India Today Conclave Mumbai: सोशल मीडिया के चर्चित चेहरों में शुमार अंकुर वारिकू ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के दूसरे दिन शनिवार को सफल कंटेंट क्रिएटर बनने से लेकर अपने जिंदगी से जुड़े कई पहलुओं पर बात की. उन्होंने इतने कम समय में मिली बेशुमार सफलता का राज बताते हुए कहा कि उन्होंने कभी भी वीडियो पर व्यूज (Views) और लाइक्स बटोरने की नीयत से काम नहीं किया. मेरी सफलता का राज यही है कि मैंने अपनी असफलताओं को वीडियो के जरिए लोगों के सामने रखा है.
2015 में वीडियो बनाने शुरू किए
अंकुर कहते हैं कि मैं दिल से एंटरप्रेन्योर हूं. मैंने 2019 में कुछ महीनों का ब्रेक लेने का फैसला किया था. मैंने कंटेंट क्रिएटर बनने की कोई प्लानिंग नहीं की थी. यह नेचुरली हुआ. हालांकि, मैंने 2015 में वीडियो बनाने शुरू कर दिए थे. मैंने उस समय अपना यूट्यूब पेज बनाया था और उस पर वीडियो बनाकर पोस्ट करता था. लेकिन ये वीडियो एक खास वर्ग के लिए होते थे और अंग्रेजी में बनाए जाते थे. इस वजह से मास ऑडियंस उससे कनेक्ट नहीं हो पाई. मेरा ऐसा कोई इरादा भी नहीं था. मैं स्कूल के समय से ब्लॉगिंग भी करता रहा हूं. लेकिन 2020 में मैंने मास ऑडियंस के लिए हिंग्लिंश में वीडियो भी बनाने शुरू किए.
अंकुर बताते हैं कि मैंने जिंदगी में वही किया है, जिसमें मुझे खुशी मिली है. यह जरूरी नहीं है कि जिस चीज में आप अच्छे हैं और जिस चीज को आपको करने में खुशी मिले, दोनों एक ही हो.
जिंदगी की तीन योजनाएं थीं
अंकुर ने कहा कि मेरी जिंदगी को लेकर तीन योजनाएं थीं. पहला अमेरिका से पीएचडी करना. दूसरा, स्पेस साइंटिस्ट बनकर नासा ज्वॉइन करना और तीसरा मंगल ग्रह पर जाना. मैंने अमेरिकी यूनिवर्सिटी में पीएचडी में एडमिशन भी लिया था लेकिन इसे बीच में ही छोड़ दिया.
वीडियो से 17 करोड़ रुपये कमाने की बात झूठ
अंकुर ने कहा कि जब मैंने 2015 में यूट्यूब पर कंटेंट बनाना शुरू किया था तो उसे पैशन के तौर पर नहीं लिया था. मैंने बिजनेस के नजरिए से वीडियो बनाने शुरू किए थे. लेकिन मार्च 2020 में लॉकडाउन के दौरान मैंने कंटेंट की क्वालिटी पर ध्यान देना शुरू किया.
मुझे नहीं पता आज से 5 साल बाद कहां होऊंगा.
उन्होंने कहा कि वीडियो से 17 करोड़ रुपये कमाने की बात झूठ है. इसमें कोई सच्चाई नहीं है. यूट्यूब से कमाई सिर्फ वीडियो से नहीं एड, ब्रांड कोलेबोरेशन से भी होती है. लेकिन 17 करोड़ रुपये कमाने की बात सही नहीं है.
उन्होंने कहा कि जब आप कोई भी कंटेंट क्रिएट करते हो तो उसके दो कारण होते हैं. पहला या तो आप कुछ बेचना चाहते हो. अगर ऐसा है तो लोग उसे गंभीरता से नहीं लेंगे और उस कंटेंट में ऑडियंस का ट्रस्ट नहीं होगा. दूसरा, अपने प्रॉडक्ट को ट्रस्ट इंजन की तरह देखना. इस तरह की सोच आपको डिजिटल वर्ल्ड में बहुत दूर तक ले जाएगी.
मेरी असफलताओं से लोगों ने रिलेट किया
अंकुर ने कहा कि मैं निस्वार्थ तरीके से काम करता हूं. मैं अपने निजी अनुभवों, अपनी नाकामियों को स्टोरी के रूप में पेश करता हूं. यही वजह है कि लोग उससे रिलेट करते हैं. मैंने बताया है कि मेरी सफलता के पीछे कितनी नाकामियां पिछी है. इससे लोगों में आपको लेकर एक्सेप्टेंश आती है.
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