लोकसभा में आज चुनाव सुधार पर दो दिन चर्चा हुई. चुनाव सुधार पर चर्चा के दौरान लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, अखिलेश यादव, डिंपल यादव, रविशंकर प्रसाद, असदुद्दीन ओवैसी समेत पक्ष-विपक्ष के कद्दावर नेताओं ने अपनी बात रखी. विपक्षी दलों के वक्ताओं ने ईवीएम की जगह बैलट से चुनाव कराने, मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति करने वाली कमेटी में राज्यसभा में विपक्ष के नेता और सीजेआई को भी शामिल करने की डिमांड की. गृह मंत्री अमित शाह लोकसभा में चुनाव सुधार पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे हैं.
लोकसभा में चुनाव सुधार पर हुई चर्चा का गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब दिया. गृह मंत्री शाह के जवाब के बाद स्पीकर ओम बिरला ने लोकसभा की कार्यवाही 11 दिसंबर की सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी. वहीं, राज्यसभा में वंदे मातरम् पर चर्चा जारी है. संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सदन में यह जानकारी दी कि वंदे मातरम् पर चर्चा का जवाब नेता सदन जेपी नड्डा कल यानी 11 दिसंबर को देंगे. उन्होंने यह भी कहा कि नेता सदन के जवाब के तुरंत बाद एसआईआर पर चर्चा शुरू हो जाएगी.
अमित शाह ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज 45 दिन में नष्ट करने के सवाल पर कहा कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम में एक नियम है कि चुनाव नतीजों को 45 दिन तक चुनौती दी जा सकती है. चुनाव आयोग ने एक सर्कुलर से बदलाव करते हुए सीसीटीवी फुटेज के संरक्षण को 45 दिन तक सुरक्षित रखने का प्रावधान किया है. 45 दिन के बाद जब विवाद का प्रोविजन ही नहीं है, तो इसे क्यों संरक्षित करना. सीसीटीवी फुटेज जब प्रक्रिया में ऐड किया, तब चुनाव आयोग ने कहा था कि यह संवैधानिक दस्तावेज नहीं, आंतरिक प्रबंधन है. जो चुनाव चैलेंज होता है, चुनाव आयोग नियमों से उसकी फुटेज रिजर्व कर देता है. ये नियम पढ़ते नहीं हैं. हर नागरिक कारण के बिना हर नागरिक सीसीटीवी फुटेज मांगने लगे, तो चुनाव आयोग क्या करेगा. प्रेस कॉन्फ्रेंस जो करते हो, लिखकर अर्जी दे दो मिल जाएगी सीसीटीवी फुटेज. मगर चैलेंजे नहीं करेंगे, अर्जी नहीं करेंगे. भाषण ढंग से तैयार करने का भी सीखना चाहिए. कानून बनाकर इम्युनिटी देने की बात है, जनप्रतिनिधित्व एक्ट में जो इम्युनिटी प्राप्त है चुनाव अधिकारियों को, हमने उसमें जरा भी बढ़ोत्तरी नहीं की है. ये प्रावधान है. उसे हमने संगठित किया है. सारे वकीलों को राज्यसभा दे रखा है, भगवान जाने क्या करते हैं सब. अपने नेता को इसकी भी जानकारी नहीं देते.
अमित शाह ने कहा विपक्ष के नेता ने तीन सवाल पूछे थे और चार सुझाव दिए थे. उन्होंने राहुल गांधी के सवाल दोहराए और कहा कि बताऊंगा तो पास्ट से ही, वर्तमान का भी जवाब दूंगा. 73 वर्ष तक चुनाव आयुक्त की नियुक्ति का कोई कानून नहीं था. पीएम सीधे नियुक्ति कर देते थे. अब तक जितने चुनाव आयुक्त हुए और जितने मुख्य चुनाव आयुक्त हुए, सभी इसी प्रकार हुए. 1950 से 1989 तक चुनाव आयोग एक सदस्यीय था. प्रधानमंत्री फाइल भेजते थे राष्ट्रपति को, नोटिफिकेशन जारी हो जाता था. तब तक कोई सवाल नहीं था. 1989 से 91, जब चुनाव आयुक्त उनकी सुनते नहीं थे, तब उन पर ब्रेक लगाने के लिए आयोग को बहु सदस्यीय बनाया गया. वह भी प्रधानमंत्री की फाइल से ही हुआ. 29 आयुक्त इसी तरह हुए. कांग्रेस ने ही यह परंपरा बनाई. आरोप करना है तो चुनाव चोरी कर लिया, जनता हमको सुनती है और हम जवाब भी देते हैं. कोर्ट ने कानून बनाने के लिए कहा, तो वह सुझाव ही था, आदेश नहीं. कोर्ट ने कहा था कि अगर आप सहमत हैं, तो जब तक कानून नहीं बनता, सीजेआई की अध्यक्षता में कमेटी बने. हमने हां बोला. 2023 में कानून बन गया. हमारे टाइम में तो और पारदर्शी हुआ. ये कहते हैं हमारा 33 परसेंट हिस्सा है. हमारा तो हिस्सा ही नहीं था. आडवाणी जी ने लिखित सुझाव दिया था कि समिति बनाई जाए, वीएस संपत चुनाव आयुक्त बने. नवीन चावला के खिलाफ पक्षपात के सबूत भी भेजे, खारिज कर दिए. हमारे समय में ऐसा नहीं होता. कौन 66 और कौन 33 होगा, यह देश की जनता तय करती है. हर चीज के तर्क होते हैं. इनका जो भाषण तैयार करते हैं, वह भी ठीक से नहीं करते. रिसर्च नहीं करते.
