केरल के राज्यपाल सोमवार को जब तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट से दिल्ली रवाना होने के लिए जा रहे थे तभी रास्ते में एसएफआई के कार्यकर्ताओं ने उनका विरोध किया था और काले झंडे दिखाए थे. राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने आरोप लगाया था कि उनकी गाड़ी में टक्कर मारी गई और इस घटना के पीछे मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन का हाथ है. अब इसको लेकर एसएफआई का बयान आया है.
एसएफआई के राज्य सचिव पीएम आर्शो ने कहा कि हम विश्वविद्यालयों को आरएसएस की गौशाला नहीं बनाने देंगे और राज्यपाल के खिलाफ एसएफआई के खिलाफ प्रदर्शन जारी रहेगा.
उन्होंने कहा कि हमें चीजों में स्पष्टता चाहिए. राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के सीनेट सदस्यों को नामित किया. ये बात न तो उन्होंने बताई और न ही किसी मीडिया ने उनसे पूछा. उन्होंने ये काम सही तरीके से नहीं किया है. इसलिए हम उनसे नामांकन वापस लेने की मांग करते हैं.
एसएफआई नेता ने कहा कि हम राज्यपाल को विश्वविद्यालयों को आरएसएस की गौशाला नहीं बनाने देंगे. सबसे बड़े छात्र संगठन के रूप में यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने विश्वविद्यालयों को भगवाकरण से बचाने के लिए विरोध करें. हमने उनकी गाड़ी पर हमला नहीं किया है. जब राज्यपाल की गाड़ी गुजरी तो हम सड़क किनारे खड़े थे और हम इसी तरह विरोध प्रदर्शन करते रहेंगे.
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छात्र नेता ने कहा कि हमें किसी ने रूट लीक नहीं किया. एयरपोर्ट जाने के लिए 3 रास्ते हैं इसलिए हम विरोध के लिए तीनों रास्तों पर खड़े थे. एसएफआई को विरोध प्रदर्शन के लिए राज्य पुलिस से किसी सुरक्षा या समर्थन की आवश्यकता नहीं है. हमारे सदस्यों को पहले ही हिरासत में ले लिया गया है और उन पर गैर जमानती अपराध लगाया गया है. उन्होंने हमें अपराधी और गुंडा कहा. उन्होंने इरफान हबीब और गोपीनाथ रवींद्रन को ही ऐसा कहा था. इसलिए इस श्रेणी में शामिल होना हमारे लिए गर्व की बात है.
शिबिमोल