तालिबान संग भारत ने शुरू की थी बात, फिर इन दो हरकतों से हुआ नाराज, विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया

India Today Conclave 2021: विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला (Harsh Vardhan Shringla) ने बताया कि तालिबान के साथ भारत ने बातचीत शुरू की थी. लेकिन उसने वादों से अलग कुछ काम किए जो कि अच्छी शुरुआत नहीं माने जा सकते.

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India Today Conclave 2021: विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला India Today Conclave 2021: विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 09 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 5:34 PM IST
  • विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया भारत ने तालिबान से बात की थी
  • तालिबान की कुछ हरकतों से भारत नाराज हुआ

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे ने दुनिया को झटका दिया. अमेरिका के जाने के बाद तालिबान द्वारा सरकार बनाने से पहले कई वादे किए गए. भारत ने भी उसको 'एक मौका' देते हुए बातचीत की शुरुआत की, लेकिन फिलहाल तालिबान की कुछ हरकतें भारत को पसंद नहीं आई हैं. इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2021 (India Today Conclave 2021) में बात करते हुए भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला (Harsh Vardhan Shringla) ने यह बात कही. 

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In a Volatile World: Rebalancing India’s foreign policy टॉपिक पर बात करते हुए विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि यह सही है कि फिलहाल दुनिया अस्थिर है. उन्होंने कहा कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद दुनिया ने पहली बार ऐसा संकट (कोविड) देखा जिसकी वजह से लाखों जान गईं, करोड़ों घर उजड़ गए. इसके बाद एशिया की आर्थिक अस्थिरता देखने को मिली.
 
India Today Conclave 2021 में हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि राजनीतिक, आर्थिक और तकनीकी स्तर पर क्षमताएं एशिया की तरफ शिफ्ट हो रही हैं, जिसके कुछ नुकसान भी हैं जैसे ट्रेड वार, अस्थिरता आदि.

क्या भारत ने तालिबान से बात की? इस सवाल पर विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि डिप्लोमेसी का लचीलापन और चपलता यही है कि आपको सभी से बात करनी होती है. हमने भी तालिबान से बात की. दोहा के हमारे राजदूत ने तालिबान के डेलिगेशन से मीटिंग की थी. श्रृंगला ने बताया कि तालिबान ने कई तरह के आश्वासन दिए जो कि आगे की बातचीत के लिए सकारात्मक थे. लेकिन जरूरी यह है कि ग्राउंड पर हालात क्या हैं इनपर नजर रखनी होगी.

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श्रृंगला ने बताया कि यूएन सिक्यॉरिटी काउंसिल में भी तालिबान पर बात हुई. इसमें कई प्रस्ताव पास हुए जैसे तालिबान को महिलाओं, बच्चों की सुरक्षा का ध्यान देना होगा. अफगान की जमीन का इस्तेमाल आतंक के लिए ना हो, इसका ध्यान रखना होगा. लेकिन तालिबान की तरफ से अब अच्छे संकेत नहीं दिए गए. उसने ऐसी कैबिनेट बनाई यूएन द्वारा घोषित 35 आतंकी शामिल हैं. इतना ही नहीं ISI के डीजी भी वहां नई सरकार का स्वागत करने पहुंचे थे. यह अच्छी शुरुआत नहीं है.

अफगान संकट के बाद एक्टिव थे पीएम मोदी

विदेश सचिव ने बताया कि 15 अगस्त को काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद भारत ने कई राजनयिक मीटिंग्स की थीं. पीएम मोदी भी एक्टिव थे. उन्होंने हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन, स्कॉट मॉरिसन (ऑस्ट्रेलिया के पीएम) से भी मिटिंग की. इससे पहले उन्होंने रूस के राष्ट्रपति पुतिन से बात की थी.

विदेश सचिव ने आगे कहा कि भारत मानवता के नाते अफगानों की मदद करना जारी रखेगा, लेकिन इसकी कुछ कंडीशन होंगी. बताया गया कि पिछले 20 सालों में भारत ने वहां 3 बिलियन डॉलर के करीब निवेश किया है. भारत उन देशों में शामिल है जिसने अफगान के सभी 34 प्रांतों में प्रोजेक्ट्स लगाए.

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