कंबोडिया के नए साल पर भारतीय राजनयिक ने पहनी 'अप्सरा' की पोशाक

कंबोडिया में भारतीय एंबेसडर देवयानी खोबरागड़े ने कंबोडियन के नए साल के मौके पर अपनी शुभकामनाएं देने के लिए 'खमेर अप्सरा' की पोशाक पहनकर एक फोटोशूट कराया.

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कंबोडिया के नए साल पर भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े (फोटो: X/@indembcam) कंबोडिया के नए साल पर भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े (फोटो: X/@indembcam)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 15 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 9:08 AM IST

कंबोडिया (Cambodia) में भारतीय राजदूत देवयानी खोब्रोगड़े (Devyani Khobrogade) ने कंबोडियाई नव वर्ष की शुभकामनाएं देने के लिए 'खमेर अप्सरा' की पारंपरिक पोशाक पहनी, जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. भारतीय विदेश सेवा (IFS) ऑफिसर खोब्रोगड़े ने 'खमेर अप्सरा' की पोशाक में एक फोटोशूट करवाया. बता दें कि 2013 में भारत और अमेरिका के बीच पैदा हुए तनाव की वजह देवयानी खोब्रोगड़े ही थीं.

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एंबेसडर देवयानी खोबरागड़े की खमेर संस्कृति और परंपरा काफी पसंद करती हैं. खमेर नव वर्ष की खुशियों में शामिल होते हुए, उन्होंने खमेर अप्सरा के रूप में सुंदर ढंग से कपड़े पहने, जो सभ्यताओं के समृद्ध बंधन का प्रतीक है. सोशल मीडिया हैंडल India in Cambodia से किए गए पोस्ट में लिखा कि हमारे सभी दोस्तों को खमेर नव वर्ष की शुभकामनाएं. 

शिक्षा से डॉक्टर, खोबरागड़े 1999 में भारतीय विदेश सेवा (IFS) में शामिल हुईं और कई सालों तक बर्लिन, न्यूयॉर्क, इस्लामाबाद और रोम में कार्यभार संभाला. हालांकि, न्यूयॉर्क में उनकी सेवा के वक्त में एक नाटकीय मोड़ आया, जब उन्हें दिसंबर 2013 में वीजा धोखाधड़ी और झूठे बयान देने के आरोप में दक्षिणी जिला न्यूयॉर्क (SDNY) के US अटॉर्नी द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया.

एक अलग मामले में, खोबरागड़े को अपने डोमेस्टिक वर्कर को अमेरिका में अनिवार्य न्यूनतम वेतन से कम भुगतान करने के आरोपों का सामना करना पड़ा था. आरोपों को 'झूठा और निराधार' बताते हुए उन्होंने खुद का बचाव किया. आखिरकार, एक अमेरिकी अदालत ने राजनयिक छूट का हवाला देते हुए आरोपों को खारिज कर दिया.

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नई दिल्ली द्वारा उनकी राजनयिक छूट को माफ करने के लिए अमेरिका का अनुरोध ठुकराए जाने के बाद देवयानी खोबरागड़े भारत लौट आईं. इसके बाद भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में तनाव आ गया, जिसकी वजह से नई दिल्ली को भारत में अमेरिकी राजनयिकों की विशिष्ट श्रेणियों के लिए विशेषाधिकार कम करने पड़े. इसके जवाब में अमेरिका ने अपने एक राजनयिक को वापस बुला लिया.

देवयानी खोबरागड़े को 2020 में कंबोडिया में भारत के दूत के रूप में नियुक्त किया गया था.
 

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