क्लास 1 में दाखिले की न्यूनतम उम्र 6 साल, क्या केंद्र का फैसला ठीक है? :आज का दिन, 23 फरवरी

पहली क्लास में दाखिले के लिए न्यूनतम उम्र 6 साल करना कितना स्वागतयोग्य है, रूस यूक्रेन युद्ध की वजह से भारत लौटे 18 हज़ार स्टूडेंट्स के लिए सरकार ने क्या किया और इंडियन विमेंस टीम के लिए सेमीफाइनल्स में जीत की राह आज कितनी आसान है? सुनिए 'आज का दिन' में.

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MINIMUM AGE FOR ADMISSION IN 1 CLASS TO BE 6 YEARS MINIMUM AGE FOR ADMISSION IN 1 CLASS TO BE 6 YEARS

शुभम तिवारी

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  • 23 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 8:52 AM IST

नई श‍िक्षा नीति के तहत सरकार कई लेवल पर चीज़ें बदल रही है. इसी कड़ी में कल शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया की पहली क्लास में जो बच्चों का दाखिला होता है, उसकी मिनिमम एज यानी न्यूनतम उम्र 6 साल हो. फ़िलहाल ये अलग-अलग राज्यों में 5, साढ़े 5 और 6 है. लेकिन अब केंद्र का कहना है कि एक सिरे से 6 बरस कर दिया जाना चाहिए. नई शिक्षा व्यवस्था में जो फाउंडेशनल स्टेज है, उसको पांच बरस का रखा गया है.

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इस पांच बरस का मतलब है बच्चे के तीन बरस की उम्र से आठ बरस के उम्र तक वो बुनियादी तालीम हासिल करेगा. जिसमें तीन साल की प्री स्कूल एजुकेशन की व्यवस्था है और फिर क्लास 1 और क्लास 2 की. क्या राज्य सरकारें बाध्य होंगी इसे मानने के लिए और पहली क्लास में दाखिले की 6 साल उम्र, इसको एक अभिभावक कैसे समझें, क्या ये फैसला स्वागतयोग्य है, चीज़ें क्या बेहतरी की दिशा में हैं या इसमें कुछ झोल भी नज़र आता है? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.

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23 फ़रवरी है आज, साल भर पहले आज तक यूक्रेन में सबकुछ ठीक ठाक था, बस हमले की आशंका थी जो 24 फ़रवरी को हक़ीक़त में तब्दील हो गई. कल यूक्रेन पर शुरू हुए रूसी आक्रमण को एक बरस हो जाएगा. कई नज़र हैं इस युद्ध को देखने के. एक यूक्रेनी ज़मीन पर अब किसका कहाँ, कितना नियंत्रण है. दूसरा, यूक्रेन को पश्चिमी मदद, रूस पर प्रतिबंधों से लेकर दुनिया जहान के नेताओं की मेल मुलाकात है. एक नज़र देखने की वे 18 हजार मेडिकल स्टूडेंट्स भी हो सकते हैं. जो इस युद्ध के बाद यूक्रेन छोड़ भारत लौट आए, ऑपरेशन गंगा नाम दिया गया था उसे, जिसके तहत इन बच्चों को इवैकुएट किया गया था. जब वे लौटे रहे थे, तो अपनी मेडिकल की पढ़ाई बीच ही में छोड़ वापस आ रहे थे. उनको यहां के सिस्टम में बाद में एडजस्ट करने की ढ़ेरों बात हुई लेकिन क्या उनका भविष्य बेहतर हुआ या अधर में लटक गया, साल भर के बाद ये जो 18 हजार बच्चे लौटें, वे किस हाल में हैं, सरकार ने क्या किया और उसका हासिल क्या रहा? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें. 

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विमेंस टी-20 वर्ल्ड कप का आज सेमीफाइनल है. भारतीय महिला टीम ने भी क़वालीफाई किया है. केप टाउन के न्यूलैंड्स मैदान पर शाम 6:30 बजे जब मैच शुरू होगा तो सामने होगी ऑस्ट्रेलिया की टीम. पिछले आंकड़ें सही हो ज़रूरी तो नहीं लेकिन कौन कहाँ खड़ा है, मैच से पहले, ये जानने के लिए हम अक़्सर उन आंकड़ों के पन्ने पलटते हैं. भारत और ऑस्ट्रेलिया के केस में हम पाते हैं कि ऑस्ट्रेलियाई टीम ज़्यादातर बार इंडियन टीम पर हावी रही है.ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच अब तक टी-20 में 30 इंटरनेशनल मुकाबले खेले गए हैं. इनमें भारत को महज़ 7 में वहीं ऑस्ट्रेलियन टीम 22 मुकाबले में विजयी रही है. एक मुकाबला बेनतीजा रहा है. सवाल है कि इस तरह की ट्रैक रिकॉर्ड वाली टीम से सेमीफाइनल, तब की जब हम हाल ही में हुए टी20 सीरीज भी उससे हार चुके हैं, ऊपर से ऑस्ट्रेलियाई टीम बिना एक मैच हारे सेमीफाइनल तक पहुंची है, भारतीय टीम के लिए जीत की राह आज कितनी आसान नज़र आती है और अगर आज भारतीय टीम पहले गेंदबाजी को उतरती है तो किस स्कोर तक रोकना बेहतर रहेगा और बैटिंग की स्थिति में एक सेफ स्कोर क्या होगा? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें. 
 

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