लोकसभा चुनाव नजदीक हैं, लेकिन इंडिया ब्लॉक में सीटों का बंटवारा नहीं हो पाया है. इसको लेकर जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने संकेत दिया है कि अगर सीट शेयरिंग पर गठबंधन में शामिल दलों के बीच सहमति नहीं बन पाती है तो ये अलायंस के लिए खतरा है.
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, अगर सीटों का बंटवारा जल्दी नहीं किया जाता है तो ये गठबंधन के लिए खतरा है. इसे समय रहते जल्दी कर लेना चाहिए. इंडिया ब्लॉक में शामिल दलों में जल्दी सहमति नहीं बनती है तो कुछ दल एक अलग ग्रुप बनाने की कोशिश कर सकते हैं, जो मुझे सबसे बड़ा खतरा लगता है, अभी भी समय है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के साथ उनके यूट्यूब चैनल पर चर्चा में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकसभा चुनाव में बहुत कम समय बचा है.
कई राज्यों में नहीं बन पाई सहमति
लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी दल एकसाथ आने की कोशिश में लगे हुए हैं, इन दलों के बीच बातचीत का सिलसिला जारी है, लेकिन कई ऐसे राज्य हैं, जहां सीटों की शेयरिंग पर पेच फंसा हुआ है. पश्चिम बंगाल, पंजाब, दिल्ली, यूपी, बिहार और केरल समेत कई राज्यों में दलों के बीच सहमति नहीं बन पाई है.
कांग्रेस ने इन नेताओं को दी जिम्मेदारी
सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस ने अपनी एक कमेटी बनाई है, जिसमें मुकुल वासनिक, अशोक गहलोत, भूपेश बघेल, सलमान खुर्शीद और मोहन प्रकाश को शामिल किया गया है. इन नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है कि वो अलग-अलग दलों के नेताओं से बात कर राज्यों में सीट शेयरिंग की रूपरेखा तय करें. हालांकि अबतक किसी भी राज्य में सीटों के बंटवारे पर फैसला नहीं हो पाया है.
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बंगाल में सबसे मुश्किल है गठबंधन
इंडिया ब्लॉक के लिए सबसे ज्यादा मुश्किल पश्चिम बंगाल है, जहां टीएमसी ने कांग्रेस को सिर्फ दो सीट देने का प्रस्ताव रखा है. हालांकि कांग्रेस ने इस प्रस्ताव को नामंजूर किया है और अधीर रंजन चौधरी तो इस प्रस्ताव पर ममता बनर्जी पर भड़क गए. इसके अलावा गठबंधन में शामिल सीपीआई और सीपीआईएम को भी टिकट देनी होंगी, लेकिन इस पर अबतक कोई बात नहीं हो पाई है.
पंजाब में क्या है हाल?
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पंजाब-दिल्ली में गठबंधन करना चाहती हैं. इसके लिए AAP ने दिल्ली में कांग्रेस को 7 में से 3 और पंजाब में 13 में से 6 सीट देने का प्रस्ताव रखा है, हालांकि इसके बदले में पार्टी ने हरियाणा, गोवा समेत कई राज्यों में अपने लिए सीटें मांगी हैं. कांग्रेस ने अबतक इस प्रस्ताव को मंजूर नहीं किया है.
बिहार में किसको-कितनी सीटें?
बिहार में नीतीश कुमार की गठबंधन वाली सरकार है. जेडीयू के पास बिहार में 17 सांसद हैं, नीतीश की पार्टी ने इन सीटों पर कोई समझौता करने से साफ इनकार कर दिया है. इसके अलावा लेफ्ट पार्टियों ने 9 और कांग्रेस ने 8-9 सीटें मांगी हैं. ऐसे में आरजेडी के लिए 4-5 सीटें बचती हैं. अब देखना होगा कि बिहार में गठबंधन का पेच कैसे सुलझेगा?
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