राहुल गांधी के संघ को लेकर बयान पर पलटवार करते हुए अमित शाह ने कहा कि इस देश का प्रधानमंत्री संघ की विचराधारा वाला है. आपकी कृपा से नहीं बने हैं, जनादेश से बने हैं. इस देश का गृह मंत्री संघ की विचारधारा वाला है. कोई कानून है क्या कि संघ की विचारधारा वाला व्यक्ति किसी पद पर नहीं जाएगा. उन्होंने क्या किया, यह हम बताते हैं. 1969 में राष्ट्रपति चुनाव में इंदिरा गांधी ने लेफ्ट से समझौता किया और महत्वपूर्ण पदों पर वामपंथी विचारधारा वालों को बैठाया. देश के लिए मरना ही आरएसएस की विचारधारा है. हम नहीं डरते. मैं 10 साल का था और नारे लगाता था कि असम की गलियां सूनी हैं, इंदिरा गांधी खूनी है. वोट चोरी से नहीं, आपने सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक, 370 हटाने का विरोध किया, इसलिए हम जीते हैं. आपने राम मंदिर बनाने का विरोध किया, इसलिए जीते हैं. 60 करोड़ गरीबों के घर में नरेंद्र मोदी ने गैस, पानी, घर पहुंचाया, पांच लाख तक की दवाइयां मुफ्त कर दी हैं, इसलिए हम जीते हैं. एसआईआर का विरोध करोगे, तो बिहार की तरह तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में भी साफ हो जाओगे. जनता ही जनार्दन है. जनता के फैसले को वोट चोरी-वोट चोरी, इस तरह की भाषा का प्रयोग कर रहे हैं. जनता सब देख रही है. धन्यवाद करूंगा संसदीय कार्य मंत्री का, वरना इनका झूठ एकतरफा जनता के बीच जा रहा था.
अमित शाह ने कहा कि कल देर रात तक को भाषण तैयार कर रहा था, तब सोच रहा था कि ये मुद्दा क्यों उठा है. मूल मुद्दा है अवैध घुसपैठियों को मतदाता सूची में रखने का. इस पर विपक्ष ने हंगामा कर दिया. कांग्रेस के सदस्यों ने शाह के जवाब के दौरान सदन से वॉकआउट कर दिया. इस पर किरेन रिजिजू ने कहा कि जवाब सुनने की हिम्मत नहीं है और सदन में गतिरोध कर रहे थे इस मुद्दे पर. सुनने की हिम्मत रखो. अमित शाह ने कहा कि घुसपैठिए के मुद्दे पर ये भाग गए. 200 बार भी भागेंगे, हम किसी घुसपैठिए को नहीं छोड़ेंगे. एक-एक घुसपैठिए को डिटेक्ट, डिलीट और डिपोर्ट करेंगे. ये कहते हैं कि घुसपैठ केंद्र की जिम्मेदारी है. हम नहीं चाहते कि जनसांख्यिकी के आधार पर आने वाली पीढ़ी एक और विभाजन देखे. गुजरात, राजस्थान हर जगह पूरा हो गया. केवल बंगाल का बाकी रह गया. टीएमसी को कहना चाहता हूं कि घुसपैठिए बचाओगे तो आप भी साफ हो जाओगे. यह देश के भविष्य और सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है.
राहुल गांधी पर वार करते हुए अमित शाह ने कहा कि कल विपक्ष के नेता का पूरा भाषण धागों में उलझ गया. हमारे प्रधानमंत्री जनसंपर्क में आजादी के बाद सबसे ज्यादा प्रवास करने वाले पीएम हैं. एक भी दिन की छुट्टी नहीं, लगातार जनता का काम करते हैं. 2001 से देख रहा हूं. उन्होंने कहा कि पूरी चर्चा चुनाव सुधार पर थी. सुबह चुनाव आयोग के यहां जांच कराई. पूछा कि चुनाव सुधार के लिए मई 2014 के बाद किस पार्टी से कितने आवेदन मिले. चुनाव सुधार के लिए प्रक्रिया है कि चुनाव आयोग सभी दलों से विमर्श कर विधि मंत्रालय को सिफारिश भेजता है. मुझे ये रहस्य पता चला कि मई 2014 से आजतक एक भी सुझाव कांग्रेस पार्टी से नहीं मिला. नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद कांग्रेस ने एक भी सुझाव नहीं दिया है. वे कई बार चुनाव आयोग गए हैं, प्रेस कॉन्फ्रेंस भी किया है. वह ऑनगोइंग चुनाव से संबंधित है. चुनाव सुधार अलग विषय है.
