमें जम्मू-कश्मीर की अलग-अलग टीमें भाग ले रही हैं."
प्रधानमंत्री ने कहा, “दूसरी उपलब्धि रही देश का पहला 'खेलो इंडिया वॉटर स्पोर्ट्स फेस्टिवल', जो श्रीनगर की डल झील पर हुआ. यह जगह वाकई ऐसे आयोजन के लिए बेहद खास है. इसका उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में वॉटर स्पोर्ट्स को लोकप्रिय बनाना है. इसमें पूरे भारत से 800 से ज्यादा एथलीट्स ने हिस्सा लिया. महिला खिलाड़ी भी पुरुषों से किसी मायने में पीछे नहीं रहीं. उनकी भागीदारी लगभग बराबर रही. मैं सभी प्रतिभागियों को बधाई देता हूं. खास बधाई मध्य प्रदेश को, जिसने सबसे ज्यादा मेडल जीते. इसके बाद हरियाणा और ओडिशा का नंबर रहा."
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "इस मॉनसून सीजन में प्राकृतिक आपदाएं देश की परीक्षा ले रही हैं. बीते कुछ हफ्तों में हमने बाढ़ और भूस्खलन से भारी तबाही देखी. घर उजड़ गए, खेत डूब गए, कई परिवार बिखर गए. पानी के सैलाब ने पुल बहा दिए, सड़कें टूट गईं और लोगों की जान खतरे में पड़ गई. इन घटनाओं ने हर भारतीय को दुखी किया है. जिन परिवारों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके दर्द में हम सभी साझेदार हैं."
पीएम मोदी ने आगे कहा, "जहां भी संकट आया, वहां NDRF-SDRF और अन्य सुरक्षा बलों के जवानों ने दिन-रात लोगों की जान बचाने का काम किया. सैनिकों ने तकनीक का भी सहारा लिया. थर्मल कैमरों, लाइव डिटेक्टर, स्निफर डॉग्स और ड्रोन निगरानी की मदद से राहत कार्य तेज किए गए. हेलिकॉप्टर से राहत सामग्री पहुंचाई गई और घायलों को एयरलिफ्ट किया गया. आपदा के समय सशस्त्र बल भी आगे आए. स्थानीय लोग, समाजसेवी, डॉक्टर और प्रशासन-सबने मिलकर हर संभव कोशिश की. मैं हर उस नागरिक को हृदय से धन्यवाद देता हूं, जिसने इस कठिन समय में मानवता को प्राथमिकता दी."
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