Republic Day 2024: देश ने कैसे मनाया था पहला गणतंत्र दिवस, 75 साल पहले की ये तस्वीरें आपको दिला देगी 1950 की याद

Republic Day 2024: देश के पहले गणतंत्र दिवस पर आयोजित की गई परेड में नेवी, आर्मी और एयरफोर्स के जवानों ने ऐसी धुन बजाई थी जिसे सुनकर लोग मंत्रमुग्ध हो गए थे. राजेंद्र प्रसाद ने देश के प्रथम राष्ट्रपति के तौर पर परेड की सलामी ली थी. इस मौके पर लाखों भारतीय लोगों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया था और देश के लोगों ने गुलामी के काले दिनों को भूलकर नये भारत की इबारत लिखने का प्रण लिया था.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 26 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 12:00 PM IST

Republic Day 2024: आज देश 75वां गणतंत्र दिवस समारोह मना रहा है. देश में संविधान के लागू होने के बाद साल 1950 में देश के पहले राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने राजकीय समारोह में हिस्सा लिया था जहां उन्होंने परेड की सलामी ली थी. उन्हें उस वक्त सुबह के 10:30 बजे 31 तोपों की सलामी दी गई थी. इसके बाद दरबार हॉल में भी गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन किया गया था. बता दें कि अब राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ कर दिया गया है.

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पहले गणतंत्र दिवस पर आयोजित की गई परेड में नेवी, आर्मी, और एयरफोर्स के जवानों ने ऐसी धुन बजाई थी जिसे सुनकर लोग मंत्रमुग्ध हो गए थे. इस मौके पर लाखों भारतीय लोगों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया था और देश के लोगों ने गुलामी के कालों दिनों को भूलकर नए भारत की इबारत लिखने का प्रण लिया था जहां सबके लिए बराबरी और सम्मान जैसे मूलतत्वों को अपनाने का फैसला लिया गया था.

26 जनवरी, 1950 को भारत का नवनिर्मित संविधान लागू हुआ था, जिसने 1935 के अधिनियम को देश के सर्वोच्च शासकीय दस्तावेज़ के रूप में प्रतिस्थापित किया. डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने औपचारिक रूप से देश के प्रमुख के रूप में ब्रिटिश सम्राट की जगह लेते हुए भारत के राष्ट्रपति के रूप में अपना पहला कार्यकाल शुरू किया था.

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1950 की परेड पुराना किला के सामने इरविन एम्पीथिएटर में आयोजित की गई थी, जिसे अब मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम के नाम से जाना जाता है. राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने परेड का निरीक्षण किया और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो इसके मुख्य अतिथि थे.

देश के 75वें गणतंत्र दिवस के मौके पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन देश के मुख्य अतिथि हैं.

इसी वजह से  कर्तव्य पथ पर फ्रांसीसी सशस्त्र बलों के संयुक्त बैंड और मार्चिंग दल के मार्च पास्ट का गवाह बनेगा 30 सदस्यीय बैंड दल का नेतृत्व कैप्टन खुरदा करेंगे. 

इसके बाद 90 सदस्यीय मार्चिंग दल होगा, जिसका नेतृत्व कैप्टन नोएल करेंगे. एक मल्टी-रोल टैंकर परिवहन विमान और फ्रांसीसी वायु तथा अंतरिक्ष बल के दो राफेल लड़ाकू विमान सलामी मंच से आगे बढ़ते समय टुकड़ियों के ऊपर उड़ान भरेंगे.

'विकसित भारत' और 'भारत-लोकतंत्र की मातृका'- दोनों विषयों पर आधारित इस वर्ष की परेड में लगभग 13,000 विशेष अतिथि भाग लेंगे. यह एक ऐसी पहल है जिसमें समाज के सभी वर्ग के लोगों को इस राष्ट्रीय त्योहार में शामिल होकर उत्सव मनाने और जनभागीदारी को प्रोत्साहित करने का अवसर मिलेगा.

75वें गणतंत्र दिवस समारोह के लिए पूरी दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है और शहर भर में 70,000 से अधिक कर्मी तैनात किये गये हैं. पुलिस ने यातायात व्यवस्था पर एक एडवाइजरी जारी की गई है. वाहनों की सुचारू आवाजाही के लिए विशेष रूप से मध्य दिल्ली में प्रतिबंध लगाए गए हैं. कर्तव्य पथ पर और उसके आसपास 14,000 कर्मियों को तैनात किया गया है.

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75वें गणतंत्र दिवस के मौके पर महिला मार्चिंग टुकड़ियां परेड का प्रमुख हिस्सा होंगी, जिसमें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) और केंद्रीय मंत्रालयों की अधिकांश झांकियां देश की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता, एकता और प्रगति का प्रदर्शन करेंगी.

परेड के दौरान राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों की कुल 16 झांकियां कर्तव्य पथ पर चलेंगी.

इसमें अरुणाचल प्रदेश, हरियाणा, मणिपुर, मध्य प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, लद्दाख, तमिलनाडु, गुजरात, मेघालय, झारखंड, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना शामिल होंगे.

 

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