अमित शाह ने कहा कि ईवीएम राजीव गांधी लेकर आए. इसका पहला प्रयोग 2004 में हुआ और तब ये जीत गए. 2009 में भी ये जीत गए. मशीन आप लेकर आए, उसी से 10 साल राज किया. अब हार रहे तो उसका भी विरोध. चुनाव आयोग ने निर्णय किया कि पांच प्रतिशत ईवीएम और वीवीपैट के परिणाम कंपेयर होंगे. आजतक 16 हजार मशीन और वीवीपैट का मिलान हुआ है. आजतक एक भी मिसमैच नहीं हुआ. उनके पोलिंग एजेंट बैठते हैं, परिणाम पर साइन करते हैं. ये कहते हैं वाईफाई नहीं थी, 2004 में आ चुकी है. ईसीआई ने छेड़छाड़ के आरोप पर 10 राज्यों में ईवीएम लगाई. कोई छेड़छाड़ नहीं कर पाया. तीन दिन तक आयोग ने ईवीएम ऑफिस में रखे कि कोई भी आकर हैक करके दिखा दे. ये तो गए नहीं. एक्सपर्ट भी नहीं भेजा. 2017 में चुनाव आयोग ने निर्णय किया कि सभी चुनाव ईवीएम से होंगे. मैंने सोचा कि ईवीएम से कुछ नहीं होगा, फिर ये सारे लोग आरोप कैसे लगा रहे हैं. फिर मुझे याद आया कि बिहार यूपी में इनके जमाने में वोट के पूरे बक्से हाईजैक हो जाते थे. ईवीएम आने से ये बंद हो गए. चुनाव की चोरी बंद हुई है, इस कारण पेट दर्द हो रहा है. ये एक्सपोज हो चुके हैं. जनादेश पर चुनाव जीतते हो, जीतो लेकिन ऐसे बहाने बनाना ठीक नहीं.
अमित शाह ने कहा कि हम भी विपक्ष में रहे हैं. चुनाव जीतने जीते हैं, उससे ज्यादा हारे हैं, लेकिन कभी चुनाव आयोग पर आरोप नहीं लगाए. हम लोगों का तो पौना जीवन ही विपक्ष में ही गुजर गया. सारे इंडी अलायंस वाले चुनाव आयोग पर ही आरोप लगा रहे हैं. चुनाव कराने वाली तटस्थ संस्था है. चुनाव आयोग को मान्यता राजनीतिक दलों ने नहीं दी. यह एक संवैधानिक संस्था है. आप पूरी दुनिया में लोकतंत्र की छवि धूमिल कर रहे हैं. मतदाता के मन में कोई डाउट नहीं है, उसे मालूम है कि हमने वोट दिया है तो चुनकर आए हैं. वोट चोरी-वोट चोरी करते रहो, यात्रा निकालते रहो. इसी सरकार के होते हुए आप कई चुनाव जीते, हम कुछ नहीं बोले. यह चुनाव आयोग की छवि धूमिल करने का प्रयास है. शाह ने 2014 के बाद चुनावी जीत के आंकड़े गिनाते हुए कहा कि 3 लोकसभा चुनाव सहित 44 चुनाव जीते हैं. वह भी 30 चुनाव जीते हैं. राहुल गांधी जहां से चुनाव जीते हैं, उसी वायनाड का प्रेस कॉन्फ्रेंस करके हमारी पार्टी ने इसी तरह की गड़बड़ियां बताई हैं. अमेठी में भी इस तरह की खामियां बताई हैं. मान लेते हैं कि वोटर लिस्ट सही नहीं है. एसआईआर का मतलब ही है मतदाता सूची के शुद्धिकरण की प्रक्रिया. आपकी डिमांड है कि वोटर लिस्ट ठीक हो, चुनाव आयोग यही कर रहा है. अगर कोई पत्रकार कुछ सवाल पूछे और इनको पसंद न आए, तो कहते हैं तुम बीजेपी के एजेंट हो. केस हारते हैं तो जज पर आरोप करते हैं. चुनाव हारते हैं तो ईवीएम और वोट चोरी को दोष देने लगते हैं. बिहार में यात्रा निकाली और फिर भी ये हार जाते हैं. चुनाव हारने का कारण नेतृत्व है. कांग्रेस के कार्यकर्ता इनका हिसाब मांगेंगे. आजादी के बाद ऐसा कभी नहीं हुआ है कि कोई जज खिलाफ फैसला दे, तो उसके खिलाफ इम्पीचमेंट लेकर आते हैं. वोट बैंक को संभालने के लिए एक हाईकोर्ट के जज के सामने इम्पीचमेंट लेकर आए हैं. जजमेंट क्या है. ये है कि एक पहाड़ी पर सबसे ऊपर दिया जलाया जाए. जनता इनको माफ नहीं करेगी. सबने साइन कर दिया, उद्धव जी ने भी साइन किया है. इस पर विपक्ष के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया. अमित शाह ने गौरव गोगोई का नाम लेकर कहा कि बैठ जाओ, अभी नया मुद्दा शुरू हो रहा है, फिर उठना पड़ेगा.
