राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, बच्चों पर अपराध बढ़ने का प्रतिशत बढ़ा है. पिछले वर्ष 2022 की NCRB की रिपोर्ट की तुलना में बच्चों पर बड़े अपराधों में 9.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार 2023 में बच्चों से जुड़े अपराध के 1.77 लाख मामले दर्ज हुए. उनमें से आधे से ज्यादा मामले किडनैपिंग के हैं जबकि पोक्सो एक्ट से जुड़े मामले 38.2% हैं.
देश में सभी तरीके के अपराध की बात करें तो क्राइम रेट 7.2% बड़ा है. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, भारत में अपराधों में तीव्र वृद्धि देखी गई है और 2023 में कुल 62,41,569 संज्ञेय मामले दर्ज किए गए हैं. इस आंकड़े में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत 37,63,102 मामले और विशेष एवं स्थानीय कानूनों (एसएलएल) के तहत 24,78,467 मामले शामिल हैं, जबकि 2022 में यह संख्या 58,24,946 थी. यह 2022 (58,24,946 मामले) की तुलना में दर्ज मामलों में 4,16,623 (7.2 प्रतिशत) की वृद्धि दर्शाता है.
प्रति लाख जनसंख्या पर अपराध दर 448.3
एनसीआरबी की 'भारत में अपराध - 2023' रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रति लाख जनसंख्या पर अपराध दर 2022 में 422.2 से बढ़कर 2023 में 448.3 हो गई. इसमें आगे बताया गया है कि आईपीसी के तहत पंजीकरण में 5.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि एसएलएल (स्पेशल लोकल लॉ) मामलों में 9.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई. आईपीसी अपराध कुल मामलों का 60.3 प्रतिशत थे, जबकि एसएलएल 39.7 प्रतिशत थे.
सार्वजनिक मार्ग में बाधा डालने के मामलों (आईपीसी की धारा 283) में तीव्र वृद्धि देखी गई, जो 2022 में 93,548 मामलों से बढ़कर 2023 में 1,51,469 हो गए, जैसा कि आंकड़े में बताया गया है. साथ ही, 'चोरी के दर्ज मामलों में भी वृद्धि हुई है, जो पिछले वर्ष के 6,52,731 की तुलना में 2023 में 6,89,580 तक पहुंच गए.'
पुलिस ने निपटाए 53,61,518 केस
रिपोर्ट के अनुसार, एसएलएल के तहत सबसे ज्यादा वृद्धि मोटर वाहन अधिनियम के उल्लंघनों में हुई, जो 2022 में 94,450 मामलों से लगभग दोगुनी होकर 2023 में 1,91,828 हो गई, यानी 97,378 मामलों की वृद्धि. जांच के मोर्चे पर, पुलिस ने 2023 में 53,61,518 आईपीसी मामलों का निपटारा किया, जिनमें पिछले वर्षों के लंबित और फिर से खोले गए मामले भी शामिल हैं. इनमें से 37,85,839 मामलों का निपटारा किया गया, जिनमें 27,53,235 मामलों में आरोप-पत्र दाखिल किए गए, जो 72.7 प्रतिशत की आरोप-पत्र दर को दर्शाता है.
जितेंद्र बहादुर सिंह