सीमा विवादः चीन के साथ तनाव के बीच भारत मजबूत कर रहा डिफेंस, बढ़ाई मिसाइल टेस्टिंग

सीमा पर तनावपूर्ण माहौल के बीच भारत की पनडुब्बी रोधी युद्धक क्षमताओं को बढ़ावा देने के रूप में 5 अक्टूबर को ओडिशा तट से दूर एपीजे अब्दुल कलाम आइलैंड से सुपरसॉनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो या एसएमएआरटी (SMART) का भी परीक्षण किया गया.

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पिछले दिनों SMART मिसाइल का परीक्षण किया गया (पीटीआई) पिछले दिनों SMART मिसाइल का परीक्षण किया गया (पीटीआई)

अभि‍षेक भल्ला

  • नई दिल्ली,
  • 10 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 7:27 AM IST
  • 3 अक्टूबर को शौर्य मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया
  • 5 अक्टूबर को सुपरसॉनिक मिसाइल SMART की भी हुई टेस्टिंग
  • पिछले 5 महीने से सीमा पर चीन के साथ तनाव बरकरार

भारत ने मई की शुरुआत में चीन के साथ लद्दाख में बने तनावपूर्ण माहौल के बीच पिछले कुछ हफ्तों में नई सुरक्षा क्षमताओं का आकलन करने के लिए अपनी मिसाइल टेस्टिंग का सिलसिला तेज कर दिया है. रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (DRDO) की ओर से तैयार कई मिसाइल सिस्टम की टेस्टिंग की जा रही है.


भारत ने परमाणु कौशल को बढ़ाते हुए 3 अक्टूबर को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की उन्नत संस्करण शौर्य मिसाइल का सफल परीक्षण किया था जिसकी क्षमता 1 हजार किलोमीटर की है. शौर्य सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है.

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मई की शुरुआत में चीन के साथ गतिरोध शुरू होने के बाद शौर्य अकेली मिसाइल नहीं है जिसकी टेस्टिंग की गई. इसके अलावा भी कई और मिसाइलों की टेस्टिंग की जा चुकी है.

SMART की टेस्टिंग

सीमा पर तनावपूर्ण माहौल के बीच भारत की पनडुब्बी रोधी युद्धक क्षमताओं को बढ़ावा देने के रूप में 5 अक्टूबर को ओडिशा तट से दूर एपीजे अब्दुल कलाम आइलैंड से सुपरसॉनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो या एसएमएआरटी (SMART) का भी परीक्षण किया गया.

टॉरपीडो रेंज से परे पनडुब्बी-रोधी युद्ध संचालन के लिए SMART एक हल्का एंटी-सबमरीन मिसाइल है. इस SMART से वॉर शिप में स्टैंड ऑफ क्षमता को बढ़ाने में मदद मिलेगी. टेस्टिंग के दौरान इसकी रेंज, टॉरपीडो को छोड़ने की क्षमता, एल्टीट्यूड और वेलोसिटी रिडक्शन मैकेनिज्म (VRM) पर स्थापित करने की क्षमता ने पूरी तरह से सही काम किया. SMART मिसाइल मुख्य रूप से टॉरपीडो सिस्टम का हल्का रूप है, जिसे लड़ाकू जहाजों पर तैनात किया जाएगा. 

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इससे पहले पिछले महीने 30 सितंबर को ब्रह्मोस सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल के नए संस्करण को 290 किमी से 400 किमी तक की विस्तारित रेंज के साथ परीक्षण किया गया. DRDO ने ब्रह्मोस सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया जो इस मिसाइल का अपग्रेडेड वर्जन का परीक्षण था और इसकी मारक क्षमता बढ़ाकर 400 किमी की गई है.

वहीं ब्रह्मोस लद्दाख में नहीं बल्कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के साथ अन्य क्षेत्रों में चीनी खतरे को ध्यान में रखते हुए रणनीतिक स्थानों पर तैनात हथियार प्रणालियों में से एक है.

अब रुद्रम की टेस्टिंग

भारतीय वायुसेना भी अपनी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए सुखोई 30 फाइटर जेट में मिसाइल को भी रख रही है. भारतीय वायुसेना ने पिछले पांच महीनों में लद्दाख में किसी भी चीनी युद्धपोत का सामना करने के लिए इसकी तैनात की है. इस बीच सुखोई-30 लड़ाकू विमान से शुक्रवार को पूर्वी तट से दूर एंटी-रेडिएशन मिसाइल रुद्रम (Rudram) का सफल परीक्षण किया गया है.

रुद्रम की सफल टेस्टिंग

DRDO के पूर्व वैज्ञानिक एस गुरुप्रसाद ने कहा कि यह हमारी लड़ाकू फोर्सेज के लिए बड़ी उपलब्धि है. हमारे विमान विशेष रूप से वायु रक्षा प्रणालियों में दुश्मन के ठिकानों को नष्ट कर सकते हैं. लेफ्टिनेंट जनरल (retd) गुरमीत सिंह कहते हैं कि यह दुश्मन की हवाई रक्षा के जवाब में रणनीतिक बढ़त प्रदान करेगा और यह सप्रेसन ऑफ एनिमी एयर डिफेंस है, जिसे हम SEAD कहते हैं.

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चीन की ओर से मिसाइल तैनाती के जवाब में भारत ने सतह से सतह पर 1,000 किमी तक मार करने वाली मिसाइल निर्भय को लगाया है. DRDO के जल्द ही निर्भय मिसाइल के एक और परीक्षण की संभावना है.

सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड और लद्दाख की सीमा से लगे क्षेत्रों में नई चीनी मिसाइल साइटें आई हैं. आकाश एयर डिफेंस सिस्टम किसी भी हवाई खतरे को देखते हुए संवेदनशील स्थानों पर लगाए जा चुके हैं. भारत परमाणु सक्षम अग्नि 5 मिसाइल सीरीज को बढ़ा रहा है, जिसकी मारक क्षमता 5,000 किलोमीटर से अधिक की है.

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