अमित शाह ने कहा कि वोट चोरी की जहां तक बात है, प्रधानमंत्री कौन बनेगा, यह कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्षों के वोट से तय हुआ. 28 प्रदेश अध्यक्षों ने सरदार पटेल के लिए वोट किया और दो ने पंडित नेहरू के लिए. पंडित नेहरू प्रधानमंत्री बने. दूसरी वोट चोरी अनैतिक तरीके से चुनाव जीतना. इंदिरा गांधी रायबरेली से चुनाव जीतीं और राजनारायण कोर्ट गए. कोर्ट ने तय कर दिया कि इंदिरा गांधी अनैतिक तरीके से जीतीं. इसे ढंकने के लिए संसद में कानून लाया गया कि प्रधानमंत्री के खिलाफ केस ही नहीं चल सकता. विपक्ष के नेता ने चुनाव आयोग की इम्युनिटी को लेकर सवाल पूछा, उसका जवाब तो दूंगा लेकिन इंदिरा गांधी ने इम्युनिटी अपने लिए ले ली, उसका क्या. विपक्ष के हंगामे पर अमित शाह ने कहा कि मोदीजी को लोगों ने बनाया है प्रधानमंत्री, आपकी कृपा से नहीं बना है. इनका आरोप सत्य नहीं है. इंदिरा गांधी ने तीन वरिष्ठ जजों को बाईपास करके चौथे नंबर के जज को मुख्य न्यायाधीश बनाया. तीसरी वोट चोरी का प्रकरण बताया था, योग्यता नहीं है और मतदाता बन गए. अभी अभी एक वाद पहुंचा है कि सोनिया गांधी इस देश का नागरिक बनने से पहले मतदाता थीं. विपक्ष के हंगामे पर शाह ने कहा कि केस चल रहा है, ये फैक्चुअल है. जवाब तो सोनिया गांधी को कोर्ट में देना है. केसी वेणुगोपाल ने कहा कि सोनिया गांधी उस चुनाव में वोटर नहीं थीं. गृह मंत्री को चुनौती देता हूं कि वो यह साबित करें. विपक्ष ने नियम 352 के तहत आपत्ति की.इस पर स्पीकर ने कहा कि इसे हमने भी पढ़ा है. गृह मंत्री ने कोई फैसला नहीं दिया है. एक मामला आया है, उसका बस संदर्भ दिया है. अमित शाह ने कहा कि अभी मैंने कॉन्क्लूजन नहीं दिया है. कॉन्क्लूजन तो उनके जवाब देने के बाद फिर से बताऊंगा.
अमित शाह ने कहा कि विपक्ष के नेता की तीनों प्रेस कॉन्फ्रेंस का जवाब दूंगा. एक सादी वाली, एक एटम बम वाली और एक हाइड्रोजन बम वाली. हर सवाल का जवाब दूंगा. राहुल गांधी ने उन्हें बीच में टोका. इस पर अमित शाह ने कहा कि 30 साल से संसद या विधानसभा में चुनकर आ रहा हूं. ऐसा कभी नहीं हुआ. मेरे बोलने का क्रम मैं तय करूंगा, आप नहीं. इस पर राहुल गांधी ने कहा कि ये डरा हुआ, घबराया हुआ रेस्पॉन्स है. सच्चा रेस्पॉन्स नहीं है. अमित शाह ने कहा कि मैं उनके माथे पर चिंता की लकीरें साफ देख रहा हूं कि क्या बोलूंगा. उनके उकसावे में नहीं आऊंगा, अपने क्रम से बोलूंगा. इससे पहले, राहुल गांधी ने गृह मंत्री के बयान के बीच में उन्हें रोकते हुए कहा कि चुनाव आयोग को फुल इम्युनिटी देने के आइडिया पर सबसे पहले बताएं. हरियाणा में एक उदाहरण दिया इन्होंने, वहां अनेक उदाहरण हैं. राहुल गांधी ने अमित शाह को फ्री प्रेस कॉन्फ्रेंस में डिबेट की चुनौती दी.
अमित शाह ने विपक्ष के वोट चोरी के नैरेटिव को काउंटर करते हुए कहा कि मंजू देवी ने कहा कि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने उनको गलत जानकारी दी. मेरे जवाब से विपक्ष के पास मुद्दा नहीं बचेगा. विपक्ष के नेता ने खुद कहा प्रेस कॉन्फ्रेंस में कि वोटर लिस्ट सही नहीं है. एसआईआर उसी का शुद्धिकरण कर रहा है. उन्होंने कहा कि इनका कहना है कि बीजेपी की सरकारों के खिलाफ एंटी इनकम्बेंसी का असर नहीं होता. सही बात है कि केंद्र से राज्य तक हमारी सरकारें बार-बार चुनकर आती हैं. लेकिन ऐसा भी नहीं है कि हम 2014 के बाद कोई चुनाव हारे नहीं हैं. उन्होंने कर्नाटक-तेलंगाना से छत्तीसगढ़ तक के उदाहरण देते हुए कहा कि जब आप जीतते हो, तब चुनाव आयोग महान है. जब मुंह की खाते हो तो चुनाव आयोग निकम्मा है.
