राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने महिलाओं के साथ होने वाले यौन उत्पीड़न के मामलों में कन्विक्शन के लिए फोरेंसिक साक्ष्यों को कलेक्ट करने और उसकी प्रोसेसिंग पर एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर यानी कि एसओपी तैयार की है. इसकी जानकारी अधिकारियों ने बुधवार को दी. एसओपी, जिसे चिकित्सा विशेषज्ञों के परामर्श से तैयार किया गया था, विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेजा गया है, ताकि इसके इम्प्लीमेंटेशन के लिए संबंधित सभी अधिकारियों को निर्देश जारी किए जा सकें.
एनएचआरसी ने कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने महिलाओं पर यौन उत्पीड़न के मामलों में कन्विक्शन के लिए साइंटिफिक/फोरेंसिक एविडेंस, प्रभावी अभियोजन सुनिश्चित करने के लिए एसओपी तैयार किया है. जिसके सात अहम ऑपरेटिंग प्रोसीजर (सेक्शन) होंगे. इनमें पीड़ितों की देखभाल, मुस्तैदी और परीक्षण, नमूनों का कलेक्शन, रक्त और मूत्र के नमूनों का कलेक्शन, जननांग और गुदा के साक्ष्य शामिल हैं, नमूनों को FSL के हवाले किया जाएगा.
एक बयान में कहा गया है कि आयोग इस एसओपी को इसलिए लेकर आया है क्योंकि कथित बलात्कार और यौन उत्पीड़न के कई मामलों में पीड़िता के साइंटिफिक और फोरेंसिक सबूतों के मेडिकल परीक्षण, कलेक्शन और प्रोसीडिंग में काफी देरी हो जाती है. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.
एक अधिकारी ने कहा कि एनएचआरसी को उम्मीद है कि यह एसओपी, यदि सही तरीके से लागू की जाती है, तो निश्चित रूप से देश में महिलाओं पर यौन उत्पीड़न के मामलों में मेडिकल-कानूनी जांच की व्यवस्था को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी.
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