26 हजार घंटे की मेहनत लाई रंग, 100 साल तक मजबूती से खड़ी रहेगी नेताजी की मूर्ति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति का दिल्ली में अनावरण कर दिया है. राजपथ से कर्तव्य पथ बनते ही वहां पर नेताजी की मूर्ति नई दिल्ली की नई शान बन गई है. ये शान 100 सालों तक मजबूती से ऐसे ही खड़ी रहने वाली है. 26 हजार घंटे की मेहनत सही मायनों में रंग लाई है.

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100 साल तक मजबूती से खड़ी रहेगी नेताजी की मूर्ति 100 साल तक मजबूती से खड़ी रहेगी नेताजी की मूर्ति

ऐश्वर्या पालीवाल

  • नई दिल्ली,
  • 08 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 7:39 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति का दिल्ली में अनावरण कर दिया है. राजपथ से कर्तव्य पथ बनते ही वहां पर नेताजी की मूर्ति नई दिल्ली की नई शान बन गई है. ये शान 100 सालों तक मजबूती से ऐसे ही खड़ी रहने वाली है.

280 मेट्रिक टन ग्रेनाइट से बनी मूर्ति

मूर्ति को लेकर बताया जा रहा है कि इसे जेट ब्लैक ग्रेनाइट से बनाया गया है. बड़ी बात ये है कि मूर्ति को बनाने में कम से कम 280 मेट्रिक टन ग्रेनाइट का इस्तेमाल हुआ है. ग्रेनाइट स्टूडियो इंडिया के एमडी रजत मेहता बताते हैं कि बिना किसी नुकसान के नेताजी का ये स्टैच्यू 100 सालों तक ऐसे ही मजबूती के साथ खड़ा रहेगा. रजत ने आगे ये भी जानकारी दी है कि इस मूर्ति को सिर्फ एक बड़े पत्थर से ही तराशा गया है. वहीं तेलंगाना से दिल्ली भी इसे रिकॉर्ड 14 दिन में ट्रांसपोर्ट कर दिया गया.

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34 बार टायर फटे, आसान नहीं था ट्रांसपोर्टेशन

अब दिल्ली तक का सफर भी कोई आसान नहीं था. मूर्ति इतनी भारी और बड़ी थी कि इसकी ट्रांसपोर्टेशन में सभी के पसीने छूट गए. रजत मेहता के मुताबिक सफर के दौरान कम से कम 34 टायर फट गए थे. कई बार टायर बदलने पड़े. वहीं क्योंकि मूर्ति इतनी विशाल थी, ऐसे में एक अलग ही वाहन तैयार किया गया. सांस्कृति मंत्रालय ने जानकारी दी है कि मूर्ति को लाने के लिए एक 100 फीट लंबे ट्रक का इस्तेमाल किया गया था. उस ट्रक में 140 टायर थे. 14 दिन में उस ट्रक ने 1,665 किलोमीटर का सफर तय किया. बताया तो ये भी गया है कि नेताजी की मूर्ति बनाने में 26 हजार घंटे का समय लगा. इतने लोगों ने इस पर काम किया कि तब जाकर एक बेहतरीन और आला दर्जे की मूर्ति तैयार हो पाई.

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अरुण योगीराज ने तैयार की मूर्ति

यहां ये जानना भी जरूरी है कि सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा को मूर्तिकार अरुण योगीराज ने तैयार किया है. इस प्रतिमा को आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल कर पारंपरिक तकनीकों से हाथ से बनाई गई है. नेताजी की यह विशाल प्रतिमा भारत में सबसे ऊंची हस्तनिर्मित मूर्तियों में से एक है. 

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