मुंबई: आरे के फैसले को आदित्य ने कहा अच्छी खबर, फडणवीस ने उठाए सवाल

महाराष्ट्र के पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि हमें आज पूरे साल के लिए पर्यावरण को लेकर सबसे अच्छी खबर मिली है. आरे को बचाने के लिए विरोध कर रहे सत्याग्रहियों के खिलाफ सभी आरोप भी हटा दिए जाएंगे. राज्य सरकार ने मुंबई के आरे मेट्रो कार शेड प्रोजेक्ट को रद्द करने का फैसला लिया है.

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महाराष्ट्र के पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे (फाइल-पीटीआई) महाराष्ट्र के पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे (फाइल-पीटीआई)

पंकज उपाध्याय

  • मुंबई,
  • 11 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 11:13 PM IST
  • मुंबई के आरे मेट्रो कार शेड प्रोजेक्ट को रद्द किया गया
  • उद्धव ठाकरे का कांजूर मार्ग पर नया शेड बनाने का फैसला
  • फडणवीसः अहंकार को संतुष्ट करने को इतना बड़ा बोझ क्यों?

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आज रविवार को विवादों में रहे मुंबई के आरे मेट्रो कार शेड प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया है. राज्य सरकार ने पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील आरे में मेट्रो कार शेड बनाने के फैसले पर रोक लगा दी और अब वह कांजूर मार्ग पर नया शेड बनाएगी. राज्य के पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि हमें पर्यावरण के लिए सबसे अच्छी खबर मिली है. 

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पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि हमें आज पूरे साल के लिए पर्यावरण को लेकर सबसे अच्छी खबर मिली है. आरे को बचाने के लिए विरोध कर रहे सत्याग्रहियों के खिलाफ सभी आरोप भी हटा दिए जाएंगे. उन्होंने एक जंगल को बचाने के लिए विरोध किया, जिसे औपचारिक रूप से एक के रूप में पहचाना नहीं गया था, लेकिन यह हमेशा एक ही रहेगा.

मुख्यमंत्री उद्धव का शुक्रियाः आदित्य

आदित्य ने कहा कि लगभग 808 एकड़ को आरक्षित वन के रूप में घोषित करने का प्रस्ताव किया गया है. भारतीय वन अधिनियम की धारा 4 के तहत इस हफ्ते और 9 महीने के बाद, इसे वन घोषित किया जाएगा.

उन्होंने यह भी कहा कि मुझे नहीं लगता कि दुनिया के किसी भी अन्य शहर ने हमारी तरह अपनी शहर की सीमा में 808 एकड़ क्षेत्र को जंगल घोषित किया है. उन्होंने कहा, 'मैं इस फैसले के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार समेत कई नेताओं का शुक्रिया अदा करता हूं.' 

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देरी पर कौन होगा जिम्मेदारः फडणवीस

पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने आरे के फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने कहा कि सरकार का अहंकार से भरा फैसला है. खुद सरकार की नियुक्ति समिति ने कहा कि परियोजना को कांजूर मार्ग में स्थानांतरित करने से 4000 करोड़ अतिरिक्त मिलेंगे. किसी के अहंकार को संतुष्ट करने के लिए इतना बड़ा बोझ क्यों? सरकार किसको और किसे पीड़ित करना चाहती है?

उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले कांजूर मार्ग पर विचार किया था, लेकिन मामला कोर्ट में चला गया और हाईकोर्ट ने इस पर स्टे लगा दिया. कुछ निजी व्यक्तियों ने अपने अधिकारों का दावा किया. स्टे वापस लेने का अनुरोध किया गया, लेकिन हाईकोर्ट चाहता था कि अगर भविष्य में दावों का निपटारा होता है तो उसके लिए राशि जमा की जाए. उन्होंने कहा कि 2015 में यह राशि लगभग 2,400 करोड़ रुपये थी. आज उस मामले की स्थिति क्या है? और अगर कोई सुप्रीम कोर्ट जाता है, तो फिर देरी के लिए कौन जिम्मेदार होगा?

आरे मेट्रो कार शेड प्रोजेक्ट की जगह ट्रांसफर करने के साथ ही राज्य सरकार ने आरे कार शेड का विरोध कर रहे लोगों पर दर्ज मुकदमों को भी वापस ले लिया है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को घोषणा करते हुए कहा कि हम जब सत्ता में नहीं थे तो हमने आरे कार शेड प्रोजेक्ट का विरोध किया था.

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मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि पर्यावरण की चिंता करने वाले लोगों ने भी इस पर आपत्ति जताई थी और इस प्रोजेक्ट को रद्द करने की मांग की थी. अब हमने इस प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि हमने आरे की 600 एकड़ जमीन को जंगल घोषित कर दिया है. इस प्रोजेक्ट को यहां से वापस ले लेने के बाद यहां पर जंगल का क्षेत्र बढ़कर 800 एकड़ हो गया है.

ठाकरे ने कहा कि आरे कार शेड को अब कांजूरमार्ग में ट्रांसफर कर दिया गया है. वहां पर सरकारी जमीन है जिसका इस्तेमाल मेट्रो कार शेड बनाने के लिए किया जाएगा. ये मुंबई मेट्रो को मुफ्त में दी जाएगी. 

यह एजेंडे का हिस्साः कंगना
गत वर्ष जब मुंबई के आरे में मेट्रो का शेड बनाने की घोषणा की गई तो बड़ी संख्या में लोगों का भारी विरोध देखने को मिला. विरोध करने वालों का मानना था कि इससे आरे के जंगलों को काफी नुकसान होगा. हालांकि प्रदर्शनकारियों के लिए अब यह राहत की बात है कि राज्य सरकार ने घोषणा कर दी है कि आरे की जगह कांजुरमार्ग पर मेट्रो शेड बनाए जाएंगे. 

कंगना रनौत ने भी आरे के जंगलों को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. कंगना ने कहा, 'जो दुनिया की बड़ी समस्या है. दरअसल वो मुबईकर्स की समस्या नहीं है. पिछले साल मैंने एक लाख से ज्यादा पौधे लगाए थे. पेड़ों को ना काटना अच्छी बात है, लेकिन सिर्फ अपने एजेंडे के लिए शहरीकरण को रोक देना कोई समाधान नहीं है, बल्कि यह समस्या का एक हिस्सा ही है.

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