भारतीय रेलवे को हमारे देश की लाइफ लाइन कहा जाता है क्योंकि हमारे देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा रोजाना रेलवे के सफर में रहता है. रेल यात्रा को सुखद और सुविधाजनक बनाने के लिए रेलवे के द्वारा तमाम नियम कानून और कायदे बनाए गए हैं ताकि यात्रा के दौरान किसी भी पैसेंजर को असुविधा न हो. हम आपको रेलवे के इन्हीं कुछ नियमों के बारे में बताएंगे. ताकि आपके रेल का सफर सुखद और आरामदायक हो सके. ट्रेन के थ्री टियर कोच में सफर करने के क्या नियम हैं.
वहीं, यात्रा के दौरान मोबाइल फोन के इस्तेमाल को लेकर किस तरह के नियम बनाए गए हैं, यह भी जानकारी देंगे कि यात्रा के दौरान ट्रेन की ड्यूटी द्वारा टिकट चेक करने के क्या नियम हैं.
जानिए स्लीपर क्लास में मिडिल बर्थ को लेकर क्या हैं नियम?
दरअसल, भारतीय रेलवे में यात्रा के दौरान अक्सर इस तरह की खबरें आती हैं कि थ्री टियर कोच में दिन में यात्रा के दौरान मिडिल बर्थ खोलने को लेकर यात्रियों के बीच बहस हो गई लेकिन रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए स्लीपर क्लास और एक क्लास के 3 टायर कोचों में मिडिल बर्थ को लेकर भी नियम बनाए हैं कि इसे कितने बजे से कितने बजे तक खोला जा सकता है. अगर आप थ्री टियर कोच में सफर करते हैं तो सबसे ज्यादा समस्या बड़ी समस्या मिडिल बर्थ को लेकर आती है. अक्सर ऐसा देखा जाता है कि देर रात तक लोअर बर्थ का यात्री अपनी सीट पर बैठा रहता है. जिसकी वजह से मिडिल बर्थ का यात्री अपनी सीट को खोल नहीं पाता या फिर ऐसा भी होता है कि मिडिल बर्थ का यात्री देर रात तक लोअर पर बैठा रहता है. जिसकी वजह से लोअर बर्थ के यात्री को सोने में कठिनाई होती है.
यही नहीं, कभी-कभी ऐसा भी मामला सामने आता है, जिसमें दिन में भी मिडिल बर्थ का यात्री अपनी सीट को खोलकर उस पर सोता है. जिसकी वजह से लोअर बर्थ और अपर बर्थ के यात्रियों को लोअर बर्थ पर बैठने में परेशानी होती है. ऐसे में रेलवे ने नियम बनाया है कि रात के 10:00 बजे से सुबह के 6:00 बजे तक आप मिडिल बर्थ को खोल सकते हैं. इसके अलावा अगर दिन में मिडिल बर्थ का आपका सहयात्री अपनी सीट को खोलता है तो आप उसे रेलवे के इस नियम को बता कर मना कर सकते हैं.
साथ ही अगर लोअर बर्थ का यात्री रात के 10:00 बजे के बाद भी अपनी सीट पर बैठा रहता है और आपको सोने में कठिनाई हो रही है तो आप उसे इस नियम का हवाला देकर अपनी सीट खोल सकते हैं.
साइड की सीट पर भी यात्रा करने वालों के लिए नियम बनाए गए हैं. इस नियम के अनुसार, साइड-अपर बर्थ के यात्री सुबह 6:00 से रात 10:00 बजे तक लोअर बर्थ पर बैठ सकते हैं लेकिन रात 10:00 बजे से सुबह 6:00 तक अपर बर्थ के यात्री लोअर बर्थ पर नहीं आ सकते. इसी तरह अगर जिन लोगों को साइड लोअर बर्थ RAC में कन्फर्म हुआ है तो उस दिशा में साइड अपर बर्थ का यात्री दिन में यात्रा के दौरान लोअर बर्थ पर बैठ सकता है.
रात 10:00 बजे के बाद टीटी नहीं चेक कर सकता टिकट!
अक्सर रेल यात्रियों को शिकायत रहती थी कि उनके सो जाने के बाद टीटी टिकट चेक करने के नाम पर जगा देते हैं. जिससे उनकी नींद में खलल पड़ता है और उनको परेशानी का सामना करना पड़ता है. यात्रियों इस की समस्या को दूर करने और सफर को आरामदायक और सुविधाजनक बनाने के लिए रेलवे ने नियम बनाया है कि रात के 10:00 बजे से लेकर सुबह 6:00 बजे तक यात्रियों के सोते वक्त टीटी टिकट चेक नहीं कर सकता.
रिजर्व टिकट के साथ यात्रा करने वाले उन यात्रियों को रात में 10:00 बजे से सुबह 6:00 बजे तक चेकिंग स्टाफ टिकट चेक करने के नाम पर परेशान नहीं कर सकता जिनका टिकट ऑलरेडी चेक हो चुका है लेकिन रेलवे का यह नियम उन यात्रियों पर लागू नहीं होता, जिनकी यात्रा रात के 10:00 बजे के बाद शुरू होती है या फिर ट्रेन के खुलने का समय ही रात्रि के 10:00 के बाद का हो. साथ ही अगर विजिलेंस की टीम किसी सूचना के आधार पर चेकिंग करना चाहे तो दिन या रात किसी भी वक्त वह चेकिंग कर सकती है. इस स्थिति में भी रात के समय टिकट चेक किया जा सकता है जब किसी यात्री का टिकट पहले से चेक ना किया गया हो.
रात के 10:00 बजे के बाद मोबाइल पर बिना ईयर फोन गाना सुनने या वीडियो देखने पर पाबंदी
यात्रा के दौरान अक्सर लोग मोबाइल फोन पर गाना सुनते हैं या वीडियो देखते रहते हैं, जिसकी वजह से अन्य यात्रियों को काफी परेशानी होती है. बहुत से ऐसे रेलयात्री होते हैं, जो बिना इयरफोन का इस्तेमाल किए ही अपने मोबाइल फोन पर गाना सुनते रहते हैं या वीडियो प्ले करते रहते हैं. जिसके चलते अन्य यात्रियों को परेशानी और असुविधा होती है. ऐसे मे रेलवे के नियम के अनुसार, रात के 10:00 बजे के बाद यात्री बिना ईयर फोन के मोबाइल का इस्तेमाल नहीं कर सकता ताकि अन्य यात्रियों की नींद में खलल न पड़े.
उदय गुप्ता