'कोणार्क में मिनी स्कर्ट वाली सैकड़ों साल पुरानी मूर्ति मौजूद...', मॉर्डन फैशन पर बोले PM मोदी

प्रधानमंत्री ने कंटेंपरेरी फैशन ट्रेंड्स और करीब 750 वर्ष पुराने कोणार्क सूर्य मंदिर की प्राचीन मूर्तियों के बीच समानता बताते हुए इस बात पर प्रकाश डाला कि फैशन के मामले में भारत लंबे समय से अग्रणी रहा है. पीएम मोदी ने कहा, "इससे पता चलता है कि सैकड़ों साल पहले भी उन मूर्तिकारों में फैशन की समझ थी, जिन्होंने मंदिर में उकेरी गई महिला की आकृति को मिनी स्कर्ट पहने और हाथ में पर्स लिए बनाया था."

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पीएम नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो) पीएम नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 08 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 4:41 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को 23 सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स को नेशनल क्रिएटर्स अवॉर्ड से सम्मानित किया. भारत मंडपम में आयोजित कार्यक्रम में पीएम ने कंटेंट क्रिएटर्स को पहला नेशनल कंटेंट क्रिएटर अवॉर्ड दिया. यह पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ स्टोरी टेलर अवॉर्ड सहित बीस श्रेणियों में दिया गया है. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने मिनी स्कर्ट और प्राचीन भारतीय कलात्मकता के बीच एक दिलचस्प संबंध के बारे में बताया. पीएम मोदी ने कहा, "बहुत से लोग मिनी स्कर्ट को आधुनिकता का प्रतीक मानते हैं."

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प्रधानमंत्री ने कंटेंपरेरी फैशन ट्रेंड्स और करीब 750 वर्ष पुराने कोणार्क सूर्य मंदिर की प्राचीन मूर्तियों के बीच समानता बताते हुए इस बात पर प्रकाश डाला कि फैशन के मामले में भारत लंबे समय से अग्रणी रहा है. पीएम मोदी ने कहा, "इससे पता चलता है कि सैकड़ों साल पहले भी उन मूर्तिकारों में फैशन की समझ थी, जिन्होंने मंदिर में उकेरी गई महिला की आकृति को मिनी स्कर्ट पहने और हाथ में पर्स लिए बनाया था."

पीएम मोदी ने कहा कि बहुत लोग हैरान हो जाएंगे कि लोगों को लगाता है कि मिनी स्कर्ट या पर्स लटकाती हुई बहने आधुनिकता की निशानी है. आप अगर कोर्णाक जाएंगे तो सैकड़ों साल पुराने मंदिर में जो मूर्तियां बनी हैं, उसमें एक मूर्ती ऐसी मिल जाएगी, जिसने मिनी स्कर्ट पहनी है और हाथ में पर्स लटका हुआ है. यानी सैकड़ों साल पहले फैशन की वो नॉलेज यहां पर पत्थर तराशने वाले को भी थी. यानी भारत की विविधता को हम दुनिया में ले जा सकते हैं.

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इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने रेडीमेड गारमेंट को चुनने के मौजूदा चलन पर भी चर्चा की और अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारतीय पहनावे को और अधिक बढ़ावा देने का आह्वान किया. पीएम ने कहा कि वैश्विक बाजार में भारतीय फैशन के लिए व्यापक संभावनाएं हैं. इस दौरान पीएम ने पारंपरिक पोशाक पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने की वकालत की, जो दुनिया के सामने भारत की अनूठी सांस्कृतिक पहचान प्रदर्शित कर सके.

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