सर्दियों का मौसम आते ही कोहरा मुश्किलें बढ़ाता है. कोहरे का असर से सड़क के ट्रैफिक से लेकर रेल यातायात तक पर असर पड़ता है. घने कोहरे के चलते रेलगाड़ियों को कैंसिल करना पड़ता है तो वहीं, ज्यादातर ट्रेनें देरी से चलती हैं. हालांकि, यात्रियों को कोहरे की वजह से भी कोई परेशानी ना हो इसके लिए रेलवे अब लोको पायलट्स को फॉग पास डिवाइस दे रहा है. इस डिवाइस की मदद से ट्रेन को कोहरे में भी सही और सुरक्षित तरीके से चलाया जा सकता है.
क्या है फॉग पास डिवाइस?
फॉग पास एक जीपीएस आधारित नेविगेशन डिवाइस है, जो लोको पायलट को घने कोहरे की स्थिति में ट्रेन चलाने में मदद करता है. यह लोको पायलटों को सिग्नल, लेवल क्रॉसिंग गेट (मानवयुक्त और मानव रहित), स्थायी गति प्रतिबंध, तटस्थ खंड आदि जैसे निश्चित स्थलों के बारे में ऑन-बोर्ड वास्तविक समय की जानकारी (प्रदर्शन के साथ-साथ आवाज मार्गदर्शन) प्रदान करता है. इस प्रणाली से भौगोलिक क्रम में आने वाले अगले तीन निश्चित स्थलों में से लगभग 500 मीटर तक ध्वनि संदेश के साथ-साथ अन्य संकेत मिलते हैं.
कितनी ट्रेनों में है फॉग पास डिवाइस?
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क्र.सं. |
क्षेत्रीय रेलवे |
बंदोबस्त किए गए उपकरणों की संख्या |
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1 |
मध्य रेलवे |
560 |
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2 |
पूर्वी रेलवे |
1103 Advertisement |
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3 |
पूर्व मध्य रेलवे |
1891 |
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4 |
पूर्वी तटीय रेलवे |
375 |
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5 |
उत्तर रेलवे |
4491 |
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6 |
उत्तर मध्य रेलवे |
1289 |
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7 |
पूर्वोत्तर रेलवे |
1762 |
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8 |
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे |
1101 |
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9 |
उत्तर पश्चिम रेलवे |
992 |
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10 |
दक्षिण मध्य रेलवे |
1120 |
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11 |
दक्षिण पूर्व रेलवे |
2955 |
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12 |
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे |
997 |
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13 |
दक्षिण पश्चिम रेलवे |
60 |
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14 |
पश्चिम मध्य रेलवे |
1046 |
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कुल |
19742 |
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जानें क्यों खास है फॉग पास डिवाइस
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