केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने शुक्रवार को लोकसभा को बताया कि देश में डॉक्टर-जनसंख्या अनुपात 1:811 है जो डब्ल्यूएचओ के मानक 1:1000 से बेहतर है. उन्होंने कहा, 'राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार, नवंबर, 2024 तक राज्य चिकित्सा परिषदों और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के साथ 13,86,145 एलोपैथिक डॉक्टर पंजीकृत थे.'
जेपी नड्डा ने कहा, 'पंजीकृत एलोपैथिक डॉक्टरों और लगभग 6.14 लाख आयुष डॉक्टरों की 80 प्रतिशत उपलब्धता मानते हुए, देश में डॉक्टर-जनसंख्या अनुपात लगभग 1:811 है जो डब्ल्यूएचओ के मानक 1:1000 से बेहतर है.' उन्होंने बताया कि सरकार ने मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ाई है और उसके बाद एमबीबीएस सीटें भी बढ़ाई हैं.
'मेडिकल कॉलेजों में 102 प्रतिशत की वृद्धि हुई'
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मेडिकल कॉलेजों में 102 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो 2014 से पहले 387 से बढ़कर अब 780 हो गई है. इसके अलावा, एमबीबीएस सीटों में 2014 से पहले 51,348 से अब 1,18,137 तक 130 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और पीजी सीटों में 135 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जो 2014 से पहले 31,185 से बढ़कर अब 73,157 हो गई हैं.
'157 में से 131 नए मेडिकल कॉलेज पहले से कार्यरत'
देश में डॉक्टर/चिकित्सा पेशेवरों को बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए, नड्डा ने कहा कि जिला/रेफरल अस्पताल को अपग्रेड करके नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए केंद्र प्रायोजित योजना जिसके तहत 157 अनुमोदित मेडिकल कॉलेजों में से 131 नए मेडिकल कॉलेज पहले से ही कार्यरत हैं, जिसमें राजस्थान के 23 मेडिकल कॉलेज शामिल हैं.
'22 नए एम्स को मंजूरी दे दी गई है'
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) के सुपर स्पेशलिटी ब्लॉकों के निर्माण द्वारा सरकारी मेडिकल कॉलेजों के अपग्रेडेशन के तहत कुल 75 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 69 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं. नए एम्स की स्थापना के लिए केंद्रीय क्षेत्र योजना के तहत, 22 एम्स को मंजूरी दी गई है. इनमें से 19 में स्नातक पाठ्यक्रम शुरू हो गए हैं.
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