अमित शाह ने कहा कि घुसपैठिए यह तय नहीं कर सकते कि सीएम-पीएम कौन हो. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से एसआईआर हुआ. चुनाव आयोग की ड्यूटी है यह तय करना कि कौन मतदाता है और कौन नहीं. उन्होंने कहा कि वोटर होने के लिए यह जरूरी है कि संबंधित व्यक्ति सबसे पहले भारत का नागरिक हो. राहुल गांधी का नाम लेकर अमित शाह ने कहा कि वह हरियाणा का एक मकान नंबर बताते हुए दावा करते हैं कि इस घर में इतने वोटर हैं. चुनाव आयोग ने वेरिफिकेशन किया तो यह दावा ही गलत था. वोट चोरी का फर्जी नैरेटिव बनाने की कोशिश हो रही है. इस पर विपक्ष की ओर से हंगामा हो गया. अमित शाह ने कहा कि मुझे अपनी बात पूरी करने दें, इसके बाद विपक्ष के नेता को मौका दिया जाए और मैं उसका भी जवाब देने के लिए तैयार हूं.
गृह मंत्री अमित शाह ने चुनाव सुधार पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि चुनाव के लिए चुनाव आयोग जिम्मेदार है. यह व्यवस्था जब बनी, तब हम थे ही नहीं. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग संवैधानिक संस्था है और अनुच्छेद 324 में चुनाव आयुक्त को विशेष अधिकार दिए गए. अनुच्छेद 326 में मतदाता की पात्रता तय की गई है. मनीष तिवारी कह रहे थे कि एसआईआर का अधिकार चुनाव आयोग को है ही नहीं, तो उनको बताना चाहता हूं कि यह अधिकार चुनाव आयोग को अनुच्छेद 327 में है. उन्होंने विपक्ष पर एसआईआर को लेकर झूठ फैलाने का आरोप लगाया और इसका इतिहास भी गिनाया. अमित शाह ने कहा कि 2000 के बाद तीन बार एसआईआर हुआ और दो बार बीजेपी-एनडीए की सरकार थी, एक बार मनमोहन सिंह की सरकार थी. तब किसी ने विरोध नहीं किया. यह चुनाव को पवित्र रखने की प्रक्रिया है. चुनाव जिस आधार पर होते हैं, वह वोटर लिस्ट ही अशुद्ध है, तो चुनाव कैसे पवित्र हो सकते हैं. यह एसआईआर कुछ नहीं है, मतदाता सूची का शुद्धिकरण है. मानता हूं कि कुछ दलों को इस देश के लोग वोट देते नहीं हैं, जो वोट देते हैं, उनके नाम भी कट जाएंगे. उनसे सहानुभूति भी है. अमित शाह ने यह भी कहा कि 2010 में एक चुनाव आयुक्त ने तय कर दिया था कि किसी का नाम वोटर लिस्ट से नहीं काटा जाएगा.
गृह मंत्री अमित शाह लोकसभा में चुनाव सुधार पर चर्चा का जवाब दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि दो दिन संसद की कार्यवाही नहीं चल सकी. लोगों के बीच इस तरह का संदेश देने की कोशिश की गई कि हम चर्चा नहीं चाहते. हम बीजेपी और एनडीए के लोग डिबेट से कभी नहीं भागे. संसद सबसे बड़ी पंचायत है. चर्चा के लिए हमने ना कहा, इसके पीछे भी कारण थे. विपक्ष की डिमांड थी एसआईआर पर चर्चा की. यह चुनाव आयोग का काम है. इस पर चर्चा होगी तो जवाब कौन देगा. जब ये चुनाव सुधार पर चर्चा के लिए तैयार हुए, हमने दो दिन चर्चा की. अमित शाह ने कहा कि चर्चा तय हुई चुनाव सुधार पर, लेकिन विपक्ष के सदस्यों ने एसआईआर पर ही बोला. जवाब तो मुझे देना पड़ेगा. मैंने पहले के भी सभी एसआईआर का गहन अध्ययन किया है और कांग्रेस की ओर से फैलाए गए झूठ का अपने तर्कों के हिसाब से जवाब देना चाहता हूं. चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है.
राजस्थान के बांसवाड़ा से भारत आदिवासी पार्टी के सांसद राजकुमार रोत ने कहा कि मेरे संसदीय क्षेत्र में मेरे ही नाम के दो राजकुमार खड़े किए गए. मेरी फोटो चोरी की गई, उनके सामने मेरी फोटो लगाई गई. मेरी पार्टी के सिंबल से मिलता-जुलता सिंबल दिया गया और उनको एक लाख 20 हजार वोट भी मिले. मैं चुनाव के समय से ही उन्हें खोज रहा हूं, वो आजतक मुझे नहीं मिले.
दमन दीव के निर्दलीय सांसद उमेश भाई पटेल जब बोल रहे थे, आसन से जगदंबिका पाल ने उन्हें रोका. जगदंबिका पाल ने कहा कि आपकी बात आ गई. इस पर उमेशभाई बाबूभाई पटेल ने कहा कि यहां वोट चोरी पर बात हो रही है, आप तो भाषण चोरी कर रहे हैं. इससे भड़के जगदंबिका पाल ने आसन से उनको सभापति के आसन की मर्यादा रखने की नसीहत दी.
