भारतीय सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों के ठिकानों को ध्वस्त कर उनकी कमर तोड़ी थी. पर अब जैश-ए-मोहम्मद (JeM) जैसी आतंकी संस्थाएं महिलाओं की एक खास ब्रिगेड तैयार कर रहे हैं, जिन्हें धर्म के नाम पर बरगलाकर धर्म के नाम पर बरगलाकर दहतशगर्दी के लिए इस्तेमाल करेगा.
खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, JeM ने महिलाओं का एक विशेष ब्रिगेड बना रहा है, जिसका नाम 'जमात अल-मुमिनात' (Jamaat al-Mu’minaat) रखा गया है. ये ब्रिगेड JeM के महिला विंग के रूप में काम करेगा और इसका उद्देश्य महिलाओं को ब्रेनवॉश कर संगठन के नेटवर्क में शामिल करना है.
ऑपरेशन सिंदूर ने तोड़ी आतंकियों की कमर
दरअसल, मई 2025 में भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में कई आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए थे. इनमें JeM का मुख्यालय 'मार्काज सुब्हानअल्लाह' भी शामिल था, जहां JeM प्रमुख मसूद अजहर के भाई यूसुफ अजहर और परिवार के कई सदस्य मारे गए थे.
इस ऑपरेशन ने JeM की सैन्य क्षमता को गहरा आघात पहुंचाया, जिसके बाद अब आतंकी संगठन ने अपनी रणनीति में बदलाव शुरू कर दिया.
साइकोलॉजिकल वारफेयर
एजेंसियों के अनुसार, इसी बौखलाहट में JeM अब महिलाओं को 'ढाल' के रूप में इस्तेमाल करने की साजिश रच रहा है जो पहले से ही ISIS, हमास और LTTE जैसी संस्थाओं की रणनीति का हिस्सा रही है.
सूत्रों के मुताबिक, ये ग्रुप 2024 के बाद से एक्टिव है और इसका मकसद, महिलाओं को ब्रेनवॉश करके उन्हें अपने नेटवर्क में शामिल करना है. मुख्य रूप से ये संगठन साइकोलॉजिकल वारफेयर (मानसिक युद्ध) पर केंद्रित है. साथ ही संगठन ग्राउंड लेवल पर भर्ती का काम कर रहा है.
JeM के प्रोपगैंडा प्लेटफॉर्म 'अल-कलाम मीडिया' द्वारा जारी एक सर्कुलर में मक्का-मदीना की तस्वीरें और कुरान की आयतें शामिल की गई हैं, ताकि इसे धार्मिक वैधता प्रदान की जा सके. सर्कुलर में भावनात्मक अपील लिखी गईं हैं जो पढ़ी-लिखी शहरी मुस्लिम महिलाओं को टारगेट करती हैं. इसका मकसद महिलाओं को धर्म के नाम पर बरगलाकर संगठन के लिए इस्तेमाल करना है.
भारत में फैल रहा नेटवर्क
इनपुट में ये भी बताया गया है कि 'जमात अल-मुमिनात' जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश और दक्षिण भारत के कुछ क्षेत्रों में ऑनलाइन नेटवर्क के जरिए से एक्टिव है. सोशल मीडिया, व्हाट्सएप ग्रुप और मदरसों के नेटवर्क का इस्तेमाल कर महिलाओं को प्रभावित किया जा रहा है. ये ब्रिगेड सेल-बेस्ड स्ट्रक्चर (छोटे-छोटे समूहों) पर काम कर रहा है जो भर्ती, फंडरेजिंग और मैसेज प्रसारण के लिए स्वतंत्र रूप से संचालित होते हैं.
खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्तान कनेक्शन के ठोस सबूत भी जुटाए हैं, जिसमें 13 रबी-उल-थानी (8 अक्टूबर 2025) को आयोजित मार्काज-स्तरीय मीटिंग्स का जिक्र है.
खुफिया एजेंसियां सतर्क
भारतीय खुफिया एजेंसियां को मिले इनपुट से साफ है कि भारत की सर्जिकल स्ट्राइक और ऑपरेशनों से हिल चुके आतंकी संगठन अब अपने तौर-तरीके बदल रहे हैं. लेकिन खुफिया एजेंसियां भी आतंकी संगठनों की हर एक्टिविटी पर नजर बनाए हुए हैं.
अरविंद ओझा / सुबोध कुमार