जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल को डिटेक्ट हुआ कैंसर, इलाज के लिए स्पेशल कोर्ट से मांगी अग्रिम जमानत

मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) के मामले में आरोपी एवं जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल ने गुरुवार को एक विशेष अदालत के समक्ष याचिका दायर कर ‘धीमी गति से बढ़ते कैंसर’ के उपचार के लिए अंतरिम जमानत देने का अनुरोध किया.

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नरेश गोयल ने बीमारी का हवाला देकर फिर मांगी जमानत नरेश गोयल ने बीमारी का हवाला देकर फिर मांगी जमानत

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 16 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 7:53 AM IST

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी जेट एयरवेज (Jet Airways) के संस्थापक नरेश गोयल (Naresh Goyal) ने गुरुवार को एक विशेष अदालत के समक्ष याचिका दायर कर जमानत मांगी है. उन्होंने कोर्ट के समक्ष याचिका दायर करते हुए कहा कि ‘धीमी गति से बढ़ते कैंसर’ का इलाज कराने के लिए उन्हें जमानत दी जाए. इस बीमारी का खुलासा गोयल के निजी डॉक्टरों द्वारा किए गए परीक्षणों के दौरान हुआ था.

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कोर्ट ने दिया मेडिकल बोर्ड गठित करने का आदेश

अदालत ने गोयल की मेडिकल रिपोर्ट की जांच के लिए एक मेडिकल बोर्ड गठित करने का प्रारंभिक आदेश पारित किया क्योंकि ईडी ने उनकी अंतरिम जमानत याचिका पर जवाब देने के लिए समय मांगा था. पिछले महीने, धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामलों की सुनवाई कर रहे विशेष न्यायाधीश एम जी देशपांडे ने गोयल को निजी डॉक्टरों द्वारा चिकित्सा परीक्षण कराने की अनुमति दी थी. अंतरिम जमानत की याचिका में नरेश गोयल ने कहा कि निजी डॉक्टरों द्वारा किए गए परीक्षण के दौरान घातक बीमारी का पता चला. उनके मेडिकल रिकॉर्ड के अनुसार, गोयल की आंत में छोटा ट्यूमर है, जिसे 'न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर' (धीमी गति से बढ़ने वाला कैंसर) कहा जाता है.

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उन्हें गंभीर बीमारी के साथ लगभग 35 सेमी से 40 सेमी का हायटस हर्निया भी है. गोयल के आवेदन में कहा गया है कि उनकी बायोप्सी को हिस्टोपैथोलॉजिकल विश्लेषण और इम्यूनोहिस्टोकेमिस्ट्री के लिए भेजा गया था. याचिका में कहा गया है कि निष्कर्षों के आधार पर यह जरूरी है कि गोयल को कैंसर के लिए पहले पीईटी स्कैन कराना होगा, जिसके आधार पर डॉक्टर सर्जरी, कीमोथेरेपी सहित उपचार की दिशा निर्धारित होगी.

याचिका में कही ये बात

याचिका में कहा गया है कि डॉक्टरों ने गोयल को होने वाली किसी भी घातक समस्या को रोकने के लिए जरूरी और तत्काल उपचार की सलाह दी है. विशेष लोक अभियोजक सुनील गोंसाल्वेस ने कहा कि ईडी और गोयल के मेडिकल कागजात के निर्देशानुसार, जे जे अस्पताल का एक मेडिकल बोर्ड गठित किया जाना चाहिए. इसे सलाह के लिए भेजा जाएगा, जिसके बाद ईडी अधिक स्पष्टता के साथ अपना जवाब प्रस्तुत करेगा.

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20 फरवरी तक देनी होगी मेडिकल रिपोर्ट

गोयल के वकील ने कहा कि उन्हें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन उन्होंने कहा कि मेडिकल बोर्ड का गठन जल्द से जल्द किया जाना चाहिए ताकि प्रक्रिया में लगने वाले समय का आरोपी के स्वास्थ्य पर असर न पड़े. दोनों पक्षों को सुनने के बाद, अदालत ने कहा कि जेजे अस्पताल के डीन से अनुरोध है कि ईडी के अनुरोध के अनुसार एक मेडिकल बोर्ड का गठन करें और गोयल के स्वास्थ्य की गहनता से जांच करें. जज ने कहा कि मेडिकल बोर्ड को 20 फरवरी तक अपनी स्पष्ट राय अदालत को बतानी होगी.  अदालत ने कहा कि बोर्ड बीमारी का पता लगाएगा और बताएगा कि गोयल के मेडिकल कागजात के आधार पर प्रस्तावित उपचार जेजे अस्पताल में उपलब्ध है या नहीं.

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74 वर्षीय व्यवसायी नरेश गोयल को को सितंबर 2023 में ईडी ने गिरफ्तार किया था, जिसमें दावा किया गया था कि उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग की थी और केनरा बैंक द्वारा जेट एयरवेज को दिए गए 538.62 करोड़ रुपये के ऋण की हेराफेरी की थी. 
 

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