हनुमान बेनीवाल ने चुनाव सुधार पर चर्चा के दौरान लोकसभा में कहा कि 1990 के दशक तक लोग जानते ही नहीं थे चुनाव आयोग की ताकत. इसे लोगों ने तब जाना, जब टीएन शेषन मुख्य चुनाव आयुक्त बने. उन्होंने एसआईआर के लिए तय समय सीमा एक महीने के लिए बढ़ाने की डिमांड की और कहा कि जो मतदाता तीन बार वोट न डालें, उनका नाम काटा जाना चाहिए.
राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि एक जमाना वह भी था, जब बिहार में पूरा चुनाव ही चार महीने बाद कराना पड़ा. लालू यादव सत्ता में आए, और कहा कि सवर्ण खलनायक हैं. नीतीश कुमार आए और गरीबों का हाथ थाम लिया है. यह जीत उसी का परिणाम है. उन्होंने लालू यादव का नाम लिए बिना कहा कि मैं वह सदस्य हूं, जो एक परिवार के लगभग सभी सदस्यों से चुनाव लड़ चुका हूं, जिनमें से दो राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री थे. पार्टी अनुमति देगी तो आने वाले दो-चार चुनाव में जो दो-चार लोग बचे होंगे, उनसे भी लड़कर जीत लूंगा. रूडी ने सदन में यह भी कहा कि शायद यह वर्ल्ड रिकॉर्ड हो.
असदुद्दीन ओवैसी ने चुनाव सुधार पर चर्चा के दौरान चुनाव आयोग पर संसद के बनाए नियम और सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना करने का आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि चुनाव आयोग ने पब्लिक डोमेन ऑर्डर डाले बिना 35 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम काट दिए. हम एसआईआर का विरोध करते हैं. ओवैसी ने एसआईआर की कवायद को बैकडोर एनआरसी बताया और संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव आंबेडकर को भी कोट किया.
बिहार के पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने एसआईआर पर सरकार और चुनाव आयोग, दोनों को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि बीएलओ और अधिकारियों ने 2024 के चुनाव नतीजों को आधार बनाकर नाम काटने का काम किया. जिस विधानसभा क्षेत्र में ये जितने वोट के अंतर से हारे थे, उस विधानसभा क्षेत्र में उतने वोट काटे गए. अधिकारियों और बीएलओ ने वोटर लिस्ट लेकर एक जगह बैठकर नाम काटे. उन्होंंने बिहार चुनाव में घुसपैठिए के नाम पर एक कम्युनिटी के खिलाफ नफरत फैलाने का आरोप लगाया और कहा कि इस एसआईआर का आधार क्या था. हमारे वोट काटे गए, इनके वोट काटे गए. पप्पू यादव ने सीसीटीवी फुटेज संरक्षित रखने और सीईसी की नियुक्ति में सीजेआई के शामिल होने की भी डिमांड की.
हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से बीजेपी की सांसद कंगना रनौत ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि ये हर दिन एसआईआर, एसआईआर कर हंगामा कर रहे थे. दिल दहल जाता था इनको देखकर. कल राहुल गांधी जी जब बोल रहे थे, बार-बार वही खादी में धागा है, धागे से कपड़ा है, करते रहे. अंत में वह ले देकर विदेशी महिला की फोटो पर आ गए. वह खुद कई बार कह चुकी हैं कि कभी भारत नहीं गई हूं. उनकी तस्वीर के इस्तेमाल के लिए संसद की तरफ से माफी मांगती हूं. ये ईवीएम हैक करने की बात करते हैं, भूल गए हैं कि प्रधानमंत्री दिलों को हैक करते हैं. कंगना ने राजनारायण बनाम इंदिरा केस का जिक्र करते हुए कहा कि ये धांधलियां इन्होंने की हैं. प्रियंका गांधी कहती हैं छोड़ो पुरानी बातें. आपकी माता जी के पास जब नागरिकता नहीं थी, नागरिकता मिलने के कितने वर्षों पहले से वह वोट देती आई हैं. आपलोगों ने कभी भी इस देश की कानून-व्यवस्था का, संविधान का सम्मान नहीं किया हुआ है. कंगना रनौत ने कहा कि वन नेशन, वन इलेक्शन की मांग की और बिहार में एसआईआर का बचाव भी किया. उन्होंने कहा कि बिहार में 60 से 65 लाख वोटर्स के नाम काटे गए. कोई एक व्यक्ति तो आगे आकर कहता कि मेरा नाम गलत काटा
राज्यसभा में वंदे मातरम् पर डिबेट शुरू हो गई है. कांग्रेस की ओर से जयराम रमेश ने चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि गृह मंत्री और अन्य वक्ताओं को सुना. चले थे हिस्टोरियन बनने, बन गए डिस्टोरियन. उन्होंने कहा कि डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद, सरदार पटेल... इन सभी लोगों पर आप तुष्टिकरण का आरोप लगा रहे हैं. गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने खुद इंटरव्यू में कहा था कि हमने सीडब्ल्यूसी में वंदे मातरम् की कुछ पंक्तियों को नेशनल एंथेम घोषित करने की मांग की है. आचार्य कृपलानी से लेकर तमाम बड़े नेताओं ने इसे लेकर पत्र लिखे. सभी बिना आपके कहे टेबल पर रखूंगा, ऑथेंटिकेट करूंगा. क्या ये तुष्टिकरण है. एक संस्था जो गठन का सौंवा वर्ष मना रही है, तुष्टिकरण की चिंगारी उन्हों भी भड़काई. जयराम रमेश ने वंदे मातरम् पर लिखी साब्यसाची भट्टाचार्य की पुस्तक का भी उल्लेख किया और कहा कि यह उसी विश्वविद्यालय में प्रोफेसर थे, जिसमें वित्त मंत्री और विदेश मंत्री पढ़े हैं.
