म्यांमार में संघर्ष के दौरान भारतीय सीमा मिजोरम में घुसे म्यांमार के 43 सैनिकों में से 40 सैनिकों को म्यांमार की सैन्य सरकार को सौंप दिया गया. मिलिशिया समूह पीपुल्स डिफेंस फोर्स ने पड़ोसी देश के चिन राज्य में दो सैन्य ठिकानों पर कब्जा कर लिया था, इसके बाद सैनिक मिजोरम भाग आए थे. उन्हें मंगलवार को म्यांमार की सैन्य सरकार को सौंपा गया है. एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि पीडीएफ द्वारा चिन राज्य के रिहखावदार और खावमावी में दो सैन्य ठिकानों पर छापे के बाद सोमवार को सैनिकों ने चंफाई जिले के ज़ोखावथर में मिजोरम पुलिस से संपर्क किया था.
अधिकारी के मुताबिक 'म्यांमार के 40 सैनिक जोखावथर भाग आए और सोमवार को मिजोरम पुलिस से संपर्क किया, जबकि तीन अन्य ने मंगलवार को भी ऐसा ही किया.'' उन्होंने कहा कि लगभग 40 म्यांमार सैनिकों को असम राइफल्स को सौंप दिया गया, जिसने उन्हें मंगलवार को म्यांमार के तमू में म्यांमार की सैन्य सरकार को सौंप दिया. ''बाकी सैनिकों को भी वापस भेजा जाएगा. ''
राज्य के गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रविवार से म्यांमार सेना और लोकतंत्र समर्थक विद्रोही समूहों के बीच भारी गोलीबारी के बाद चिन राज्य से लगभग 2,500 से 5,000 लोग मिजोरम भाग गए हैं. चम्फाई के डिप्टी कमिश्नर जेम्स लालरिंचना ने पुष्टि की कि विद्रोहियों ने रिहखावदार और खावमावी में दो सैन्य ठिकानों पर हमला किया.
अधिकारियों ने बताया कि जवाबी कार्रवाई में म्यांमार की सेना ने भी इन दोनों जगहों पर हवाई हमले किए. ज़ोखावथर ग्राम परिषद के अध्यक्ष लालमुआनपुइया ने दावा किया कि हवाई हमलों में पीडीएफ के कम से कम सात सदस्य मारे गए हैं. ज़ोखावथार और खावमावी भारत-म्यांमार सीमा के साथ बहने वाली तियाउ नदी द्वारा विभाजित निकट निकटता में स्थित हैं, जबकि रिहखावदार ज़ोखावथार से लगभग 4 किमी दूर है.
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