'खतरे में किश्तवाड़ के रतले हाइड्रो प्रोजेक्ट की सुरक्षा! 29 कर्मियों के टेरर लिंक', J&K पुलिस ने दी वॉर्निंग 

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में निर्माणाधीन रतले हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट को लेकर पुलिस ने गंभीर सुरक्षा चेतावनी जारी की है. प्रोजेक्ट में काम कर रहे 29 कर्मचारियों के कथित तौर पर आतंकी लिंक या आपराधिक पृष्ठभूमि सामने आई है.

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जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में चिनाब नदी पर निर्माणाधीन रतले हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट एक राष्ट्रीय महत्व की परियोजना है. (Photo: RHPC Website) जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में चिनाब नदी पर निर्माणाधीन रतले हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट एक राष्ट्रीय महत्व की परियोजना है. (Photo: RHPC Website)

सुनील जी भट्ट

  • किश्तवाड़ ,
  • 20 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 2:45 AM IST

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में चिनाब नदी पर बन रहे 850 मेगावाट के रतले हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट (Ratle Hydroelectric Project) की सुरक्षा को लेकर स्थानीय पुलिस ने चिंता जताई है. पुलिस ने निर्माण कार्य कर रही कंपनी मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (MEIL) को 1 नवंबर को पत्र लिखकर सूचना दी थी कि प्रोजेक्ट में काम कर रहे 29 कर्मचारियों के आतंकी संबंध या क्रिमिनल बैकग्राउंड हैं. पुलिस का यह पत्र आजतक के हाथ लगा है.

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किश्तवाड़ के एसएसपी नरेश सिंह ने मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (MEIL) के जनरल मैनेजर को लिखे पत्र में चिंता जताई है कि ये कर्मचारी रणनीतिक महत्व के इस प्रोजेक्ट के लिए खतरा बन सकते हैं. पत्र में कहा गया है कि हाइड्रो प्रोजेक्ट राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से अहम होते हैं और दुश्मन देशों के निशाने पर रहते हैं. पुलिस ने MEIL को सुझाव दिया है कि ऐसे दागी पृष्ठिभूमि वाले कर्मचारियों की नियुक्ति पर पुनर्विचार किया जाए, उनकी गतिविधियों पर निगरानी रखी जाए और कोई संदिग्ध गतिविधि नजर आने पर तुरंत सूचना दी जाए.

किश्तवाड़ पुलिस के वेरिफिकेशन में पता चला है कि इन 29 में से 5 कर्मचारी सक्रिय या सरेंडर आतंकियों के रिश्तेदार हैं. एक कर्मचारी का सगा चाचा हिज्बुल मुजाहिदीन का सक्रिय आतंकी मोहम्मद अमीन उर्फ जहांगीर सरूरी है, जो इस प्रोजेक्ट में का कर रहे दो अन्य कर्मचारियों का भी भाई और चचेरा भाई लगता है. एक कर्मचारी का पिता सरेंडर मिलिटेंट है, जबकि एक अन्य का पिता सीआईडी रिकॉर्ड में ओवर ग्राउंड वर्कर (OGW) के रूप में दर्ज है. बाकी 24 कर्मचारियों के खिलाफ विभिन्न क्रिमिनल केस दर्ज हैं.

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पुलिस के पत्र का निर्माण कंपनी ने दिया जवाब

मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के जॉइंट चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर हरपाल सिंह ने आजतक से फोन पर बातचीत में किश्तवाड़ पुलिस का पत्र मिलने की पुष्टि की और कहा कि कंपनी ने इस संबंध में जवाब दिया है. उन्होंने आश्वासन दिया कि इन कर्मचारियों पर नजर रखी जाएगी, लेकिन उन्हें हटाना मुश्किल है क्योंकि ये खुद आतंकी या OGW नहीं हैं और क्रिमिनल केस में दोषी साबित नहीं हुए हैं. हरपाल सिंह ने बताया कि ये कर्मचारी उनके कंपनी जॉइन करने से पहले भर्ती हुए थे.

भाजपा विधायक शगुन परिहार के गंभीर आरोप

इस मामले ने राजनीतिक विवाद को भी हवा दी है. भाजपा की किश्तवाड़ विधायक शगुन परिहार ने मांग की कि इन 'दागी' कर्मचारियों को तुरंत बर्खास्त किया जाए. उन्होंने आजतक से फोन पर बातचीत में कहा कि किश्तवाड़ पुलिस की रिपोर्ट उनकी बात को सही साबित करती है और वह शुरू से इस मुद्दे को उठा रही हैं. बाजेपी विधायक ने कंपनी पर गरीब स्थानीय मजदूरों को निकालकर आतंकियों के रिश्तेदारों को रखने का आरोप लगाया.

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BJP विधायक काम में कर रहीं हस्तक्षेप: कंपनी

दूसरी ओर, MEIL ने स्थानीय बीजेपी विधायक शगुन परिहार पर प्रोजेक्ट में दखल देने और अपनी पसंद के लोगों को नौकरी दिलाने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया है. कंपनी का कहना है कि हाल में 200 मजदूरों की छंटनी नियमों के तहत की गई और सभी को मुआवजा दिया गया. यह विवाद प्रोजेक्ट की प्रगति को प्रभावित कर रहा है, जो पहले से ही देरी का शिकार है. रतले हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट नेशनल हाइड्रो पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHPCL) और जम्मू-कश्मीर सरकार का जॉइंट वेंचर है, जिसकी अनुमानित लागत 3700 करोड़ रुपये है. यह राष्ट्रीय महत्व का प्रोजेक्ट है और इसकी सुरक्षा पर उठ रहे सवाल गंभीर चिंता का विषय हैं.

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