महाराष्ट्र से कांग्रेस की सांसद प्रोफेसर वर्षा एकनाथ गायकवाड़ ने चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि उसकी भूमिका महाभारत के धृतराष्ट्र जैसी हो गई है. उन्होंने महाराष्ट्र का उदाहरण देकर चुनाव आयोग को घेरा और कहा कि जो आयोग पूरी दुनिया में निष्पक्ष चुनाव के लिए जाना जाता था, वह आज सरकार के इशारे पर काम करता है.
अपना दल (एस) की सांसद अनुप्रिया पटेल ने वोट चोरी को विपक्ष के क्रिएटिव दिमाग की उपज करार दिया और कहा कि बिहार में 65 लाख लोगों के वोट काटे गए. अगर यह गलत था, तो कोई एक व्यक्ति तो आगे आकर शिकायत करता कि मेरा नाम कटा है. किसी ने भी शिकायत नहीं की. उन्होंने कहा कि घुसपैठिए देश की बड़ी समस्या हैं. अनुप्रिया पटेल ने ईवीएम को चुनाव सुधार की दिशा में बहुत बड़ा कदम बताया और कहा कि इसे लाने के लिए नरसिम्हाराव की सरकार को संविधान संशोधन करना पड़ा था.
सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा कि चुनाव आयोग को निष्पक्ष तरीके से काम करना चाहिए, लेकिन यह पूरी तरह समर्पित होकर सरकार के लिए काम कर रहा है. उपचुनाव में देखने को मिला कि किस तरह से आयोग ने बीजेपी के लिए काम किया. किस तरह सादे कपड़ों में पुलिसकर्मी बूथ के अंदर वोट करते नजर आए. चुनाव आयोग ने कोई एक्शन नहीं लिया. सीसीटीवी फुटेज भी चुनाव आयोग ने नहीं दिया और नियम बदल दिया गया कि अब 45 दिन में सीसीटीवी फुटेज हटा दिए जाएंगे. चुनाव आयोग को सुरक्षा कवच दिया गया, जिसकी वजह से वह समर्पित होकर सरकार के लिए काम कर रहा है. एसआईआर के नाम पर नागरिकता कानून लागू किया जा रहा है.
शताब्दी रॉय ने कहा कि ये जो लोग बंगाल को लेकर जो भी बोलते हैं, वह गलत है. इन्हें कुछ भी पता नहीं है. एसआईआर सम्मानित शब्द है, लेकिन इसे इन्होंने डराने वाला गब्बर सिंह बना दिया. एसआईआर में आप डुप्लीकेट वोटर निकालने की बा कर रहे हो, हम भी कह रहे. दिल्ली से बिहार तक विपक्षी दल यही तो डिमांड कर रहे थे. बिहार में कोई नहीं, चुनाव आयोग जीता है. नागरिकता लेने-देने के लिए आयोग के पास क्या पावर है. घुसपैठिए की बात है, तो आपके पास कोई रिपोर्ट है कि कितने रोहिंग्या-बांग्लादेशी हैं. शताब्दी रॉय ने कहा कि मोहम्मद बिन तुगलक जैसा अचानक नोटबंदी आ गई. क्या हुआ, दिल्ली में आपकी नाक के नीचे ब्लास्ट हुआ. नया टॉर्चर है एसआईआर. गरीब और भी गरीब हो रहे हैं, अमीर और भी अमीर हो रहे हैं.एसआईआर क्या करेगा, पता नहीं लेकिन देश के लोगों को बेइज्जत कर दिया. 80 साल के बुजुर्ग भी अपना नाम खोज रहे हैं. चुनाव आयोग पर इतने दाग क्यों लग रहे. बिहार जीतने की बात कर रहे हो, कोई कह रहा है लूटे हो.
राज्यसभा में भोजनावकाश हो गया है. राज्यसभा में शून्यकाल और प्रश्नकाल की कार्यवाही के बाद सभापति सीपी राधाकृष्णन ने सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित करने की घोषणा कर दी. लोकसभा की कार्यवाही जारी है. लोकसभा में चुनाव सुधार पर चर्चा जारी है.
