2448 KM/घंटे की रफ्तार से दुश्मन होगा नेस्तनाबूत, ईस्टर्न कमांड में शामिल MRSAM मिसाइल

MRSAM मिसाइल को ईस्टर्न कमांड में शामिल कर लिया गया है. DRDO द्वारा बनाई गई इस मिसाइल के जरिए दुश्मन पर घातक और सटीक वार किया जा सकता है. इस मिसाइल की रफ्तार 2448 KM/घंटा रहती है, यानी कि पलक झपकते ही दुश्मन नेस्त नाबूत हो जाएगा.

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ईस्टर्न कमांड को मिली MRSAM मिसाइल (फाइल) ईस्टर्न कमांड को मिली MRSAM मिसाइल (फाइल)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 23 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 7:27 PM IST

भारतीय सेना की ताकत को नई पहचान मिली है. MRSAM मिसाइल को ईस्टर्न कमांड में शामिल कर लिया गया है. DRDO द्वारा बनाई गई इस मिसाइल के जरिए दुश्मन पर घातक और सटीक वार किया जा सकता है. इस मिसाइल की रफ्तार 2448 KM/घंटा रहती है, यानी कि पलक झपकते ही दुश्मन नेस्तनाबूत हो जाएगा. इस मिसाइल सिस्टम को 'Abhra' के नाम से भी जाना जाता है. इजरेली एरोस्पेस इंडस्ट्रीस के साथ मिलकर इसे तैयार किया गया है. इसे आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक निर्णायक कदम माना जा रहा है.

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जानकारी के लिए बता दें कि इस मिसाइल को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने इजरायल के IAI कंपनी के साथ मिलकर बनाया है. इजरायल से भारत को मिली बराक मिसाइल (Barak Missile) भी MRSAM ही है. सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (Surface to Air Missile - SAM) आर्मी वेपन सिस्टम में कमांड पोस्ट, मल्टी फंक्शन राडार, मोबाइल लॉन्चर सिस्टम होता है. यह इजरायल की खतरनाक मिसाइल बराक-8 (Barak-8) पर आधारित है. MRSAM (Medium Range Surface to Air Missile) का वजन करीब 275 किलोग्राम होता है. लंबाई 4.5 मीटर और व्यास 0.45 मीटर होता है. इस मिसाइल पर 60 किलोग्राम वॉरहेड यानी हथियार लोड किया जा सकता है. यह दो स्टेज की मिसाइल है, जो लॉन्च होने के बाद धुआं कम छोड़ती है.

इस समय केंद्र सरकार डिफेंस के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होना चाहती है. पिछले कुछ सालों में उस दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कई मौकों पर कह चुके हैं कि भारत में बने हथियार जब सेना के जवाब इस्तेमाल करेंगे तो उनका आत्मविश्वास अलग स्तर का रहेगा.
 

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