बिहार के पटना साहिब से बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि विपक्ष के नेताओं के भाषण में तल्खी बहुत है. इस तल्खी के पीछे हार की हताशा है. उन्होंने केसी वेणुगोपाल के पूरे भाषण को डिलीट करने की डिमांड करते हुए कहा कि अगर वह सुप्रीम कोर्ट में पिटीशनर हैं, उन्हें वही मुद्दा इस सदन में उठाने का अधिकार नहीं है. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि चुनाव आयोग क्या तभी ठीक रहेगा, जब वह जीतेंगे. इसी इलेक्शन कमीशन में वह हरियाणा, तेलंगाना, कर्नाटक जीते की नहीं. इसी इलेक्शन कमीशन में अखिलेश की पार्टी हमसे ज्यादा सीटें जीती की नहीं.
केरल के अलप्पुझा से कांग्रेस के सांसद केसी वेणुगोपाल ने चुनाव आयोग पर बीजेपी के चुनाव एजेंट की तरह काम करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि इस सवाल का जवाब दिया जाना चाहिए कि इस डिजिटल युग में मशीन रीडेबल वोटर लिस्ट क्यों नहीं है. केसी वेणुगोपाल ने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और यहां चुनाव आयोग सभी दलों से विचार विमर्श कर निर्णय लेता रहा है. केरल में लोकल चुनाव में चुनाव आयोग ने खुद ही फैसले ले लिए. केसी वेणुगोपाल के बाद बीजेपी की ओर से रविशंकर प्रसाद बोलने खड़े हुए हैं.
चुनाव सुधार पर लोकसभा में दूसरे दिन की चर्चा जारी है. चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा किया और पीएम मोदी के चुनावी जनसभाओं में मंगलसूत्र वाले बयान का भी उल्लेख किया. वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस ने पीएम मोदी के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत की, जिसे चुनाव आयोग ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को रेफर कर दिया. केसी वेणुगोपाल ने 2003 में हुए एसआईआर के लिए चुनाव आयोग के ऑर्डर की कॉपी सदन में दिखाई और कहा कि तब इसके लिए छह महीने का समय था. तब चुनाव से दो महीने पहले नहीं हुआ था. बिहार में ऐसा क्या हुआ कि चुनाव से दो महीने पहले एसआईआर कराना पड़ा. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर आधार कार्ड को मान्य किया गया.
लोकसभा में चुनाव सुधार पर चर्चा की शुरुआत हो गई है. कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल पहले वक्ता हैं. केसी वेणुगोपाल ने लोकसभा में चुनाव सुधार पर दूसरे दिन की चर्चा की शुरुआत की है.
लोकसभा की कार्यवाही के दौरान जब प्रश्नकाल समाप्त हुआ, मंत्री उठकर सदन से बाहर जाने लगे. इस दौरान कुछ सदस्य खड़े होकर आपस में बात भी करने लगे. इस पर स्पीकर ओम बिरला ने सदस्यों को खड़े होकर बात नहीं करने की हिदायत दी और मंत्रियों को भी नसीहत दी. उन्होंने कहा कि मंत्री भी हाथ मिलाते हुए नहीं जाएं. स्पीकर ने कहा कि संसद के पालनीय नियमों का पालन किया जाना चाहिए. स्पीकर ने इससे पहले प्रश्नकाल के दौरान मजाकिया अंदाज में कहा कि प्रश्न पूछने का मौका उसी माननीय सदस्य को दिया जाएगा, जो देर रात तक सदन में रुकेगा.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा कि देशभर में 7000 से अधिक स्टेशन हैं. कितना बिजी स्टेशन है, उसके आधार पर एनएसजी वन से एनएसजी सिक्स तक ग्रेडेशन होता है. स्टेशन का पुनर्निर्माण करने के लिए अमृत भारत योजना शुरू की है. 1300 से ज्यादा स्टेशन का पुनर्निर्माण चल रहा है. 160 स्टेशन का पुनर्निर्माण पूरा हो गया है. अगले 50 साल के लिए प्लानिंग के साथ लोकल आर्किटेक्चर का ध्यान रखते हुए स्टेशनों का पुनर्निर्माण किया जा रहा है. पार्किंग एरिया का भी ध्यान रखा गया है. दिवाली-छठ में इसका लाभ भी मिला. स्टेशन के बाहर होल्डिंग एरिया बनाया गया, इसकी शुरुआत नई दिल्ली से की गई. इससे पैसेंजर आराम से अंदर जा सके.
लोकसभा में चुनाव सुधार पर जारी चर्चा का आज गृह मंत्री अमित शाह जवाब देंगे. संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा है कि गृह मंत्री अमित शाह लोकसभा में शाम 5 बजे बोलेंगे.
लोकसभा में आज भी चुनाव सुधार पर चर्चा जारी रहेगी. निचले सदन में आज चुनाव सुधार पर चर्चा का दूसरा दिन है. चर्चा के पहले दिन लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, अखिलेश यादव, बीजेपी के निशिकांत दुबे और पक्ष-विपक्ष के अन्य नेताओं ने अपनी बात रखी थी. इस बड़ी डिबेट की शुरुआत कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने की थी और शाम को कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल भी बोले थे. राजस्थान से बीजेपी के सांसद पीपी चौधरी के भाषण के बाद शाम सात बजे स्पीकर ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित करने का ऐलान कर दिया था.